सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो में एक शिक्षक अपनी क्लास के बच्चों से एक मुस्लिम छात्र को थप्पड़ मारने को कहते हुए सांप्रदायिक टिप्पणी करती नज़र आ रही हैं. घटना उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर के एक निजी स्कूल में हुई थी. इसे लेकर सोशल मीडिया पर किए गए कई प्रमुख लोगों के ट्वीट एक सरकारी आदेश द्वारा ब्लॉक कर दिए गए हैं.
नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर तमाम लोगों ने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक मुस्लिम बच्चे को उसके सहपाठियों द्वारा उनकी शिक्षक के कहने पर संगठित रूप से थप्पड़ मारे जाने की घटना को लेकर आक्रोश व्यक्त किया है.
अब पता चला कि इस संबंध में कई प्रमुख लोगों द्वारा सोशल साइट एक्स (पूर्व नाम ट्विटर) पर किए गए ट्वीट को एक सरकारी आदेश द्वारा ब्लॉक कर दिया गया है. इन लोगों ने इस कदम पर सवाल उठाए हैं.
पत्रकार रोहिणी सिंह ने लिखा, ‘क्या ट्विटर बता सकता है कि इस ट्वीट में क्या गलत है, जिसके कारण भारत में इसे ब्लॉक करने की आवश्यकता है? क्या किसी बच्चे को पहुंची तकलीफ के बारे में बोलना अपराध है?’
Can @TwitterIndia explain what’s wrong in this tweet that warrants blocking in India? Speaking about the trauma of a child is a crime? pic.twitter.com/Jin8hZyXB5
— Rohini Singh (@rohini_sgh) August 26, 2023
एनडीटीवी की न्यूज एंकर गार्गी रावत के ट्वीट को भी ब्लॉक कर दिया गया है.
As the mother of a Muslim child I’m horrified by this. And so are his brothers. What are we teaching children #BlatantBigotry https://t.co/FkTDkzrleP
— Gargi Rawat (@GargiRawat) August 25, 2023
अभिनेत्री और राजनीतिज्ञ उर्मिला मातोंडकर ने लिखा, ‘हैलो ट्विटर, क्या मैं जान सकती हूं कि वास्तव में मेरे ट्वीट को क्यों हटा दिया गया है? न तो इसकी भाषा और न ही इसके पीछे की सोच किसी के प्रति अपमानजनक है. मैं अन्य लोगों की तरह कोई फर्जी खबर नहीं फैला रही हूं. तो क्या यह सत्ता प्रतिष्ठान का स्पष्ट दबाव है?’
Hello @X @TwitterIndia May I kindly know why exactly my tweet has been upheld? Neither the language nor the thought behind it is derogatory towards anyone. I’m not spreading any fake news like most others. So is it plain pressure from the establishment? pic.twitter.com/f3Kv4hZhXp
— Urmila Matondkar (@UrmilaMatondkar) August 26, 2023
This tweet by @aqliyat has now been withheld in India in response to a legal demand. https://t.co/QIyoMAjw8i
— Kaushik Raj (@kaushikrj6) August 26, 2023
Bad deeds se darr nahi lagta hai sahab.
Bad PR se lagta hai. pic.twitter.com/V6KRTcPSuP— Karthik 🇮🇳 (@beastoftraal) August 26, 2023
इन मामलों पर नजर रखने वालों ने कहा कि यूआरएल को ब्लॉक करने के लिए आपातकालीन शक्तियों को लागू करना, एक पैटर्न प्रतीत होता है.
उनके अनुसार, ‘लेकिन इस स्तर पर यह स्पष्ट नहीं है कि यह इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई – MeitY) या सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय है, जो आदेश जारी कर रहा है (आमतौर पर ऐसे अनुबंधित समयसीमा में एमईआईटीवाई इस तरह के आदेश जारी करता है).’
सूत्रों का कहना है, ‘यह भी ध्यान देने योग्य बात है कि क्या ऐसा अन्य प्लेटफॉर्म पर भी हो रहा है. अधिक वास्तविक समय की प्रकृति (Real-Time Nature) के कारण फोकस ट्विटर पर होता है, लेकिन हमें अक्सर बाद में पता चलता है (अनौपचारिक बयानों के माध्यम से) कि आदेश अन्य प्लेटफार्मों को भी दिए गए हैं, जिन्होंने चुपचाप अनुपालन भी किया है.’
