वी-20 सम्मेलन की अनुमति से इनकार के बाद आयोजक बोले, हम पुलिस स्टेट बनने के ​क़रीब पहुंच गए हैं

वी-20 शिखर सम्मेलन दिल्ली के एचकेएस सुरजीत भवन में आयोजित किया जा रहा था, जिसका स्वामित्व भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के पास है. इससे पहले बीते 19 अगस्त पुलिस ने कार्यक्रम को बाधित करने का प्रयास किया था, लेकिन लोगों के विरोध के बाद अंतत: इसे जारी रहने दिया.

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(फोटो साभार: फेसबुक/Banglar Manabadhikar Suraksha Mancha)

वी-20 शिखर सम्मेलन दिल्ली के एचकेएस सुरजीत भवन में आयोजित किया जा रहा था, जिसका स्वामित्व भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के पास है. इससे पहले बीते 19 अगस्त पुलिस ने कार्यक्रम को बाधित करने का प्रयास किया था, लेकिन लोगों के विरोध के बाद अंतत: इसे जारी रहने दिया.

(फोटो साभार: फेसबुक/Banglar Manabadhikar Suraksha Mancha)

नई दिल्ली: दिल्ली में आयोजित होने वाले तीन दिवसीय वी-20 (We-20) शिखर सम्मेलन के आयोजकों को इसके आखिरी दिन रविवार (20 अगस्त) को एक नोटिस मिला है, जिसमें कहा गया है कि कार्यक्रम की अनुमति देने से इनकार कर दिया गया है. इस कार्यक्रम को बीते शनिवार (19 अगस्त) को भी पुलिस द्वारा बाधित किया गया था.

यह कार्यक्रम दिल्ली के एचकेएस सुरजीत भवन में आयोजित किया जा रहा था, जिसका स्वामित्व भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के पास है.

दिल्ली पुलिस द्वारा 19 अगस्त को लिखे गए इस पत्र के बारे में आयोजकों का कहना है कि यह उन्हें 20 अगस्त की सुबह मिला.

पत्र में दिल्ली पुलिस ने कहा है कि आयोजकों के अनुरोध पर ‘विचार किया गया है, लेकिन कानून एवं व्यवस्था/यातायात कारणों और सभा, आगंतुकों आदि से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी की अनुपलब्धता के कारण, जो माननीय दिल्ली हाईकोर्ट आदेश के अनुसार आवश्यक है, कार्यक्रम की अनु​मति को अस्वीकार कर दिया गया है’.

इसके जवाब में जारी एक बयान में वर्किंग ग्रुप ऑफ इंटरनेंशनल फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशंस के तत्वावधान में कार्यक्रम के आयोजकों ने कहा है कि वे ‘हैरान हैं कि हमें लोकतंत्र का अभ्यास करने के लिए’ अनुमति ‘की आवश्यकता है’.

बयान में कहा गया है, ‘आधिकारिक जी-20 शिखर सम्मेलन में हमारे ‘लोकतंत्र की जननी’ होने का दावा किया जा रहा है, वी-20 पीपुल्स शिखर सम्मेलन को लेकर हमने जो स्थिति देखी है, वह केवल यह दर्शाती है कि कैसे हम एक पुलिस राज्य (Police State) बनने के करीब पहुंच रहे हैं. जहां चार दीवारों के अंदर संवाद, विचार-विमर्श और विचारों पर भी निगरानी रखी जा रही है.’

आयोजकों की ओर से कहा गया, ‘जहां जी-20 देश अगले महीने अपना शिखर सम्मेलन शुरू करेंगे, यह ऐसा होगा जो लोगों और उनकी वास्तविक चिंताओं के बारे में कम और उनके आकाओं की नवउदारवादी नीतिगत नुस्खों के बारे में ज्यादा होगा, जिसने हमें संकट में डाल दिया है.’

बयान के अनुसार, ‘हमें खुशी है कि वी-20 पीपुल्स समिट ने हमें मौका दिया, जहां असमानता, जलवायु संकट, न्यायसंगत ऊर्जा परिवर्तन, श्रम अधिकार, सामाजिक सुरक्षा, कृषि का निगमीकरण, प्राकृतिक संसाधनों पर हमले जैसे वास्तविक मुद्दों पर चर्चा की जा सकी और वास्तविक विकल्पों पर विचार-विमर्श किया जा सका.’

कार्यक्रम के तीसरे दिन ‘रिइमैजिनिंग सिटीज’, ‘फासिज्म एंड मारजिनलाजेशन’ और ‘रिक्लेमिंग आर्स रिसोर्सेस’ पर सत्र होने थे. वक्ताओं में मेधा पाटकर, वर्जिनियस ज़ाक्सा, अमृता जौहरी और अन्य सहित कई प्रसिद्ध कार्यकर्ता और शिक्षाविद शामिल थे.

बाकी दिन को एक सांस्कृतिक कार्यक्रम के रूप में प्लान किया गया था, जिसमें प्रगतिशील थियेटर समूहों, क्रांतिकारी संगीत गाने वाले बैंड और एक स्टैंड-अप कॉमेडी का प्रदर्शन होना था.

इससे पहले द वायर ने रिपोर्ट किया है कि शनिवार को इस कार्यक्रम में अचानक पुलिस कार्रवाई देखी गई. पुलिस ने शुरू में लोगों को वहां से चले जाने के लिए कहा, लेकिन लोगों के विरोध करने के बाद वे रुक गए और फिर सुरजीत भवन में प्रवेश को रोकने तक ही सीमित रहे. लोगों और वक्ताओं के अपनी बात पर अड़े रहने के बाद पुलिस ने कार्यक्रम को दिन भर जारी रखने की अनुमति दी.

सांसदों, शिक्षाविदों और कार्यकर्ताओं सहित वक्ताओं ने कहा कि वी-20 शिखर सम्मेलन पर अचानक पुलिस कार्रवाई, जो भारत द्वारा आयोजित होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए महत्वपूर्ण है, लोकतंत्र के पैमाने पर भारत की गंभीर गिरावट को दर्शाता है.

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