आईआईटी-दिल्ली के छात्र ने आत्महत्या की, दो महीने में दूसरा मामला

आईआईटी-दिल्ली में बीटेक अंतिम वर्ष के 21 वर्षीय छात्र को विंध्याचल हॉस्टल में मृत पाया गया था. छात्र छह महीने के एक्सटेंशन पर हॉस्टल में रह रहा था. इससे पहले 10 जुलाई को एक छात्र ने आत्महत्या की थी.

आईआईटी दिल्ली. (फोटो साभार: फेसबुक)

आईआईटी-दिल्ली में बीटेक अंतिम वर्ष के 21 वर्षीय छात्र को विंध्याचल हॉस्टल में मृत पाया गया था. छात्र छह महीने के एक्सटेंशन पर हॉस्टल में रह रहा था. इससे पहले 10 जुलाई को एक छात्र ने आत्महत्या की थी.

आईआईटी दिल्ली. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-दिल्ली (आईआईटी-दिल्ली) में बीटेक अंतिम वर्ष के 21 वर्षीय छात्र की शुक्रवार (1 सितंबर) को आत्महत्या से मौत हो गई.

द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने कहा कि उन्हें शाम करीब छह बजे एक पीसीआर कॉल मिली. शुक्रवार को फोन करने वाले ने अनिल कुमार नाम के एक छात्र द्वारा आत्महत्या किए जाने की सूचना दी.

जैसे ही पुलिस टीमें मौके पर पहुंचीं, उन्होंने पाया कि मृतक के कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था. अग्निशमन विभाग ने उसे तोड़ दिया. दरवाजा तोड़ने के समय डीन ऑफ स्टूडेंट्स/सीएमओ, आईआईटी, मुख्य सुरक्षा अधिकारी, क्राइम टीम, फोरेंसिक टीमें भी मौजूद थीं.

जांच में शामिल एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘तथ्यों के सत्यापन पर यह पता चला कि मृतक गणित और कंप्यूटिंग (सत्र 2019-2023) में बीटेक कर रहा था. वह एक्सटेंशन पर था, क्योंकि उसने कुछ विषयों को पूरा नहीं किया था और छह महीने के एक्सटेंशन पर हॉस्टल में रह रहा था.’

पुलिस ने दावा किया कि मौके से कोई गड़बड़ी नहीं देखी गई है और शव को आगे की कार्यवाही के लिए भेज दिया गया है.

अंबेडकर फुले पेरियार स्टूडेंट सर्कल (एपीपीएससी) ने एक बयान में कहा, ‘आज आईआईटी-दिल्ली के विंध्याचल हॉस्टल में एक और अनुसूचित जाति (एससी) का छात्र मृत पाया गया.’

पिछले दो महीनों में आईआईटी-दिल्ली परिसर में आत्महत्या की यह दूसरी घटना है. इससे पहले 10 जुलाई को आयुष आशना नामक एक छात्र, जो बीटेक (गणित) की पढ़ाई कर रहा था, की आत्महत्या के बाद मृत्यु हो गई थी.

एपीपीएससी के बयान में कहा गया है, ‘आप हमारी मौतों और हमारे अनुभव के बारे में कई सिद्धांत दे सकते हैं, लेकिन यह हम ही हैं जो हमारे समुदाय के लोगों, युवा छात्रों के निधन के कारण हर दिन अपने शैक्षणिक और मानसिक स्वास्थ्य पर असर डालते हैं.

हाल ही में आईआईटी-दिल्ली के दीक्षांत समारोह से पहले मीडिया के साथ बातचीत में निदेशक रंगन बनर्जी ने कहा था कि संस्थान छात्रों की मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल के लिए कदम उठा रहा है और यहां तक कि छात्रों के बीच तनाव को कम करने के लिए सेमेस्टर परीक्षाओं का एक सेट भी हटा दिया गया है.

बनर्जी ने कहा कि आईआईटी एक ऐसी प्रणाली स्थापित कर रहा है, जहां जिन लोगों को मदद की जरूरत होगी, उन्हें परामर्श दिया जाएगा.