बहरहाल इस बीच एक अन्य वीडियो में सजा देने वाली महिला शिक्षक तृप्ता त्यागी को यह कहते हुए स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि उन्होंने अन्य छात्रों से आठ साल के मुस्लिम बच्चे को थप्पड़ मारने के लिए कहा, क्योंकि वह शारीरिक रूप से अक्षम हैं, इसलिए वह बच्चे को सजा देने के लिए उठ नहीं सकती थीं.
वीडियो में उन्होंने कहा, ‘ये वीडियो छेड़छाड़ कर वायरल की गई है. इसमें मैंने जो बात कही थी, वो सारी बात काट दी गई है. बस इसमें ‘मोहम्मडन’ वर्ड रखा, जिससे ‘मोहम्मडंस’ को उकसाते हैं. मैंने भी गलती की, बच्चे को इस तरह से बच्चों से नहीं पिटवाना चाहिए था. मेरा ये इरादा नहीं था, क्योंकि मैं विकलांग हूं, मेरे से उठा नहीं जा रहा था तो बच्चे को कंट्रोल करने के लिए, उसकी शिक्षा अच्छे से चलाने के लिए कुछ तो कदम उठाना ही पड़ता है.’
"I made a mistake by getting the child beaten up by the students. I am handicapped and could not get up, so I asked the students to beat the child. The video has been tampered with." Tripta Tyagi.#ArrestTriptaTayagi pic.twitter.com/iJe1Gk5kGN
— Meer Faisal (@meerfaisal01) August 26, 2023
वीडियो से छेड़छाड़ को लेकर उन्होंने कहा, ‘मैंने ये कहा था कि जितनी भी मोहम्मडन मांंएं हैं, वे बच्चों को लेकर मामा के घर न जाएं, क्योंकि एक्जाम शुरू होने वाले हैं और पढ़ाई में बहुत ज्यादा नुकसान होगा, क्योंकि बच्चे एक्जाम नहीं दे पाएंगे.’
बच्चे को पिटवाने को लेकर उन्होंने कहा, ‘इस चीज को मैं सही नहीं मानती, लेकिन मैं भी थोड़ी मजबूर थी. बच्चों को कंट्रोल करने के लिए, शिक्षा देने के लिए थोड़ा बहुत तो करना ही पड़ता है, उन्हें ‘टाइट’ (नियंत्रण रखना) करने के लिए. उनके पैरेंट्स की भी यही डिमांड थी कि इस बच्चे को थोड़ा सा ‘टाइट’ करो, ये याद नहीं करता. थोड़ा सा ‘टाइट’ करो, आप बिल्कुल ‘टाइट’ नहीं करते.’
मालूम हो कि सोशल मीडिया पर सामने आए इस घटना से संबंधित एक वीडियो में उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के एक निजी स्कूल की शिक्षक तृप्ता त्यागी अपनी क्लास के बच्चों को एक-एक करके एक आठ वर्षीय मुस्लिम छात्र को थप्पड़ मारने का निर्देश देते नजर आ रही थीं.
40 सेकेंड के इस वीडियो में बच्चे पीड़ित छात्र को मारते हैं और शिक्षक उन्हें प्रोत्साहित करती दिखती हैं. वीडियो में बच्चा रो रहा है और शिक्षक के कहने पर साथी छात्र उसे थप्पड़ मार रहे हैं.
यह घटना एक निजी स्कूल नेहा पब्लिक स्कूल में हुई थी, जो मुजफ्फरनगर के मंसूरपुर थाना क्षेत्र के पास खुब्बापुर गांव में स्थित है.
वीडियो सामने आने के बाद 25 अगस्त की शाम को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने सोशल मीडिया यूजर्स से उक्त घटना का वीडियो साझा नहीं करने का आग्रह किया था. एनसीपीसीआर का कहना था कि वह ऐसा इसलिए कह रहा है, क्योंकि बच्चे की पहचान बताना अपराध है.
शिक्षक तृप्ता त्यागी के खिलाफ शनिवार (26 अगस्त) अंतत: बच्चे के माता-पिता द्वारा की गई शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई. इससे एक दिन पहले उन्होंने कहा था कि वे इस मामले को आगे नहीं बढ़ाना चाहते हैं.
महिला शिक्षक के खिलाफ एफआईआर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की गैर-संज्ञेय धाराओं – धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने के लिए सजा) और 504 (शांति भंग करने के इरादे से जान-बूझकर अपमान) – के तहत दर्ज की गई है.
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