न्यूज़क्लिक का ट्विटर एकाउंट ऐसे समय में निलंबित किया गया है, जब कुछ ही दिन पहले भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने इस पर ‘चीनी प्रोपेगेंडा’ प्रकाशित करने का आरोप लगाया था. न्यूज़क्लिक की तरफ से बताया गया है कि उन्हें ट्विटर हैंडल के सस्पेंड होने के बारे में सूचित करने वाला कोई ईमेल नहीं मिला.
नई दिल्ली: भाजपा द्वारा ‘चीनी प्रोपेगेंडा’ प्रकाशित करने का आरोप लगाने के कुछ दिनों बाद स्वतंत्र समाचार संगठन ‘न्यूज़क्लिक’ का ट्विटर एकाउंट निलंबित कर दिया गया है.
रिपोर्ट के अनुसार, न्यूज़क्लिक संपादकीय टीम के एक सूत्र ने कहा, ‘हमें वेबसाइट के ट्विटर हैंडल के सस्पेंड होने के बारे में सूचित करने वाला कोई ईमेल नहीं मिला है. हमने एक अपील दायर की है और अब उनकी प्रतिक्रिया का इंतजार है.’
इससे पहले 7 अगस्त को द वायर ने एक रिपोर्ट में बताया था कि कैसे भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने 7 अगस्त को लोकसभा में न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया था कि कांग्रेस नेताओं और न्यूज़क्लिक को’भारत विरोधी’ माहौल बनाने के लिए चीन से धन मिला था.
न्यूयॉर्क टाइम्स रिपोर्ट शनिवार, 5 अगस्त को प्रकाशित हुई थी. दुबे ने संसद में कहा था, ‘राहुल गांधी की ‘नफरत की दुकान में चीनी ‘सामान’ है.’ उन्होंने लेख का हवाला देते हुए दावा किया था कि न्यूज़क्लिक को 38 करोड़ रुपये मिले हैं.
इसके बाद न्यूज़क्लिक के मालिक प्रबीर पुरकायस्थ ने एक बयान जारी कर कहा था कि न्यूज़क्लिक पर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी या अन्य हितों के मुखपत्र के रूप में लेकर लगाए गए आरोप गलत हैं.’
इसके बाद, चार मीडिया निकायों – प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, भारतीय महिला प्रेस कोर, दिल्ली यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स एंड प्रेस एसोसिएशन – ने एक संयुक्त बयान जारी कर इस मीडिया संस्थान को निशाना बनाने वाले अभियान पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा था कि इसे ‘चीन का मुखपत्र’ बताने के आरोप अनुचित और निंदनीय’ हैं.
उल्लेखनीय है कि इस साल जून में ट्विटर के पूर्व मालिक और सह-संस्थापक जैक डोर्सी ने कहा था कि नरेंद्र मोदी सरकार ने किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान आधिकारिक नीति की आलोचना करने वाले पत्रकारों की सामग्री को हटाने के लिए ट्विटर से ‘कई अनुरोध’ किए थे और भारत में ट्विटर को बंद करने और इसके कर्मचारियों के घरों पर छापा मारने की धमकी भी दी थी.
इसके बाद ट्विटर के नए मालिक एलन मस्क देश के नियमों का पालन करने के इच्छुक रहे हैं. उन्होंने इस साल अप्रैल में बीबीसी को बताया था कि ऐसी स्थिति, जहां ट्विटर कर्मचारियों को जेल भेजा जा सकता है, का सामना करने के बजाय वे भारत सरकार द्वारा जारी ब्लॉकिंग आदेशों का पालन करेंगे.