एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और नेशनल इलेक्शन वॉच (एनईडब्ल्यू) ने 233 राज्यसभा सांसदों में से 225 के आपराधिक, वित्तीय और अन्य पृष्ठभूमि विवरणों का विश्लेषण किया है. भाजपा के 85 राज्यसभा सांसदों में से लगभग 23 कांग्रेस के 30 सांसदों में से 12 और टीएमसी के 13 सांसदों में से 4 ने अपने ख़िलाफ़ आपराधिक मामले घोषित किए हैं.
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नई दिल्ली: एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स अपने एक विश्लेषण में बताया है कि राज्यसभा के लगभग 12 प्रतिशत मौजूदा सांसद अरबपति हैं और आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में ऐसे सांसदों का प्रतिशत सबसे अधिक है.
द प्रिंट में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और नेशनल इलेक्शन वॉच (एनईडब्ल्यू) ने 233 राज्यसभा सांसदों में से 225 के आपराधिक, वित्तीय और अन्य पृष्ठभूमि विवरणों का विश्लेषण और अद्यतन किया है.
रिपोर्ट के मुताबिक, मौजूदा राज्यसभा में एक सीट खाली है. आंध्र प्रदेश के 11 सांसदों में से 5 (45 फीसदी), तेलंगाना के 7 सांसदों में से 3 (43 फीसदी), महाराष्ट्र के 19 सांसदों में से 3 (16 प्रतिशत), दिल्ली के 3 सांसदों में से 1 (33 प्रतिशत), पंजाब के 7 सांसदों में से 2 (29 प्रतिशत), हरियाणा के 5 सांसदों में से 1 (20 प्रतिशत) और मध्य प्रदेश के 11 सांसदों में से 2 (18 प्रतिशत) ने 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति घोषित की है.
तेलंगाना से विश्लेषण किए गए सात संसद सदस्यों (सांसदों) की कुल संपत्ति 5,596 करोड़ रुपये है, आंध्र प्रदेश से 11 सांसदों की कुल संपत्ति 3,823 करोड़ रुपये और उत्तर प्रदेश से 30 सांसदों की कुल संपत्ति 1,941 करोड़ रुपये है.
विश्लेषण किए गए 225 राज्यसभा सांसदों में से 75 (33 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं.
इसके अलावा लगभग 41 (18 प्रतिशत) राज्यसभा सांसदों ने गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं और दो सदस्यों ने अपने खिलाफ हत्या (आईपीसी धारा 302) से संबंधित मामले घोषित किए हैं.
चार राज्यसभा सांसदों ने महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित मामलों की घोषणा की है. राजस्थान से एक राज्यसभा सांसद कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल ने अपने खिलाफ बलात्कार (आईपीसी धारा 376) से संबंधित मामला घोषित किया है.
भाजपा के 85 राज्यसभा सांसदों में से लगभग 23 (27 प्रतिशत), कांग्रेस के 30 सांसदों में से 12 (40 प्रतिशत), टीएमसी के 13 सांसदों में से 4 (31 प्रतिशत), राजद के 6 सांसदों में से 5 (83 प्रतिशत), सीपीआई (एम) के 5 सांसदों में से 4 (80 प्रतिशत), आप के 10 सांसदों में से 3 (30 प्रतिशत), वाईएसआरसीपी के 9 में से 3 (33 प्रतिशत) और एनसीपी के 3 राज्यसभा सांसदों में से 2 (67 प्रतिशत) ने हलफनामे में अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं.