नौ साल से कोमा में रहे कांग्रेस नेता प्रियरंजन दासमुंशी का निधन

पूर्व केंद्रीय मंत्री दासमुंशी साल 2008 में दिल का दौरा पड़ने के बाद से कोमा में थे.

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The Union Minister for Water Resources, Shri Priyaranjan Dasmunsi addressing a Press Conference on 36th Joint River Commission Meeting recently held in Bangladesh and Inter-linking of Rivers, in New Delhi on September 26, 2005.

पूर्व केंद्रीय मंत्री दासमुंशी साल 2008 में दिल का दौरा पड़ने के बाद से कोमा में थे.

The Union Minister for Water Resources, Shri Priyaranjan Dasmunsi addressing a Press Conference on 36th Joint River Commission Meeting recently held in Bangladesh and Inter-linking of Rivers, in New Delhi on September 26, 2005.
प्रियरंजन दासमुंशी (फाइल फोटो: पीआईबी)

नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रिय रंजन दासमुंशी का निधन सोमवार को हो गया. वह वर्ष 2008 से ही कोमा में थे. वह 72 वर्ष के थे.

अपोलो अस्पताल के अधिकारियों ने बताया, ‘पिछले एक महीने से उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी और उनकी मृत्यु सोमवार दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर हुई. निधन के समय उनकी पत्नी और बेटे अस्पताल में मौजूद थे. ’

पूर्व केंद्रीय मंत्री को अक्टूबर 2008 में दिल के दौरे के बाद एम्स में भर्ती करवाया गया था. इसके बाद उनकी लोगों को पहचानने की क्षमता और बोलने की शक्ति खत्म हो गई थी. इसके बाद वो कोमा में चले गए. तब से वो अपोलो अस्पताल में कोमा में थे.

प्रियरंजन दासमुंशी का जन्म 13 नवंबर, 1945 को हुआ था. वह पहली बार 1971 में दक्षिणी कोलकाता लोकसभा सीट से सांसद चुने गए थे. 1985 में वे पहली बार राजीव गांधी के मंत्रिमंडल में शामिल हुए थे. प्रियरंजन दासमुंशी अंतिम बार वर्ष 2004 में रायगंज सीट से ही लोकसभा चुनाव लड़े और जीते थे.

प्रियरंजन दासमुंशी के परिवार में उनकी पत्नी दीपा दासमुंशी तथा पुत्र प्रियदीप दासमुंशी हैं. दीपा पश्चिम बंगाल की रायगंज सीट से पिछली बार लोकसभा चुनाव जीता था. इस बार उन्हें थोड़े मतों से हार का सामना करना पड़ा.

मीडिया पर नियंत्रण के लगे थे आरोप

2004 में मनमोहन सिंह की सरकार में दासमुंशी ने सूचना प्रसारण मंत्रालय और संसदीय कार्य मंत्रालय का कार्यभार संभाला था. सूचना प्रसारण मंत्री के तौर पर वे काफी चर्चा में रहते थे. इस दौरान उन्‍होंने AXN और फैशन टीवी पर प्रतिबंध लगाया था.

इसके अलावा खेलों के प्रसारण का अध‍िकार भी दूरदर्शन को दिला दिया. उन पर आरोप लगा कि वह मीडिया पर भी नियंत्रण स्थापित करना चाहते थे हालांकि अपने इन फैसलों की वजह से उन्‍हें काफी आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)