मिज़ोरम में निर्माणाधीन रेलवे पुल गिरने से कम से कम 23 लोगों की मौत

घटना बुधवार सुबह क़रीब 11 बजे मिज़ोरम की राजधानी आइज़ोल से क़रीब 19 किलोमीटर दूर सैरांग में हुई. पुलिस ने 18 शवों को बरामद कर लिया है. हादसे के बाद पांच मज़दूर लापता हैं. अधिकारियों का कहना है कि उनके ​जीवित होने की संभावना कम ही है. सभी पश्चिम बंगाल के मालदा ज़िले के रहने वाले थे.

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मिजोरम की राजधानी आइजोल के पास 23 अगस्त 2023 को ढहा निर्माणाधीन रेलवे पुल. (फोटो साभार: ट्विटर/@Zoramthanga)

घटना बुधवार सुबह क़रीब 11 बजे मिज़ोरम की राजधानी आइज़ोल से क़रीब 19 किलोमीटर दूर सैरांग में हुई. पुलिस ने 18 शवों को बरामद कर लिया है. हादसे के बाद पांच मज़दूर लापता हैं. अधिकारियों का कहना है कि उनके ​जीवित होने की संभावना कम ही है. सभी पश्चिम बंगाल के मालदा ज़िले के रहने वाले थे.

मिजोरम की राजधानी आईजोल के पास 23 अगस्त 2023 को ढहा निर्माणाधीन रेलवे पुल. (फोटो साभार: ट्विटर/@Zoramthanga)

नई दिल्ली: मिजोरम की राजधानी आइजोल के पास बुधवार (23 अगस्त) को एक निर्माणाधीन रेलवे पुल गिरने से कम से कम 23 श्रमिकों की मौत हो गई. घटनास्थल पर बचाव अभियान अभी भी जारी है. यह घटना बुधवार सुबह करीब 11 बजे आइजोल शहर से करीब 19 किलोमीटर दूर सैरांग में हुई.

द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों ने गुरुवार को कहा कि आइजोल जिले में निर्माणाधीन रेलवे पुल पर मौजूद 26 श्रमिकों में से 23 लोगों की मौत हो गई है, हालांकि पुलिस ने केवल 18 शव ही बरामद किए हैं.

उन्होंने बताया कि वहां काम करने वाले तीन लोग अस्पताल में हैं, उनका इलाज चल रहा है, जबकि पांच लापता हैं. सभी 26 लोग पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के रहने वाले थे.

रेलवे ने कहा कि बुधवार को हुआ यह हादसा गैंट्री (भारी भरकम ढांचे को लाने-ले जाने वाला क्रेननुमा ढांचा) ढहने के कारण हुआ, जिसे कुरुंग नदी के ऊपर बन रहे पुल के निर्माण के लिए लगाया गया था.

निर्माणाधीन पुल पर हुई घटना की जांच के लिए उच्चस्तरीय समिति का गठन किया जा रहा है, जो भैरवी-सैरांग नई रेलवे लाइन परियोजना के तहत बनने वाले 130 पुलों में से एक है.

सभी 18 मृतकों की पहचान नबा चौधरी, मोजम्मेल हक, नरीम रहमान, रंजीत सरकार, काशिम शेख, समरुल हक, झल्लू सरकार, साकिरुल शेख, मसरेकुल हक, सैदुर रहमान, रहीम शेख, सुमन सरकार, सरीफुल शेख, इंसारुल हक, जयंत सरकार, मोहम्मद जाहिदुल शेख, मनिरुल नादाप और सेबुल मिया के तौर पर हुई है.

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, ‘पांच मजदूर अब भी लापता हैं. लेकिन उनके जीवित होने की संभावना कम ही है.’

पांच लापता मजदूरों की पहचान – मुजफ्फर अली, साहिन अख्तर, नुरुल हक, सेनौल और आसिम अली के तौर पर हुई है.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में कहा कि मजदूरों के शवों को राज्य लाने की व्यवस्था की जा रही है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, मिजोरम के परिवहन मंत्री टीजे लालनंटलुआंगा ने कहा कि संबंधित कार्य एबीसीआई इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड द्वारा कराया जा रहा था. उन्होंने कहा कि जांच के बाद ही पुल ढहने का कारण स्पष्ट हो सकेगा.

जिस स्थान पर यह घटना हुई, वह भारतीय रेलवे द्वारा चल रही बैराबी-सैरांग नई लाइन रेलवे परियोजना का हिस्सा है, जो 51.38 किमी रेलवे ट्रैक के साथ राज्य में रेलवे कनेक्टिविटी लाने के लिए है.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी अपनी संवेदना व्यक्त की. उन्होंने कहा, ‘यह जानकर दुख हुआ कि मिजोरम में एक दुखद पुल दुर्घटना के कारण लोगों की जान चली गई. मैं शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करती हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करती हूं.’

मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथांगा ने कहा, ‘मैं सभी शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं. बचाव कार्यों में मदद के लिए बड़ी संख्या में सामने आए लोगों के प्रति आभार व्यक्त करता हूं.’

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से सोशल साइट एक्स (पूर्व नाम ट्विटर) पर कहा गया, ‘मिजोरम में पुल दुर्घटना से दुख हुआ. उन लोगों के प्रति संवेदना जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है. घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना है. बचाव अभियान चल रहा है और प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता दी जा रही है.’

प्रधानमंत्री ने घोषणा की है कि प्रत्येक मृतक के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी और घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे.

इसके अलावा रेल मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि वह मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को 2 लाख रुपये और अन्य घायलों को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान करेगा.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, ‘मिजोरम में एक निर्माणाधीन रेलवे पुल के ढहने के बारे में जानकर स्तब्ध हूं, जिसमें हमारे मालदा जिले के कुछ श्रमिकों सहित कई अन्य श्रमिकों की जान चली गई. मैंने अपने मुख्य सचिव को बचाव/सहायता कार्यों के लिए तुरंत मिजोरम प्रशासन के साथ समन्वय करने का निर्देश दिया है.’

उन्होंने कहा, ‘मालदा जिला प्रशासन को शोक संतप्त परिवारों तक हरसंभव मदद पहुंचाने के लिए कहा गया है. हम प्रभावित परिवारों के परिजनों को यथाशीघ्र उचित मुआवजा देंगे. संकटग्रस्त लोगों के प्रति एकजुटता और मृतकों के परिवारों के प्रति हमारी संवेदना है. हम स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं.’