यूपी: भाजपा नेता के ख़िलाफ़ दर्ज रेप-हत्या मामले में लापरवाही के लिए पांच पुलिसकर्मी निलंबित

उत्तर प्रदेश के महराजगंज ज़िले का मामला. भाजपा के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के ज़िलाध्यक्ष राही मासूम रज़ा पर एक दलित लड़की के साथ बलात्कार और उसके पिता की हत्या का आरोप लगा है. अब बयान बदलने के लिए लड़की को एक कॉन्स्टेबल के द्वारा रिश्वत देने का मामला सामने आया है, जिसके बाद पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गई. रज़ा फिलहाल फ़रार है.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

उत्तर प्रदेश के महराजगंज ज़िले का मामला. भाजपा के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के ज़िलाध्यक्ष राही मासूम रज़ा पर एक दलित लड़की के साथ बलात्कार और उसके पिता की हत्या का आरोप लगा है. अब बयान बदलने के लिए लड़की को एक कॉन्स्टेबल के द्वारा रिश्वत देने का मामला सामने आया है, जिसके बाद पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गई. रज़ा फिलहाल फ़रार है.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले में एक भाजपा नेता के खिलाफ दलित लड़की के साथ बलात्कार और उसके पिता की हत्या के मामले में कथित तौर पर कर्तव्य के प्रति लापरवाही बरतने के लिए पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया. इसके अलावा एक स्टेशन हाउस अधिकारी (एसएचओ) सहित 14 अन्य को पुलिस लाइन भेज दिया गया.

आरोप है कि भाजपा नेता दलित लड़की की छोटी बहन के साथ भी छेड़छाड़ करता था.

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी-गोरखपुर जोन) अखिल कुमार ने कहा कि आरोपी की तलाश के लिए छापेमारी की जा रही है, जिसकी पहचान भाजपा के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष राही मासूम रज़ा के रूप में हुई है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, अपनी प्रारंभिक जांच का हवाला देते हुए पुलिस ने दावा किया कि शिकायतकर्ता लड़की ने आरोपी द्वारा पैसे की पेशकश के बाद मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान बदल दिया था.

पुलिस ने कहा कि इसमें एक कॉन्स्टेबल की भूमिका थी, क्योंकि उसने कथित तौर पर शिकायतकर्ता को आरोपी के साथ समझौता करने के लिए राजी किया था.

एडीजीपी कुमार ने कहा, ‘शिकायतकर्ता को अपना बयान बदलने के लिए एक कॉन्स्टेबल के माध्यम से 9 लाख रुपये का भुगतान किया गया था. हमने पैसे बरामद कर लिए हैं और कॉन्स्टेबल की तलाश जारी है.’

महराजगंज के पुलिस अधीक्षक (एसपी) डॉ. कौस्तुभ ने कहा कि मामले की जांच जारी है और साक्ष्य के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.

डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के अनुसार, एसपी कौस्तुभ ने बताया कि मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में पुलिस चौकी प्रभारी सदर प्रवीण सिंह, कॉन्स्टेबल आबिद अली, अखिलेश यादव, अखिलेश चौधरी और प्रियंका सिंह को निलंबित कर दिया गया है.

बीते 5 सितंबर को लड़की ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि भाजपा नेता ने 28 अगस्त को उसके साथ बलात्कार किया और जब उसके पिता राजू ने घटना का विरोध किया, तो आरोपी ने उनकी पिटाई की, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए. बाद में उनकी इलाज के दौरान मौत हो गई.

शिकायतकर्ता ने कहा था कि उसकी मां की मौत के बाद वह अपने पिता, तीन बहनों और एक छोटे भाई के साथ राही के घर में किरायेदार के रूप में रह रही थी.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, लड़की ने अपनी शिकायत में यह भी दावा किया कि भाजपा नेता रज़ा उसकी छोटी बहन के साथ भी छेड़छाड़ करते थे, जिसने पहले इस मामले का खुलासा नहीं किया, क्योंकि उन्होंने उसे गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी थी.

लड़की की शिकायत के आधार पर आरोपी मासूम रज़ा राही के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 376 (बलात्कार), 354 (शीलभंग करने के इरादे से महिला पर हमला), 452 (चोट और हमले की तैयारी के बाद घर में घुसना), 323 (जान-बूझकर चोट पहुंचाना), 504 (शांतिभंग करने के इरादे से अपमान करना), धारा 506 (आपराधिक धमकी) के अलावा  यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्‍सो एक्‍ट) और अनुसूचित जाति, जनजाति निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है.

एफआईआर के बाद आरोपी को हिरासत में लिया गया था, लेकिन शिकायतकर्ता लड़की द्वारा अपने बयान में बलात्कार के आरोपों को वापस लेने के बाद उन्हें जाने दिया गया. एसपी ने बताया कि इसके बाद रज़ा बीते 7 सितंबर से फरार हैं.

जिस पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है, वहां के नवनियुक्त प्रभारी ने कहा, ‘शिकायतकर्ता के पिता की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि शरीर पर कोई चोट नहीं पाई गई. उनका विसरा जांच के लिए सुरक्षित रखा गया है.’