कर्नाटक के मांड्या ज़िले का मामला. आरोप है कि ऊंची जाति के एक परिवार ने दलितों के घरों की ओर जाने वाली सड़क को अवरुद्ध कर दिया है. ग्रामीणों ने ज़िला प्रशासन से हस्तक्षेप करने और ऊंची जाति के परिवार द्वारा अतिक्रमण की गई सड़क को खाली कराने का आग्रह किया है.
नई दिल्ली: कर्नाटक के मांड्या जिले में एक दलित समुदाय ने बीते 14 सितंबर को जिले के डिप्टी कमिश्नर को एक शिकायत सौंपी, जिसमें आरोप लगाया गया कि ऊंची जाति के एक परिवार ने उनके घरों की ओर जाने वाली सड़क को अवरुद्ध कर दिया है.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, डिप्टी कमिश्नर को सौंपे गए ज्ञापन में मद्दूर तालुक के हूथगेरे गांव के ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से हस्तक्षेप करने और ऊंची जाति के परिवार द्वारा अतिक्रमण की गई सड़क को खाली कराने का आग्रह किया है.
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सड़क अवरूद्ध कर दिए जाने से उनके दैनिक जीवन और आवश्यक बुनियादी जरूरतों तक पहुंच प्रभावित हो रही है.
मामले से परिचित लोगों के मुताबिक, डिप्टी कमिश्नर ने तालुक तहसीलदार को शिकायत पर गौर करने का निर्देश दिया.
मद्दूर के तहसीलदार बी. नरसिम्हा मूर्ति ने कहा, ‘शिकायत मिलने के तुरंत बाद हमने समाज कल्याण अधिकारियों के साथ घटनास्थल का दौरा किया.’
उन्होंने कहा, ‘उक्त सड़क राजस्व विभाग के सरकारी नक्शे में नहीं है और जमीन निजी लोगों की है. हालांकि, हमने मालिकों को 12 फीट सड़क छोड़ने का निर्देश देकर समस्या का समाधान कर दिया है और वे इस पर सहमत हो गए हैं.’
समस्या तब पैदा हुई, जब दलित समुदाय ने कंटीले तारों की बाड़ लगाने पर सवाल उठाया. मकान मालिक, जो अतिक्रमणकारी भी है, ने कथित तौर पर दलित समुदाय के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया.
रिपोर्ट के अनुसार, गांव में कंक्रीट की सड़कें, पानी की आपूर्ति और जल निकासी की सुविधा है और ग्राम पंचायत वहां स्थित घरों पर वार्षिक कर, राजस्व और सरकारी बकाया लगाती है. ग्रामीण सड़क तक तत्काल पहुंच और अपनी समस्या के दीर्घकालिक समाधान की मांग कर रहे हैं.
19.5 फीट की यह सड़क गांव के नक्शे पर नहीं है. हालांकि, सड़क के बीच में कथित तौर पर अवैध तार की बाड़ लगाने से ऊंची जाति के परिवार ने सड़क का अतिक्रमण कर लिया है. ग्रामीणों ने डिप्टी कमिश्नर से सार्वजनिक रास्ते पर हुए इस अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई कर न्याय दिलाने की मांग की है.
हूथगेरे ग्राम पंचायत सदस्य श्वेता जनार्दन ने कहा, ‘समस्या यह है कि राजस्व विभाग के नक्शे में कहीं भी सड़क का उल्लेख नहीं किया गया है. सड़क दो भाइयों रमेश और शशि कुमार के स्वामित्व वाली तीन एकड़ जमीन के बीच में स्थित है.’
उन्होंने कहा कि हालांकि ग्राम पंचायत, राजस्व अधिकारियों और समाज कल्याण अधिकारियों के हस्तक्षेप से समस्या का समाधान हो गया है, क्योंकि भूमि मालिक 12 फीट सड़क प्रदान करने पर सहमत हो गए हैं.
एक दलित बुजुर्ग जवरप्पा ने संवाददाताओं से कहा, ‘पिछले पांच दशकों से हम उस सड़क का उपयोग कर रहे हैं, जिसकी चौड़ाई 19.5 फीट और लंबाई 60 मीटर है, क्योंकि यह दलित परिवारों के 16-18 घरों को जोड़ने वाली एकमात्र सड़क है.’
उन्होंने कहा कि भूमि मालिक सड़क हड़पने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने राजस्व अधिकारियों से सड़क को गांव के नक्शे में शामिल करने का आग्रह किया है.