राजस्थान के प्रतापगढ़ ज़िले का मामला. पुलिस ने बताया कि युवती का पति इस बात से नाराज़ था कि वह कुछ दिन पहले किसी अन्य व्यक्ति के साथ रहने चली गई थी. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मामले में सख़्त कार्रवाई की बात कही है. वहीं, विपक्षी भाजपा ने घटना को लेकर राजस्थान की कांग्रेस सरकार की आलोचना की है.
नई दिल्ली: राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले के एक गांव में 20 वर्षीय आदिवासी युवती को कथित तौर पर नग्न कर घुमाने का मामला सामने आया है. पुलिस अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि इस संबंध में युवती के पति समेत आठ लोगों को हिरासत में लिया गया है.
31 अगस्त को हुई इस घटना का वीडियो बीते शुक्रवार (1 सितंबर) रात सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि आदिवासी युवती गर्भवती है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, बांसवाड़ा रेंज के आईजी एस. परिमाला ने बताया कि मुख्य आरोपी पति इस बात से नाराज था, क्योंकि उसकी चार से पांच महीने की गर्भवती पत्नी दो हफ्ते पहले अपने प्रेमी के साथ रहने चली गई थी.
आईजी ने कहा, ‘युवती पिछले एक साल से आरोपी के साथ, जो उसका दूसरा पति है, रह रही थी.’
प्रतापगढ़ के एसपी अमित कुमार बुडानिया ने शनिवार को बताया कि युवती का पति और ससुराल का परिवार उससे नाराज था, क्योंकि वह कुछ समय से किसी दूसरे आदमी के साथ रह रही थी.
उन्होंने कहा, ‘उसका पति अपने सहयोगियों के साथ उस स्थान पर पहुंचा, जहां युवती दूसरे व्यक्ति के साथ रह रही थी. उसका अपहरण कर लिया और उसके कपड़े उतारकर गांव में घुमाया.’
एसपी ने कहा कि युवती और आरोपी दोनों आदिवासी समुदाय से हैं.
राजस्थान के डीजीपी उमेश मिश्रा ने शनिवार को कहा कि हिरासत में लिए गए लोगों में एक किशोर और अपराध के गवाह तीन लोग शामिल हैं.
एसपी ने कहा, ‘युवती की पहले किसी अन्य पुरुष से शादी हुई थी. इसके बाद ‘नाता प्रथा’ के तहत वह एक दूसरे आदमी (दूसरा पति) के साथ रहने लगी, जो इस मामले में मुख्य आरोपी है. महिला अब तीसरे आदमी के साथ रह रही थी, जिससे उसका दूसरा पति नाराज हो गया और उसने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर इस अपराध को अंजाम दिया. मामले में लगभग 12-13 आरोपी हैं, जिनमें से 10 आरोपी नामजद हैं.’
पुलिस ने कहा कि हिरासत में लिए गए लोगों में से तीन को प्रतापगढ़ के जिला अस्पताल ले जाया गया, क्योंकि वे पीछा कर रही पुलिस को चकमा देने की कोशिश में घायल हो गए थे.
इस बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मामले में सख्त कार्रवाई की बात करते हुए कहा कि आरोपियों को गिरफ्तार कर फास्ट-ट्रैक अदालतों में मुकदमा चलाया जाएगा. वहीं विपक्षी भाजपा ने इस घटना को लेकर राजस्थान की कांग्रेस सरकार की आलोचना की है.
राजस्थान पुलिस ने कहा कि इस संबंध में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 323 (जान-बूझकर चोट पहुंचाना), 341 (गलत तरीके से रोकना), 342 (गलत तरीके से बंधक बनाना), 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग करना), 354बी (महिला को निर्वस्त्र करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल का प्रयोग), 294 (अश्लील हरकतें और गाने), 365 (किसी व्यक्ति को गुप्त रूप से और गलत तरीके से कैद करने के इरादे से अपहरण या अपहरण करना), 504 (शांति भंग करने के इरादे से जान-बूझकर अपमान), 506 (आपराधिक धमकी), और 498ए (किसी महिला के पति या पति के रिश्तेदार द्वारा उसके साथ क्रूरता) के साथ महिलाओं का अश्लील प्रतिनिधित्व (निषेध) अधिनियम और आईटी अधिनियम की धारा 67ए के तहत केस दर्ज किया गया है.