महिला जूनियर एथलेटिक कोच ने हरियाणा सरकार में राज्य मंत्री और भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान संदीप सिंह पर दिसंबर 2022 में यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था, जिसके बाद उनके ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की गई थी.
नई दिल्ली: हरियाणा सरकार में राज्य मंत्री और भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान संदीप सिंह पर यौन दुर्व्यवहार का आरोप लगाने वाली महिला जूनियर एथलेटिक कोच को हरियाणा खेल विभाग ने निलंबित कर दिया है.
महिला कोच ने दिसंबर 2022 में केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ में सिंह के खिलाफ पहली एफआईआर दर्ज कराई थी. उन्होंने संदीप सिंह पर लगाए गए आरोपों को फिर से दोहराया है.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, निलंबन आदेश में कारण नहीं बताया गया है, हालांकि कोच का कहना है कि ऐसा इसलिए किया गया है, क्योंकि वह कोई समझौता करने और मामले को निपटाने से इनकार कर रही हैं.
खेल विभाग के निदेशक यशेंद्र सिंह ने 11 अगस्त के एक आदेश में कहा है, ‘जिला खेल अधिकारी, पंचकुला के कार्यालय में तैनात जूनियर एथलेटिक कोच की सेवाओं को बिना किसी पूर्वाग्रह के तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.’
रिपोर्ट के अनुसार, महिला द्वारा मंत्री संदीप सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के सात महीने बाद खेल विभाग द्वारा यह कार्रवाई क्यों की गई, यह जानने के लिए सिंह से संपर्क किया गया, लेकिन वह टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं हो सके.
इस संबंध में महिला कोच ने कहा, ‘हां, मुझे निलंबित कर दिया गया है. मुझ पर समझौता करने (केस वापस लेने) का दबाव बनाया जा रहा है. मुझे मेरे निलंबन के कारणों के बारे में सूचित नहीं किया गया है. मुझे नहीं पता कि उन्होंने यह कदम क्यों उठाया है. यह सरकार के लिए मुझ पर दबाव डालने का एक और तरीका है, लेकिन मैं झुकने वाली नहीं हूं.’
चंडीगढ़ पुलिस ने महिला की शिकायत के आधार पर 31 दिसंबर, 2022 की रात संदीप सिंह पर यौन उत्पीड़न के आरोप में मामला दर्ज किया था.
सिंह के खिलाफ एफआईआर चंडीगढ़ में दर्ज की गई थी, जहां कथित अपराध के लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से हमला या आपराधिक बल), 354ए (यौन उत्पीड़न), 354बी (हमला या आपराधिक बल), 342 (गलत तरीके से कैद करना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत दर्ज हुआ था.
मामला दर्ज होने के एक सप्ताह बाद सिंह से खेल एवं युवा मामलों के विभाग का प्रभार वापस ले लिया गया. हालांकि, उनके पास मुद्रण और स्टेशनरी विभाग का प्रभार बरकरार रखा था.
मंत्री ने आरोपों को झूठा बताते हुए खारिज कर दिया है और हरियाणा सरकार का रुख रहा है कि जांच चल रही है और केवल आरोप और एफआईआर दर्ज करने से यह साबित नहीं होता है कि आरोपी दोषी है.
एफआईआर दर्ज होने के बाद चंडीगढ़ प्रशासन ने 1 जनवरी को एक महिला आईपीएस अधिकारी की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था. एसआईटी ने एफआईआर में आईपीसी की धारा 509 जोड़ी थी, जो महिला की गरिमा का अपमान करने का एक और आरोप था.
शिकायतकर्ता ने कहा कि सितंबर 2022 में हरियाणा खेल विभाग में जूनियर एथलेटिक्स कोच के रूप में नियुक्ति से पहले वह इंस्टाग्राम और स्नैपचैट के माध्यम से आरोपी के संपर्क में आई थीं.
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, शिकायतकर्ता ने कहा है कि आरोपी ने उसे नौकरी से संबंधित दस्तावेजों को सत्यापित करने के लिए 2 मार्च, 2022 और 1 जुलाई, 2022 को चंडीगढ़ में अपने आधिकारिक आवास पर मिलने के लिए कहा और उसका यौन उत्पीड़न किया. उनके अन्य आरोपों में यह था कि आरोपी ताऊ देवीलाल पंचकुला में उनके प्रशिक्षण में समस्याएं पैदा कर रहा था और विदेश में प्रशिक्षण के उनके अनुरोध को रोक रहा था.
ज्ञात हो कि इससे पहले भी महिला कोच ने आरोप लगाया था कि उन्हें शिकायत वापस लेने के लिए धन की पेशकश की जा रही है और चुप रहने के लिए दबाव डाला जा रहा है. उन्होंने तब यह दावा भी किया था कि मुख्यमंत्री खट्टर मामले की जांच को प्रभावित कर रहे हैं.