गुजराती भाषा के लोकप्रिय ​व्यंग्यकार पद्मश्री तारक मेहता का निधन

गुजराती भाषा के लोकप्रिय नाटककार तारक मेहता का लंबी बीमारी के बाद एक मार्च को अहमदाबाद में निधन हो गया. वह 88 वर्ष के थे.

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गुजराती भाषा के लोकप्रिय व्यंग्यकार तारक मेहता का लंबी बीमारी के बाद अहमदाबाद में निधन हो गया. वह 88 वर्ष के थे.

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तारक मेहता. (फोटो साभार: tarakmehtakauultachashma.wordpress.com)

लेखक, व्यंग्यकार और स्तंभकार तारक मेहता अपने हास्य लेखन के लिए जाने जाते थे. उनके लेखन का सफ़र 1971 में गुजराती और मराठी में निकलने वाली साप्ताहिक पत्रिका ‘चित्रलेखा’ से शुरू हुआ था. उन्होंने 80 किताबें लिखीं. ‘चित्रलेखा’ में वे ‘दुनिया ने ऊंधा चश्मा’ नाम से कॉलम लिखा करते थे. बाद में इसी कॉलमों को एक किताब की शक़्ल दी गई.

इसी किताब पर आधारित हिंदी धारावाहिक तारक मेहता का उल्टा चश्मा साल 2008 से दर्शकों का मनोरंजन कर रहा है. 26 दिसंबर, 1929 को जन्मे तारक कई गुजराती अख़बारों के लिए लगातार लिखा करते थे. वह गुजराती साहित्य और थियेटर के क्षेत्र में भी जाना पहचाना नाम थे. उन्होंने कई नाटकों का रूपांतरण किया, कई नाटक भी लिखे.

Tarak Mehta

धारावाहिक ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ के ‘जेठालाल’ दिलीप जोशी ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए बताया, ‘मैं तारक भाई का बहुत बड़ा प्रशंसक रहा हूं. मैं उनके कॉलम पढ़ कर बड़ा हुआ हूं. उनके कई नाटकों में अभिनय भी किया है. मैं पिछले कुछ महीने से उनसे जुड़ा रहा हूं. जब भी मैं अहमदाबाद जाता था, उनसे ज़रूर मिलता था. वो शरीर से कमज़ोर हो गए थे पर उनकी हाज़िरजवाबी और सेंस ऑफ ह्यमर पर इसका कोई असर नहीं हुआ था. हमें जब उनके निधन की ख़बर मिली तब हम शूटिंग कर रहे थे, पर अब शूटिंग कर पाना बहुत मुश्किल होगा.’

तारक मेहता को उनकी रचनात्मकता के लिए साल 2015 में पदमश्री से भी सम्मानित किया गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी और अभिनेता परेश रावल समेत कई नेताओं और मशहूर हस्तियों ने तारक मेहता के निधन पर शोक व्यक्त किया है.