द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
चार महीने से जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर से दिल्ली पहुंचे एक मेईतेई समूह से रक्षा मंत्री से मुलाकात करते हुए असम राइफल्स को राज्य से हटाने की मांग पर जोर दिया. हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, उनका कहना है कि यह केंद्रीय सुरक्षा बल ‘पक्षपाती’ है. प्रभावशाली मेईतेई नागरिक समाज संगठन कोऑर्डिनेटिंग कमेटी ऑन मणिपुर इंटीग्रिटी (COCOMI) ने एक बयान में कहा कि दिल्ली मेईतेई समन्वय समिति (डीएमसीसी) ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से उनके आवास पर मुलाकात की और असम राइफल्स की जगह किसी और सुरक्षा बल की मांग की. सीओसीओएमआई के प्रवक्ता खुराइजम अथौबा ने कहा कि डीएमसीसी ने कुकी उग्रवादी समूहों से खतरे और असम राइफल्स के कथित पूर्वाग्रह का हवाला देते हुए एक ज्ञापन सौंपा है. ज्ञात हो कि राज्य के कुकी समूहों ने हिंसा के लिए मेईतेई उग्रवादी समूहों को जिम्मेदार ठहराया है.
हरियाणा के नूंह में हुई सांप्रदायिक हिंसा के मामले में कांग्रेस विधायक मामन ख़ान को गिरफ़्तार किया गया है. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, इससे पहले फिरोजपुर झिरका के कांग्रेस विधायक ख़ान ने गिरफ्तारी से सुरक्षा की मांग करते हुए बीते 12 सितंबर को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था. उन्होंने कहा है कि उन्हें इस मामले में झूठा फंसाया जा रहा है, क्योंकि जिस दिन हिंसा भड़की उस दिन वह नूंह में थे ही नहीं. राज्य सरकार ने हाईकोर्ट को बताया था कि उसने 31 जुलाई को नूंह में हुई सांप्रदायिक हिंसा से संबंधित एक मामले में उन्हें आरोपी के रूप में नामजद किया गया है.
एक डेटासेट में सामने आया है कि भारत में महिला आत्महत्याओं में मामले में 50% से अधिक मामलों में गृहिणियों ने यह घातक कदम उठाया. द हिंदू के अनुसार, देश में आत्महत्या से मरने वाली महिलाओं की संख्या 2021 में सर्वाधिक 45,026 पहुंच गई. उनमें से आधे से अधिक गृहिणियां थीं. कुल महिला आत्महत्याओं के मामलों में गृहिणियों की हिस्सेदारी पिछले कई वर्षों से 50% से ऊपर बनी हुई है. समग्र आत्महत्याओं में गृहिणियों की हिस्सेदारी भी कई वर्षों से 15% के आसपास बनी हुई है. उल्लेखनीय है कि सभी आत्महत्याओं (पुरुषों और महिलाओं की मिलकर) में से 30% से अधिक में वजह परिवार या विवाह से संबंधित मुद्दे बताए गए थे.
गुजरात के बिलक़ीस बानो सामूहिक बलात्कार के दोषियों की सज़ामाफी के खिलाफ याचिकाओं की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कुछ दोषियों को विशेषाधिकार मिले. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, शीर्ष अदालत एक दोषी के वकील की दलीलें सुन रही थी, जिनका कहना था कि जेल का जीवन ‘पूरी तरह से बाहरी दुनिया से कटा हुआ’ रहता है. बिल्कुल कटा हुआ जीवन… आप दूर हैं… आपके पास कोई स्रोत नहीं है.’ इस पर जस्टिस बीवी नागरत्ना ने कहा कि इस मामले में उन्हें (दोषियों को) कई दिनों तक कई बार बाहर आने का मौक़ा मिला.
मणिपुर में चार महीने से जारी हिंसा के बीच राज्य सरकार ने हिंसा से जुड़े आंकड़े जारी किए हैं, जिसमें बताया गया है कि जातीय हिंसा भड़कने के बाद से 175 लोग मारे गए हैं, 1,118 घायल हुए हैं और 33 अभी भी लापता हैं. एनडीटीवी के अनुसार, साथ ही 96 शव मुर्दाघर में पड़े हैं, जिन पर किसी ने दावा नहीं किया है. इस दौरान आगजनी के कम से कम 5,172 मामले सामने आए हैं, जिनमें 4,786 घर और 386 धार्मिक स्थान (254 चर्च और 132 मंदिर) शामिल हैं. पुलिस द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, हिंसा की शुरुआत के बाद से राज्य के शस्त्रागारों से 5,668 हथियार लूटे गए हैं. इसमें से सुरक्षा बलों ने 1,329 को बरामद कर लिया है. अन्य 15,050 गोला-बारूद और 400 बम बरामद किए गए.
पश्चिम बंगाल में गिरफ्तार किए गए आनंदबाजार पत्रिका के पत्रकार देबमाल्या बागची को जमानत मिल गई है. रिपोर्ट के अनुसार, उन्हें अवैध शराब के कारोबार पर खोजी रिपोर्ट लिखने के बाद खड़गपुर में कथित तौर पर जातिवादी टिप्पणी और एक महिला पर हमला करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. गुरुवार देर रात उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ‘बाल रक्षा भारत’ और दो अन्य ग़ैर-सरकारी संगठनों का एफसीआरए लाइसेंस रद्द करने की खबर सामने आई है. इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, केंद्र सरकार ने जिन तीन ग़ैर-सरकारी संगठनों के एफसीआरए लाइसेंस कैंसिल किए है, उनमें ‘सेव द चिल्ड्रेन’ की भारतीय इकाई ‘बाल रक्षा भारत’, ‘श्रीनिवास मलिआह मेमोरियल थियेटर क्राफ्ट म्यूजियम’ और सेवा (SEWA) नाम के एनजीओ शामिल हैं. ये संगठन उत्तर-पूर्वी दिल्ली में पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन गतिविधियों में शामिल हैं. ‘सेव द चिल्ड्रेन’ बाल अधिकार समूह है, जो भारत के 16 राज्यों में संचालित होता है. संगठन के एक वरिष्ठ प्रतिनिधि ने एफसीआरए लाइसेंस रद्द करने की पुष्टि की है, लेकिन अधिक विवरण नहीं दिया.