सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट के लिए मोनू मानेसर को हिरासत में लिए जाने समेत अन्य ख़बरें

द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.

(फोटो: द वायर)

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हरियाणा पुलिस ने बजरंग दल सदस्य मोहित यादव उर्फ़ मोनू मानेसर को सोशल मीडिया पर फर्जी नाम से ‘आपत्तिजनक और भड़काऊ’ पोस्ट डालने के आरोप में हिरासत में लिया है. इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि 31 जुलाई को हुई नूंह में हुई हिंसा के बाद से ही पुलिस नियमित रूप से सोशल मीडिया पर पोस्ट होने वाली आपत्तिजनक सामग्री की जांच कर रही थी. ऐसे ही एक मामले में एक शख्स को लगातार ऐसे पोस्ट्स डालते देखा गया, जिसे लेकर हुई छापेमारी में एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया. इस व्यक्ति की पहचान मोनू मानेसर के तौर पर हुई है, जो फ़र्ज़ी नाम से उक्त पोस्ट डाल रहा था. मोनू मानेसर हरियाणा के भिवानी में राजस्थान के दो निवासियों- जुनैद और नासिर की हत्या के मामले में नामजद 21 आरोपियों में से एक है. अख़बार के अनुसार, इस केस को लेकर मानेसर को राजस्थान पुलिस को सौंपने का फैसला अदालत के आदेश के अनुसार लिया जाएगा.

उद्योगपति गौतम अडानी के समूह पर लगे आरोपों को लेकर कांग्रेस सांसद राहुल की मुंबई में हुई प्रेस वार्ता में हंगामा’ करने को कहे जाने पर एनडीटीवी के मुंबई ब्यूरो प्रमुख ने इस्तीफा दे दिया. न्यूज़लॉन्ड्री के अनुसार, खोजी पत्रकारों के नेटवर्क ओसीसीआरपी के पत्रकारों द्वारा अडानी समूह की ऑफशोर फंडिग को लेकर सामने लाए दस्तावेजों को लेकर 31 अगस्त को राहुल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, जहां मौजूद 300 से अधिक राष्ट्रीय और स्थानीय पत्रकारों में से एक एनडीटीवी के मुंबई ब्यूरो चीफ सोहित मिश्रा भी थे. सूत्रों के अनुसार, वार्ता शुरू होने से कुछ घंटे पहले मिश्रा को कथित तौर पर चैनल के प्रधान संपादक संजय पुगलिया ने राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस को बाधित करने, ‘हंगामा पैदा करने’ और ‘नैरेटिव बदलने’ के लिए कहा. गौतम अडानी के एएमजी मीडिया नेटवर्क द्वारा एनडीटीवी का अधिग्रहण करने के बाद से पुगलिया  इस पद पर हैं. सात सालों से एनडीटीवी से जुड़े मिश्रा ने कथित तौर पर पुगलिया के निर्देश मानने से इनकार कर दिया और अपना इस्तीफ़ा सौंप दिया. न्यूज़लॉन्ड्री द्वारा संपर्क किए जाने पर मिश्रा ने इस मामले पर कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया.

महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि बीते दिनों मराठा आरक्षण के लिए प्रदर्शन कर रहे लोगों के ख़िलाफ़ दर्ज हुए केस वापस लिए जाएंगे. हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, एक सर्वदलीय बैठक के बाद सरकार ने सोमवार (11 सितंबर) को घोषणा की कि मराठा आरक्षण प्रदर्शन कर रहे लोगों के खिलाफ दर्ज सभी मामले वापस लेने के साथ तीन वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है. ये पुलिसकर्मी जालना में प्रदर्शनकारियों पर हुए लाठीचार्ज में शामिल थे. इस कार्रवाई के लिए उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस माफ़ी मांग चुके हैं. सोमवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने समुदाय को आरक्षण देने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और मुख्य आंदोलनकारी से अपनी भूख हड़ताल खत्म करने की अपील भी की.

