मणिपुर: गोलीबारी में चार लोगों की मौत, दो सैन्यकर्मी और कई स्थानीय लोग घायल

हिंसाग्रस्त मणिपुर के चूड़ाचांदपुर और बिष्णुपुर ज़िलों की सीमा पर कुकी और मेईतेई समुदायों के बीच बुधवार से रुक-रुककर फायरिंग हुई है. इसमें इंडिया रिज़र्व बटालियन के दो कर्मियों सहित कम से कम सात लोग घायल हुए हैं और 29 अगस्त से अब तक चार लोगों की जान जा चुकी है.

हिंसा प्रभावित मणिपुर में तैनात जवान. (फाइल फोटो: एएनआई)

हिंसाग्रस्त मणिपुर के चूड़ाचांदपुर और बिष्णुपुर ज़िलों की सीमा पर कुकी और मेईतेई समुदायों के बीच बुधवार से रुक-रुककर फायरिंग हुई है. इसमें इंडिया रिज़र्व बटालियन के दो कर्मियों सहित कम से कम सात लोग घायल हुए हैं और 29 अगस्त से अब तक चार लोगों की जान जा चुकी है.

हिंसा प्रभावित मणिपुर में तैनात जवान. (फाइल फोटो: एएनआई)

नई दिल्ली: जातीय हिंसाग्रस्त मणिपुर में कुकी और मेईतेई समुदायों के बीच बुधवार से रुक-रुककर की गई गोलीबारी में इंडिया रिजर्व बटालियन (आईआरबी) के दो कर्मियों सहित कम से कम सात लोग घायल हो गए.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मणिपुर में गुरुवार सुबह दो और लोगों की मौत हो गई, जो चूड़ाचांदपुर और बिष्णुपुर जिलों की सीमा पर एक क्षेत्र में जारी गोलीबारी में घायल हुए थे.

कुकी-ज़ोमी-प्रभुत्व वाले चूड़ाचांदपुर जिले के खोइरेंटक और मेईतेई-प्रभुत्व वाले बिष्णुपुर जिले के आसपास के दोनों जिलों के बीच के क्षेत्र में गोलीबारी 29 अगस्त की सुबह शुरू हुई और तब से जारी है.

एक रक्षा सूत्र के अनुसार, बुधवार देर रात तक रुक-रुककर गोलीबारी जारी रही और शाम तक बिष्णुपुर के एक व्यक्ति, चूड़ाचांदपुर के चार लोग और दो आईआरबी कर्मी घायल हो गए.

रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार सुबह कुकी-ज़ोमी समुदाय के दो घायलों ने दम तोड़ दिया. उनमें से एक की पहचान गीतकार एलएस मंगबोई के रूप में की गई है, जो स्थानीय स्तर पर व्यापक रूप से लोकप्रिय थे.

चूड़ाचांदपुर पुलिस के अनुसार, गंभीर रूप से घायल मंगबोई को इलाज के लिए आइजोल ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई. दूसरे मृतक, रिचर्ड हेमखोलिन गुइटे, जिनके बारे में स्थानीय लोगों का कहना है कि वह एक ग्राम रक्षा वालंटियर थे, ने चूड़ाचांदपुर जिले में दम तोड़ दिया.

29 अगस्त से शुरू हुई गोलीबारी में मरने वालों की संख्या चार हो गई है. 29 अगस्त को दो लोगों- जंगमिनलुन गंगटे और लाइबुंगजम इनाओ – की क्रमशः चूड़ाचांदपुर और बिष्णुपुर में मृत्यु हुई थी.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलवार को बिष्णुपुर के नारानसैना गांव के पास हिंसा की अलग-अलग घटनाओं में दो लोगों की मौत हो गई और छह घायल हो गए थे. जहां एक पीड़ित की गोली लगने से मौत हो गई, वहीं दूसरे की मौत उस समय हुई जब वह जिस देसी बंदूक का इस्तेमाल कर रहा था, उससे निकली गोली उनके चेहरे पर लगी.

सुरक्षा बलों के अधिकारियों ने पुष्टि की कि बिष्णुपुर जिले के नारानसैना गांव के पास पहाड़ियों और घाटी में सशस्त्र बदमाशों के दो समूहों के बीच 36 घंटे से अधिक समय से रुक-रुक कर गोलीबारी जारी है.

गोलीबारी की शुरुआत मंगलवार की सुबह तब हुई जब नारानसैना निवासी 26 वर्षीय किसान सलाम जोतिन सिंह को बदमाशों ने गोली मार दी. सिंह को गोली लगी, लेकिन वह बच गए.

स्थिति नियंत्रित करने के लिए इंडिया रिजर्व बटालियन – राज्य की एक विशेष सशस्त्र बल – की दो बटालियनों को क्षेत्र में तैनात किया गया था. बदमाशों ने आईआरबी जवानों पर भी हमला किया, जिसमें दो जवान गोली लगने से घायल हो गए. अधिकारी ने बताया, ‘जवानों की हालत ठीक है. गोली लगने से घायल हुए पांच नागरिकों की हालत भी स्थिर है.’

मणिपुर में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए आईआरबी को अन्य अर्धसैनिक बलों, सेना और असम राइफल्स के साथ तैनात किया गया है, जो 3 मई से संख्यात्मक रूप से प्रभावशाली मेइतेई और आदिवासी कुकी समुदायों के बीच जातीय संघर्ष की चपेट में है. पूर्वोत्तर राज्य में जारी हिंसा में अब तक कम से कम 157 लोग मारे गए हैं और लगभग 50,000 विस्थापित हुए हैं .

इस बीच, सुरक्षा बलों ने पुलिस के साथ एक संयुक्त अभियान में इंफाल पश्चिम और थौबल जिलों के जंगली इलाकों में दो अलग-अलग स्थानों से कम से कम 13 ग्रेनेड, 10 ग्रेनेड लॉन्चर, एम-16 राइफल और अन्य हथियारों के अलावा 19 विस्फोटक और तीन आईईडी बरामद किए हैं.

अधिकारियों ने बताया कि हथियार जंगल क्षेत्र में छोड़ दिए गए थे. पुलिस को संदेह है कि बरामद ग्रेनेड और राइफलें मणिपुर में जातीय संघर्ष के पहले दो महीनों में पुलिस शस्त्रागार से लूटे गए सामान का हिस्सा हैं.