द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
उत्तर प्रदेश की घोसी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार सुधाकर सिंह ने जीत दर्ज की है. नवभारत टाइम्स के अनुसार, उन्होंने भाजपा के दारा सिंह चौहान को 42 हजार से भी ज्यादा वोटों के अंतर से हराया है. इससे पहले साल 2022 के विधानसभा चुनाव में दारा सिंह चौहान ने सपा के टिकट पर जीत दर्ज की थी, हालांकि बाद में वे भाजपा में शामिल हो गए थे. घोसी के चुनाव परिणाम को विपक्ष के ‘इंडिया’ गठबंधन की पहली जीत माना जा रहा है. कांग्रेस ने सपा उम्मीदवार को समर्थन देते हुए कोई प्रत्याशी नहीं उतारा था. बसपा की तरफ से भी कोई उम्मीदवार इस चुनाव में नहीं लड़ा था.
आईआईटी-दिल्ली में जातिगत भेदभाव पर होने वाले सर्वे को शुरू होते ही वापस ले लिया गया. द हिंदू के मुताबिक, बीते दो महीनों में संस्थान में दो दलित छात्रों की आत्महत्या से मौत के बाद संस्थान के छात्र प्रकाशन बोर्ड ने परिसर के अंदर जातिगत भेदभाव पर एक सर्वे शुरू किया था, जिसे कुछ घंटों के भीतर ही इसलिए वापस ले लिया गया क्योंकि छात्रों का कहना था कि इसमें पूछे गए सवाल पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं. सर्वेक्षण साझा करते ही शिकायतों में कहा गया कि सर्वे का डिजाइन ‘पक्षपाती, असंवेदनशील और समस्याग्रस्त है’, संस्थान के आधिकारिक एससी/एसटी सेल ने कहा कि सर्वे पर उससे परामर्श नहीं किया गया था.
पश्चिम बंगाल विधानसभा ने बंगाली कैलेंडर के पहले दिन- पोइला बैसाख को ‘बांग्ला दिवस’ और रवींद्र संगीत के ‘बांग्लार माटी, बांग्लार जल’ को राज्य गान के रूप में मनाने के लिए प्रस्ताव पारित किया है. टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, भाजपा ने इस प्रस्ताव का विरोध किया. प्रस्ताव के पक्ष में 167 विधायकों और 62 ने विरोध किया. विरोध करने वाले सभी 62 विधायक भाजपा से थे, जो 20 जून को राज्य दिवस के रूप में मनाने की वकालत कर रहे थे. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 20 जून के इस विचार पर तब आपत्ति जताई थी, जब इस साल राजभवन द्वारा पहली बार ‘पश्चिमबंगा दिवस’ मनाया गया था. उनका कहना था कि ऐसा करना अनुचित होगा, क्योंकि यह तारीख विभाजन की भयावहता से जुड़ी हुई है.
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा है कि वे बंगाली-बहुल बराक घाटी को असम से अलग करने का विरोध नहीं करेंगे, अगर क्षेत्र के लोग इसकी मांग उठाते हैं. हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, उन्होंने बराक घाटी के दौरे पर कहा, ‘अगर लोग अलग बराक चाहते हैं तो हम विरोध क्यों करेंगे? लेकिन लोगों को सामूहिक रूप से निर्णय लेना होगा, न कि कुछ वामपंथियों को.’ उन्होंने कहा कि इस विभाजन के लिए क्षेत्र के प्रत्येक नागरिक की सहमति की जरूरत है. ज्ञात हो कि कछार, करीमगंज और हैलाकांडी जिलों को शामिल करने वाली बराक घाटी को अलग करने की मांग 1960 के दशक से चली आ रही है. इस साल हुई परिसीमन की कवायद के बाद 126 सदस्यीय असम विधानसभा में इस क्षेत्र की विधानसभा सीट 15 से घटाकर 13 कर दी गई हैं. निर्वाचन आयोग ने जुलाई में असम की विधानसभा और 14 लोकसभा सीटों के लिए परिसीमन प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया था, जिसका विपक्षी कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, लेफ्ट दलों और सत्तारूढ़ भाजपा के कुछ नेताओं ने विरोध किया था.
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सांसद मनोज झा ने कहा है कि आरएसएस प्रमुख को सरकार से जाति जनगणना कराने को कहना चाहिए. द हिंदू के मुताबिक, आरएसएस प्रमुख ने बुधवार (6 सितंबर) को नागपुर में कहा था कि जब तक समाज में भेदभाव मौजूद है असमानता बनी रहेगी और तब तक आरक्षण जारी रहना चाहिए. इसे लेकर राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि वे (भागवत) सरकार से कहें कि वह जाति जनगणना करवाए अन्यथा उनका कथन सिर्फ ख़बरों में रहने के लिए ज़बानी जमाख़र्च है.
देश के प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट अजीत निनान का शुक्रवार को मैसूर में निधन हो गया. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, इंडिया टुडे में अपनी श्रृंखला ‘सेंटरस्टेज’ और टाइम्स ऑफ इंडिया में ‘निनान्ज़ वर्ल्ड’ के लिए प्रसिद्ध अजीत 68 वर्ष के थे. उन्हें 1980 के दशक में इंडिया टुडे की ‘टारगेट’ पत्रिका में आने वाली उनकी प्रसिद्ध कॉमिक स्ट्रिप- ‘डिटेक्टिव मूंछवाला’ के लिए भी जाना जाता था.