वीडियो: संभाजी भिड़े एक ऐसा नाम है, जो हमेशा चर्चा में रहता है. कट्टर दक्षिणपंथी नेता के तौर पर संभाजी को पूरे महाराष्ट्र में पहचाना जाता है. उन्होंने जुलाई में अमरावती में एक कार्यक्रम दौरान कथित तौर पर महात्मा गांधी को लेकर विवादास्पद बयान दिया था. इस बयान के बाद राज्य में उनके ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन देखने को मिला था.
ऐसा नहीं है कि संभाजी ने पहली बार कोई विवादित बयान दिया. इससे पहले भी वह कई बार विवादित बयान दे चुके हैं, लेकिन सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर उनके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं होती. उनके विवादित बयान के संबंध में महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी ने उनके खिलाफ पुणे में मुकदमा दायर किया है.
संभाजी भिड़े शिव प्रतिष्ठान हिंदुस्तान संगटन के संस्थापक हैं, जिसके लाखों समर्थक महाराष्ट्र में हैं. विशेषत: युवा वर्ग इस संगठन से जुड़ा है. 2018 में हुई भीमा कोरेगांव हिंसा में भी संभाजी का नाम आया था, लेकिन बाद में कोई सबूत न मिलने के कारण उनका नाम पुलिस ने हटा दिया था.
सांगली, सतारा, और कोल्हापुर में संभाजी और उनके संगठन का सबसे ज्यादा प्रभाव है. हमने उनके साथ काम किए हुए उनके संगठन के पूर्व सदस्यों से बात की और जानना चाहा कि इस संगठन में कैसे काम होता है. क्या हिंदुत्व के नाम पर सिर्फ एक समाज को निशाना बनाया जाता है? क्या आरएसएस से शिव प्रतिष्ठान का कोई कनेक्शन है? इस संगठन में दिए हुए डोनेशन का हिसाब कैसे होते हैं? ये डॉक्यूमेंट्री ऐसे कई सवालों की पड़ताल करती है.