द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
मणिपुर में सौ दिन अधिक समय से जारी हिंसा के बीच बुलाया गया एकदिवसीय विधानसभा सत्र महज़ 11 मिनट में स्थगित हो गया. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, कांग्रेस ने सत्र बुलाए जाने के तरीके पर विरोध जताया और पांचों कांग्रेसी विधायकों ने ‘लोकतंत्र बचाने’ के नारे लगाए. इस विरोध के बीच सीएम एन. बीरेन सिंह ने कहा कि सरकार का हिंसा पर चर्चा कराने का कोई इरादा नहीं है. हालांकि, इस सत्र में ही उन्होंने चंद्रयान-3 के बारे में बोलते हुए वैज्ञानिकों और प्रधानमंत्री का ‘आभार व्यक्त’ किया. कांग्रेस के साथ-साथ राज्य में भाजपा के गठबंधन सहयोगी भी सत्र के तरीके से नाखुश नजर आए. नेशनल पीपुल्स पार्टी, जो मणिपुर में भाजपा के साथ गठबंधन सहयोगी है, और एनडीए का भी हिस्सा है, के एक विधायक ने सत्र को ‘पूरी तरह से अलोकतांत्रिक’ करार देते हुए कहा कि इस बारे में सरकार के सहयोगियों को भी अंधेरे में रखा गया था.
भारत द्वारा अरुणाचल प्रदेश समेत भारत के हिस्सों को चीन के राजनीतिक नक़्शे में दिखाने पर दर्ज करवाए गए विरोध के बाद चीन ने बुधवार को इसे ‘संप्रभुता का नियमित अभ्यास’ बताया है. रिपोर्ट के अनुसार, इसने भारत की आपत्ति को खारिज कर दिया और बिना भारत का नाम लिए इस कवायद की ‘ज़्यादा व्याख्या न करने’ (over interpret) की सलाह भी दी. सोमवार की रात चीनी प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय ने देश के मानचित्र का 2023 संस्करण जारी किया, जिसमें पूरे अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन क्षेत्र को चीन का हिस्सा बताया गया था. विपक्षी कांग्रेस ने इसे लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा था और पार्टी के सांसद राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री से इस बारे में बोलने का आग्रह किया था. गांधी ने अपने दावे दोहराते हुए कहा कि चीन को पूर्वी लद्दाख में मौजूदा गतिरोध के दौरान जमीन हड़पने दी जा रही है. उन्होंने कहा, ‘मैं अभी लद्दाख से लौटा हूं और मैं सालों से कह रहा हूं कि पीएम ने जो कहा है कि लद्दाख में एक इंच जमीन नहीं खोई है, वह सरासर झूठ है. पूरा लद्दाख जानता है कि चीन ने हमारी जमीन हड़प ली है.’
दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और राजद सांसद मनोज कुमार झा को मिले डीयू के फैकल्टी सदस्यों को संबोधित करने वाले एक कार्यक्रम के आमंत्रण को ‘अपरिहार्य परिस्थितियों’ का हवाला देते हुए वापस ले लिया गया है. एनडीटीवी के मुताबिक, झा ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. झा डीयू के सोशल वर्क विभाग में पढ़ाते हैं. 18 अगस्त को डीयू के सेंटर फॉर प्रोफेशनल डेवलपमेंट ने उन्हें 4 सितंबर को कॉलेज और विश्वविद्यालय के शिक्षकों को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया था. झा के अनुसार, उन्हें अब एक मेल मिला है, जिसमें बताया गया है कि लेक्चर ‘कुछ अपरिहार्य परिस्थितियों’ के कारण रद्द कर दिया गया है. उन्होंने एक वीडियो संदेश में कहा कि इसकी वजह फैसला लेने वाले ही बता सकते हैं. ‘मैं बस ये कह सकता हूं कि जो कुछ भी हो रहा है वह स्थापित प्रथा का घोर उल्लंघन है. यह मेरा विश्वविद्यालय है. मैं यहां पढ़ाता हूं, यहां पढ़ा हूं. मैं संसद में, सड़क पर बोल सकता हूं, अखबारों में लिख सकता हूं लेकिन अपने विश्वविद्यालय के शिक्षकों को संबोधित नहीं कर सकता. डर किस बात का है?’
