केंद्र सरकार द्वारा ‘द कश्मीर वाला’ न्यूज़ वेबसाइट को ब्लॉक करने समेत अन्य ख़बरें

द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.

(फोटो: द वायर/pixabay)

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केंद्र सरकार ने श्रीनगर के स्वतंत्र मीडिया संस्थान ‘द कश्मीर वाला’ की वेबसाइट को ब्लॉक कर दिया है. द वायर के लिए जहांगीर अली की रिपोर्ट बताती है कि इस संस्थान के सोशल मीडिया एकाउंट पर भी रोक लगी है. ‘द कश्मीर वाला’ के संस्थापक-संपादक फहद शाह आतंकवाद के आरोप में 18 महीने से जम्मू जेल में बंद हैं, जबकि इसके ट्रेनी पत्रकार सज्जाद गुल भी जनवरी 2022 से जन सुरक्षा अधिनियम के तहत उत्तर प्रदेश में जेल में बंद हैं. संस्थान ने एक बयान में कहा है कि सरकार की इस कार्रवाई के अलावा उन्हें श्रीनगर में अपने मकान मालिक से दफ़्तर ख़ाली करने का नोटिस भी मिला है. बयान में यह भी बताया गया है कि उन्हें वेबसाइट ब्लॉक होने की वजह नहीं मालूम है और न ही उन्हें इस बाबत कोई नोटिस या आधिकारिक आदेश मिला.

उत्तर प्रदेश में एक मुस्लिम नाबालिग की पीट-पीटकर हत्या के आरोप में पांच पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की गई है. द वायर पर प्रकाशित उमर राशिद की रिपोर्ट के मुताबिक, मामला बरेली ज़िले का है, जहां बीते 17 अप्रैल को मुस्लिम किशोर की पीट-पीटकर हत्या हुई थी. अब चार महीने बाद इसके लिए बिथरी चैनपुर थाने के पांच पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया है. किशोर के पिता का आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने न सिर्फ़ उनके बेटे के साथ बर्बर तरीके से मारपीट की थी, बल्कि उससे 30 हज़ार से अधिक रुपये भी लूट लिए थे.  घटना के वक्त बरेली पुलिस का कहना था कि किशोर की मौत एक दुर्घटना में हुई थी.

मणिपुर में सौ दिन से अधिक समय से जारी हिंसा के बीच कांगपोकपी ज़िले में दो राष्ट्रीय राजमार्गों पर अनिश्चितकालीन नाकाबंदी कर दी गई है. पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, कमेटी ऑन ट्राइबल यूनिटी (सीओटीयू) ने मणिपुर के पहाड़ी इलाकों में कुकी-ज़ो समुदायों को आवश्यक वस्तुओं की पर्याप्त आपूर्ति की मांग करते हुए दो राष्ट्रीय राजमार्गों एनएच-2 और एनएच-37 पर नाकाबंदी शुरू कर दी. एनएच-2 इंफाल को नगालैंड के दीमापुर से जोड़ता है और एनएच-37 जो इंफाल को असम के सिलचर से जोड़ता है. एक अन्य जनजातीय संगठन कुकी-ज़ो डिफेंस फोर्स ने भी चेतावनी दी कि अगर कुकी-ज़ो समुदाय वाले क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुओं और दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित नहीं की गई तो वह 26 अगस्त से नाकेबंदी कर देंगे.

दिल्ली में रविवार को एक चर्च में प्रार्थना के दौरान ईसाइयों पर हमला हुआ, जहां तोड़फोड़ और मारपीट के दौरान बाइबिल भी फाड़ दी गई. द वायर पर प्रकाशित याक़ूत अली की रिपोर्ट के अनुसार, घटना ताहिरपुर इलाके के सियोन प्रार्थना भवन में हुई. ईसाई लोगों का आरोप है कि कुछ लोगों ने आकर प्रार्थना रोक दी, वहां मारपीट और तोड़फोड़ की, साथ ही उकसावे वाले नारे लगाए. इसके बाद समुदाय के लोगों द्वारा एफआईआर दर्ज करवाने जाने पर क़रीब सौ लोगों की भीड़ ने कई घंटों तक थाने को घेरकर नारेबाज़ी की.

मेघालय हाईकोर्ट के जांच के आदेश के बाद सीबीआई ने 2015 में हुई ‘गैर-न्यायिक हत्या’ को लेकर दो मामले दर्ज किए हैं. रिपोर्ट के अनुसार, मई 2015 में गारो हिल्स में हुए एक एनकाउंटर  पुलिस ने दावा किया था कि पश्चिम गारो हिल्स जिले में ओरागिटोक गांव के सरपंच का 33 वर्षीय बेटा सेंगबाथ प्रतिबंधित गानो नेशनल लिबरेशन आर्मी (जीएनएलए) का सदस्य था, जो एक एनकाउंटर में गोली लगने के बाद भागने के प्रयास में मारा गया. हालांकि, ग्रामीणों ने एनकाउंटर को ‘फ़र्ज़ी’ बताया था और मृतक के पिता इसकी जांच की मांग के साथ हाईकोर्ट पहुंचे थे. अब सीबीआई ने इस मामले पर दो एफआईआर – एक राज्य पुलिस द्वारा दर्ज और दूसरा मृतक के पिता द्वारा दर्ज- के आधार पर दो केस दर्ज किए हैं. सीबीआई अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि दिल्ली में एजेंसी की विशेष अपराध इकाई को जांच करने के लिए कहा गया है.

केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) को बीते साल गृह मंत्रालय के कर्मचारियों के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार की सर्वाधिक शिकायतें मिलीं. एनडीटीवी के अनुसार, सीवीसी की नवीनतम सालाना रिपोर्ट बताती है कि पिछले साल केंद्र सरकार के कर्मचारियों के खिलाफ प्राप्त कुल 1,15,203 शिकायतों में से 46,643 (41%) गृह मंत्रालय के कर्मचारियों के ख़िलाफ़ थीं. इसके बाद रेलवे को इसके कर्मचारियों की 10,580 और बैंकों को 8,129 शिकायतें मिलीं. आयोग को मिलीं कुल 1,15,203 शिकायतों में से 85,437 का निपटारा कर दिया गया और 29,766 लंबित थीं, जिनमें से 22,034 तीन महीने से अधिक समय से लंबित हैं.

यूपी में आवारा मवेशियों के साथ मंत्री का काफ़िला रोकने के आरोप में 90 लोगों के ख़िलाफ़ केस दर्ज हुआ है. एनडीटीवी के अनुसार, बीते 17 अगस्त को बरेली ज़िले के आंवला विधानसभा क्षेत्र में आवारा मवेशियों की समस्या से नाराज़ लोगों ने प्रदेश के पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह के क़ाफ़िले को रोक दिया था. अब एक पशु चिकित्सा अधिकारी की शिकायत पर इस मामले में 90 अज्ञात लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 341 (गलत तरीके से किसी व्यक्ति को रोकना) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.