मणिपुर हिंसा पर दी गई फैक्ट-फाइंडिंग रिपोर्ट को लेकर एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के सदस्यों और पत्रकारों के खिलाफ हुई एफआईआर पर गिल्ड ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि ‘हिंसा को लेकर मीडिया की एकपक्षीय रिपोर्टिंग की जांच के लिए उसे सेना द्वारा पत्र लिखकर बुलाया गया था.’ रिपोर्ट के अनुसार, 12 जुलाई को गिल्ड की अध्यक्ष सीमा मुस्तफा को जनरल ऑफिसर कमांडिंग के लिए इंफोर्मेशन वॉरफेयर विंग के कर्नल अनुराग पांडे द्वारा हस्ताक्षरित पत्र में कहा गया है कि रोज़ाना की खबरों में ‘एक समुदाय के पक्ष में और दूसरे समुदाय के खिलाफ मीडिया का पूर्वाग्रह स्पष्ट रूप से दिखाई देता है, जो इंटरनेट बैन के बावजूद क्षेत्र में हिंसा भड़कने का एक कारण हो सकता है. इसलिए गिल्ड वहां पहुंचकर उक्त ख़बरों की जांच करे और बताए कि क्या वे मीडिया संस्थान और पत्रकार उनके लिए निर्धारित दिशानिर्देशों का उल्लंघन तो नहीं कर रहे हैं. पत्र के साथ स्थानीय अख़बार संगाई एक्सप्रेस, इंफाल फ्री प्रेस और पीपुल्स क्रॉनिकल की कुछ ख़बरों की फोटो साझा की गई है, जिस पर सेना ने सवाल उठाए हैं.

फुटबॉल एशियन कप क्वालीफायर के लिए चुनी गई भारत की राष्ट्रीय टीम कोच ने ज्योतिष परामर्श के अनुसार चुनी थी. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, कोच इगोर स्टिमैक मैच से पहले ज्योतिषी को खिलाड़ियों के विवरण दिया करते थे और फिर उनकी सलाह पर टीम चुनी जाती. अख़बार ने स्टिमैक और दिल्ली के एक ज्योतिषी भूपेश शर्मा के बीच हुई कथित चैट के हवाले से बताया है कि मई-जून 2022 में हर मैच से पहले कोच ने टीम को अंतिम रूप देने से पहले ज्योतिषी से सलाह मांगी और खिलाड़ियों की चोट के अपडेट के साथ सबस्टिट्यूट रणनीतियों को साझा किया.

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने बताया है कि देश में 40% मौजूदा सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. द हिंदू के मुताबिक, एडीआर ने बताया कि इन 40 फीसदी में से 25% ने हत्या, हत्या की कोशिश, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ अपराध के जैसे गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं. एडीआर और नेशनल इलेक्शन वॉच ने लोकसभा और राज्यसभा की 776 सीटों में से 763 के मौजूदा सांसदों के हलफनामों का विश्लेषण किया है. इसकी रिपोर्ट कहती है कि लोकसभा और राज्यसभा के प्रति सांसद की औसत संपत्ति 38.33 करोड़ रुपये है और 53 (7%) अरबपति हैं.

गोवा में वर्कशॉप के लिए स्कूली छात्रों को मस्जिद ले जाने पर प्रिंसिपल को निलंबित किए जाने की घटना सामने आई है. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, घटना दक्षिण गोवा के केशव स्मृति हायर सेकेंडरी स्कूल की है. प्रिंसिपल बीते शनिवार (9 सितंबर) को 11वीं कक्षा के छात्रों के एक समूह को एक वर्कशॉप (कार्यशाला) के लिए एक मस्जिद में ले गए थे और कथित तौर पर उन्हें वहां धार्मिक अनुष्ठान करने के लिए राजी किया था. विश्व हिंदू परिषद के सदस्यों ने दावा किया था कि उक्त वर्कशॉप प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से संबद्ध एक संगठन के निमंत्रण पर आयोजित की गई थी. प्रिंसिपल के ख़िलाफ़ ‘राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों का समर्थन’ करने के लिए पुलिस शिकायत दर्ज कराई गई है. राज्य शिक्षा विभाग ने घटना को लेकर स्कूल प्रबंधन से स्पष्टीकरण भी मांगा है.