प्रधानमंत्री मोदी केवल ‘एक व्यक्ति, एक सरकार, एक पूंजीपति’ में विश्वास करते हैं: कांग्रेस

जी-20 देशों के शिखर सम्मेलन के बीच कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर कहा है कि प्रधानमंत्री ने न सिर्फ़ बंदरगाह, हवाई अड्डे, बिजली और सड़क जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अपने करीबी मित्र अडानी के लिए ‘मोदी निर्मित एकाधिकार’ स्थापित करने में मदद की है, बल्कि उन्होंने सेबी, सीबीआई, ईडी जैसी विभिन्न एजेंसियों द्वारा अडानी के गलत कार्यों की सभी जांच को सुनियोजित ढंग से बंद भी कर दिया है.

जयराम रमेश. (फाइल फोटो: पीटीआई)

जी-20 देशों के शिखर सम्मेलन के बीच कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर कहा है कि प्रधानमंत्री ने न सिर्फ़ बंदरगाह, हवाई अड्डे, बिजली और सड़क जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अपने करीबी मित्र अडानी के लिए ‘मोदी निर्मित एकाधिकार’ स्थापित करने में मदद की है, बल्कि उन्होंने सेबी, सीबीआई, ईडी जैसी विभिन्न एजेंसियों द्वारा अडानी के गलत कार्यों की सभी जांच को सुनियोजित ढंग से बंद भी कर दिया है.

जयराम रमेश. (फाइल फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: जी-20 के नारे ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ पर टिप्पणी करते हुए कांग्रेस ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके बजाय ‘एक व्यक्ति, एक सरकार, एक पूंजीपति’ में विश्वास रखते हैं. इतना ही नहीं पार्टी ने दावा किया कि उन्होंने अपने करीबी दोस्त उद्योगपति गौतम अडानी के लिए ‘मोदी-मेड मोनोपोलीज’ की सुविधा प्रदान की है.

जी-20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी के पिछले बयानों को याद करते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, ‘भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के मामले में प्रधानमंत्री के वे उपदेश पूरी तरह से हास्यास्पद लगते हैं, क्योंकि उच्च स्तरीय भ्रष्टाचार और आर्थिक अपराधों में उनकी मिलीभगत गंभीर रूप से सबके सामने है. प्रधानमंत्री ने न सिर्फ अपने पास मौजूद सभी टूल्स का इस्तेमाल करके बंदरगाह, हवाई अड्डे, बिजली और सड़क जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अपने करीबी मित्र अडानी के लिए ‘मोदी निर्मित एकाधिकार’ स्थापित करने में मदद की है, बल्कि उन्होंने सेबी, सीबीआई, ईडी, राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) और गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय जैसी विभिन्न एजेंसियों द्वारा अडानी के गलत कार्यों की सभी जांच को भी सुनियोजित ढंग से बंद कर दिया है.’

उन्होंने आगे कहा, ‘यह सब इसलिए किया ताकि टैक्स हेवन उनके लिए सुरक्षित रहे और वे अत्यधिक बैंकिंग गोपनीयता और जटिल अंतरराष्ट्रीय नियमों का लाभ उठाते रहें.’

सोशल साइट एक्स (पूर्व नाम ट्विटर) पर जारी अपने बयान में उन्होंने आगे लिखा है, ‘यह खुलासा हुआ है कि कम से कम दो अपारदर्शी फंड – जिन पर राउंड-ट्रिपिंग, मनी-लॉन्ड्रिंग और प्रतिभूति कानूनों के उल्लंघन के आरोप हैं – सीधे तौर पर अडानी से जुड़े हुए हैं. यह इस बात का ताजा उदाहरण है कि कैसे एजेंसियों को कमजोर करके उन्हें अडानी की सहायता और प्रधानमंत्री मोदी के कॉरपोरेट हित साधने के लिए लगा दिया गया है.’

जयराम रमेश ने 2014 में ब्रिस्बेन में आयोजित जी-20 सम्मेलन में मोदी द्वारा कहे गए वक्तव्यों का हवाला दिया, जहां उन्होंने ‘आर्थिक अपराधियों के लिए सुरक्षित पनाहगाहों को खत्म करने’, ‘मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल लोगों को ट्रैक करने और बिना शर्त प्रत्यर्पण करने’ और भ्रष्टों एवं उनके कार्यों को छिपाने में सहायक ‘अंतरराष्ट्रीय नियमों एवं जटिलताओं के जाल को तोड़ने’ की बात कही थी.

वहीं, 2018 में ब्यूनस आयर्स (अर्जेंटीना) में हुए सम्मेलन में मोदी ने ‘भगोड़े आर्थिक अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई और संपत्ति की वसूली के लिए’ नौ सूत्री एजेंडा प्रस्तुत किया था.

जयराम रमेश ने कहा, ‘जिस तरह आसानी से भाजपा ने नीरव मोदी, ललित मोदी, मेहुल ‘भाई’ चौकसे और विजय माल्या जैसे आर्थिक अपराधियों को देश से भागने दिया, उसे देखते हुए भी प्रधानमंत्री का ‘नौ सूत्री एजेंडा’ उतना ही हास्यास्पद लगता है.’

उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने खुद स्वीकार किया है कि वह हाल के वर्षों में 72 प्रमुख आर्थिक अपराधियों में से केवल दो को ही वापस ला पाई है.

उन्होंने जी-20 सम्मेलन के दौरान दिल्ली में झुग्गियों को ढकने या ध्वस्त करने के चलते हजारों लोगों के बेघर हो जाने की भी आलोचना की. साथ ही कहा कि सिर्फ प्रधानमंत्री की छवि को चमकाने के लिए आवारा पशु बेरहमी से पकड़े गए हैं और उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया है.