उत्तर प्रदेश में बस यात्रियों को नमाज़ पढ़ने देने के लिए बर्ख़ास्त किए गए कंडक्टर बीते रविवार को अपने गृह जिले मैनपुरी में मृत पाए गए. रिपोर्ट के अनुसार, मैनपुरी के रहने वाले मोहित यादव संविदा कर्मी थे, जो यूपी रोडवेज़ में कंडक्टर का काम करते थे. बीते जून में दो बस यात्रियों को नमाज़ पढ़ने देने के लिए बस रोकने के दावे वाले एक वीडियो के सामने आने के बाद उन्हें और बस ड्राइवर को पहले निलंबित किया गया और बाद में बर्ख़ास्त कर दिया गया था. परिजनों के अनुसार मोहित नौकरी जाने के बाद से ही तनाव में थे. बर्खास्तगी के बाद एक वीडियो बयान में मोहित ने स्पष्ट किया था कि उन्होंने विशेष रूप से दो मुस्लिम लोगों के नमाज पढ़ने के लिए बस नहीं रोकी थी. बस को तब रोका गया जब तीन यात्रियों ने बाथरूम जाने के लिए बस रोकने का अनुरोध किया. चूंकि दो मुस्लिम यात्रियों ने पहले ही मोहित से उन्हें नमाज अदा करने देने की बात कही थी, इसलिए उन्होंने उनसे बस रुकने के समय पर नमाज पढ़ लेने के लिए कहा था, जिसका वीडियो बनाकर वायरल किया गया.
तिहाड़ जेल में बुनियादी सुविधाओं की कमी पर दायर एक याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि क़ैदियों के पास भी बुनियादी संवैधानिक हक़ हैं. एनडीटीवी के अनुसार, अदालत दिल्ली हाईकोर्ट कानूनी सेवा समिति द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें तिहाड़ जेल परिसर के भीतर स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति और स्वच्छता संबंधी सुविधाओं की कमी को इंगित किया गया था. हाईकोर्ट ने तिहाड़ जेल में रहने की स्थिति, जिसमें जेल परिसर में पीने के पानी, सफाई, हाइजीन और शौचालयों के रखरखाव के ‘सावधानीपूर्वक’ निरीक्षण के लिए वकीलों की चार सदस्यीय फैक्ट-फाइंडिंग समिति गठित करते हुए कहा कि किसी व्यक्ति की कैद की स्थिति के बावजूद जीवन के अधिकार का उल्लंघन नहीं किया जा सकता.
महाराष्ट्र सरकार की एक समिति ने कहा है कि उबर और ओला जैसे ऑनलाइन एग्रीगेटर्स से टैक्सी लेने वाले यात्रियों को कैब ड्राइवर द्वारा यात्रा (राइड) रद्द करने की स्थिति में कुछ राशि (रिबेट) मिलनी चाहिए. वर्तमान में एग्रीगेटर किसी सवारी द्वारा यात्रा कैंसल करने पर उसी से शुल्क वसूलते हैं. हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, अप्रैल में सेवानिवृत्त नौकरशाह सुधीर कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में गठित समिति ने सिफारिश की है कि किसी टैक्सी को पिकअप पॉइंट तक पहुंचने के लिए 20 मिनट से ज्यादा का समय नहीं मिलना चाहिए, इससे अधिक देरी के लिए जुर्माना लगाया जाना चाहिए. इसके अलावा, पहली बार, क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों द्वारा वाहन को अनफिट स्थिति में पाए जाने पर एग्रीगेटर कैब को डीलिस्ट करने का अधिकार मिल सकता है.
दिल्ली पुलिस ने शहर के एक सरकारी स्कूल की शिक्षक द्वारा ‘काबा, क़ुरान’ पर सांप्रदायिक टिप्पणी किए जाने की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की है. एनडीटीवी की खबर बताती है कि गांधी नगर स्थित सरकारी सर्वोदय बाल विद्यालय के नवीं कक्षा के छात्रों ने एक काउंसलिंग सेशन के दौरान बताया कि उनकी अध्यापिका ने यह भी कहा कि ‘बंटवारे के दौरान तुम लोग पाकिस्तान नहीं गए. भारत की आज़ादी में तुम्हारा कोई योगदान नहीं है.’ छात्रों के परिवारों की शिकायत के बाद पुलिस ने केस दर्ज किया है.