मणिपुर के कुकी-ज़ोमी विधायकों की पहाड़ी ज़िलों के अलग प्रशासन की मांग समेत अन्य ख़बरें

द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.

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(फोटो: द वायर)

मणिपुर में सौ दिन से अधिक समय से जारी हिंसा के बीच कुकी-ज़ोमी समुदाय से आने वाले के 10 विधायकों ने राज्य के पहाड़ी जिलों के लिए अलग डीजीपी, मुख्य सचिव का पद स्थापित करने की मांग की है. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपे गए ज्ञापन में विधायकों ने कहा कि यह उनके समुदाय के निवास वाले क्षेत्रों के ‘कुशल प्रशासन’  के लिए ज़रूरी है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि चल रहे जातीय संघर्ष के परिणामस्वरूप उपजे गहरे विभाजन का मतलब है कि ये क्षेत्र राजधानी इंफाल से पूरी तरह से कट गए हैं. जिन पांच पहाड़ी ज़िलों के नाम इन विधायकों ने लिए हैं, वे चूड़ाचांदपुर, कांगपोकपी, चंदेल, तेंगनौपाल और फेरज़ावल हैं. इन विधायकों में से आठ भाजपा सदस्य हैं. उन्होंने यह भी कहा कि ‘कुकी-ज़ो जनजातियों से संबंधित प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी भी काम करने में असमर्थ हैं क्योंकि इंफाल घाटी भी हमारे लिए मौत की घाटी बन गई है.’

राजस्थान के कोटा में फिर एक कोचिंग छात्र द्वारा आत्महत्या करने का मामला सामने आया है. हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, 15 अगस्त को इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) की तैयारी कर रहे महावीर नगर में रहने वाले एक 18 वर्षीय छात्र ने ख़ुदकुशी कर ली. इस महीने जिले में कोचिंग छात्रों द्वारा आत्महत्या का यह चौथा मामला है और इस साल की ऐसी 21वीं घटना है, जो आठ वर्षों में सबसे अधिक है.

जयपुर-मुंबई एक्सप्रेस में चार लोगों की हत्या के आरोपी आरपीएफ कॉन्स्टेबल चेतन सिंह चौधरी को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, चौधरी की बर्खास्तगी का आदेश 14 अगस्त को आरपीएफ के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त, मुंबई सेंट्रल द्वारा जारी किया गया था. अख़बार ने यह भी बताया है कि चौधरी के एक मुस्लिम व्यक्ति के कथित उत्पीड़न से जुड़े मामले सहित कम से कम तीन घटनाओं में शामिल होने की बात पता चली है, जिसके लिए उन्हें जांच का सामना करना पड़ा था.

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में 15 से अधिक चर्चों पर हमलों और तोड़फोड़ के बाद सौ से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है. सीएनएन के अनुसार, पाकिस्तान के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनसीएचआर) के अनुसार, बुधवार से कम से कम छोटी-बड़ी 17 चर्चों में तोड़फोड़ की गई है. ये हमले एक ईसाई व्यक्ति पर ईशनिंदा करने और कुरान का अपमान करने का आरोप लगने के बाद हुए. पंजाब सरकार के एक प्रवक्ता ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि 5,000 से अधिक लोगों की भीड़ चर्चों पर हमला करने के लिए जारनवाला शहर के आसपास समूहों में एकत्रित हुई थी, लेकिन पुलिस ने हमले को रोक दिया.

मध्य प्रदेश में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि अगर कांग्रेस राज्य की सत्ता में आई तो वे बजरंग दल पर प्रतिबंध नहीं लगाएंगे. एनडीटीवी के अनुसार, भोपाल में प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में मीडिया से बातचीत में सिंह ने कहा कि हम बजरंग दल पर प्रतिबंध नहीं लगाएंगे क्योंकि बजरंग दल में कुछ अच्छे लोग भी हो सकते हैं. लेकिन हम दंगों में शामिल किसी को भी नहीं छोड़ेंगे. ज्ञात हो कि कर्नाटक विधानसभा से पहले पार्टी ने सरकार बनने पर बजरंग दल बैन करने का वादा किया था.

राजस्थान के जोधपुर हाईकोर्ट ने वन रक्षक परीक्षा के मेडिकल में महिला अभ्यर्थियों की छाती मापने के नियम को मनमाना और अपमानजनक बताया है. लाइव लॉ के अनुसार, अदालत तीन ऐसी अभ्यर्थियों की याचिका सुन रही थी, जो शारीरिक परीक्षण में पास हो गई थीं, लेकिन छाती के माप संबंधी पैमाने पर उन्हें पात्र नहीं पाया गया था. अदालत ने इस नियम को बनाने में अधिकारियों द्वारा स्पष्ट रूप से संवेदनशीलता की कमी बताते हुए कहा कि यह अपमानजनक है और यह एक महिला की गरिमा पर स्पष्ट आघात है. साथ ही भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 के तहत निजता के अधिकार की गारंटी दी गई है, जिसका यह उल्लंघन करता है. कोर्ट ने अधिकारियों से इस नियम पर दोबारा विचार करने की कहते हुए यह भी जोड़ा कि महिला उम्मीदवार के मामले में छाती का आकार और उसका विस्तार आवश्यक रूप से शारीरिक फिटनेस और फेफड़ों की क्षमता के लिटमस टेस्ट का सूचक नहीं हो सकता.

हरियाणा के नूंह में कई हिंदू दक्षिणपंथी समूहों के दोबारा ‘यात्रा’ शुरू करने के ऐलान के बाद पुलिस प्रमुख ने कहा है कि यात्रा में हथियार ले जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी. द ट्रिब्यून के मुताबिक, नूंह के एसपी नरेंद्र बिजारनिया ने बताया कि उन्हें अभी तक इस तरह के आयोजन की अनुमति के लिए अनुरोध नहीं मिला है. लेकिन अगर यात्रा की अनुमति दी जाती है, तो भी हम इसे जिले में शांति भंग नहीं करने देंगे. हम संवेदनशील इलाकों से यात्रा नहीं गुजरने देंगे या हथियार ले जाने की इजाजत नहीं देंगे. इसमें भाग लेने वालों की संख्या भी सीमित रहेगी. यात्रा से पहले सांप्रदायिक या भड़काऊ भाषण देने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा. ज्ञात हो कि 31 जुलाई को निकाली गई एक ऐसी यात्रा के समय सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी, जिसके बाद छह लोगों की मौत जो गई थी.