मणिपुर: भीड़ के पुलिस थानों पर हमले के प्रयासों के बीच इंफाल में फिर कर्फ्यू प्रतिबंध लगाए गए

अत्याधुनिक हथियार रखने और पुलिसकर्मियों का भेस बनाने को लेकर यूएपीए के आरोप में गिरफ़्तार पांच लोगों की रिहाई की मांग करते हुए मेईतेई समूहों ने कई पुलिस थानों पर हमला किया था. इसके बाद इंफाल पूर्व और पश्चिम ज़िलों में दी जाने वाली कर्फ्यू में छूट को बंद कर दिया गया है.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: ट्विटर/@manipur_police)

अत्याधुनिक हथियार रखने और पुलिसकर्मियों का भेस बनाने को लेकर यूएपीए के आरोप में गिरफ़्तार पांच लोगों की रिहाई की मांग करते हुए मेईतेई समूहों ने कई पुलिस थानों पर हमला किया था. इसके बाद इंफाल पूर्व और पश्चिम ज़िलों में दी जाने वाली कर्फ्यू में छूट को बंद कर दिया गया है.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: ट्विटर/@manipur_police)

नई दिल्ली: मणिपुर में पुलिसकर्मियों की वर्दी पहनकर घूमने के आरोप में गिरफ्तार किए गए पांच लोगों की रिहाई की मांग को लेकर एक हिंसक भीड़ द्वारा एक थाने पर हमले के एक और प्रयास के बाद अधिकारियों ने गुरुवार से इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम जिलों में कर्फ्यू प्रतिबंध बहाल कर दिया.

इससे पहले सुबह 5 बजे से रात 9 बजे तक कर्फ्यू में छूट रहती थी.

रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने कहा है कि इन पांचों लोगों के पास पुलिस शस्त्रागार से लूटे गए अत्याधुनिक हथियार थे और उन्होंने पुलिसकर्मियों का वेश बना रखा था. पांचों लोगों पर कड़े गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत आरोप लगाए गए हैं.

मेईतेई महिलाओं के प्रभावशाली समूह मीरा पाइबीस, जो मौजूदा संघर्ष के दौरान निगरानीकर्ताओं (विजिलेंट) के तौर पर लगे हैं, ने इससे पहले इन युवकों की गिरफ्तारी के विरोध में 48 घंटे के पूर्ण बंद का आह्वान किया था. गिरफ्तारी के दिन भी भीड़ ने उस पुलिस स्टेशन पर धावा बोलने की कोशिश की थी जहां उन्हें रखा जा रहा था.

मेईतेई समूहों ने दावा किया है कि पांचों व्यक्ति ‘वालंटियर’ हैं. गुरुवार को प्रदर्शन करती भीड़ ने कथित तौर पर नारे लगाते हुए कहा कि ‘अगर उन सभी ग्राम रक्षा वालंटियर्स को गिरफ्तार किया जा रहा है तो उन्हें भी हिरासत में लिया जाए.’

गुरुवार को महिलाओं के नेतृत्व में निगरानी समूहों ने विभिन्न थानों को निशाना बनाया. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, ‘विशेष रूप से इंफाल पश्चिम के सिंगजामेई थाने में स्थिति बिगड़ी, जहां प्रभारी अधिकारी के आवास में भी तोड़फोड़ की गई.’

लाइव मिंट की रिपोर्ट बताती है कि जब मणिपुर सुरक्षा बलों और आरएएफ कर्मियों ने थानों पर हमला करने की कोशिश कर रही भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े, तो 10 से अधिक लोग घायल हो गए.

हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, गिरफ्तार किए गए लोगों में से एक की पहचान मणिपुर के प्रतिबंधित विद्रोही संगठन पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के 45 वर्षीय पूर्व कैडर के रूप में की गई है. अखबार ने बताया कि मोइरांगथेम आनंद सिंह, जो एक प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन कांगलेइपाक कम्युनिस्ट पार्टी (नोयोन) का सदस्य भी है, को पिछले दिनों राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत हिरासत में लिया गया है.

गिरफ्तार किए गए अन्य चार लोग कीशम जॉनसन (35), कोनथौजम रोमोजीत मेईतेई (28), लौक्राकपम माइकल मंगांगचा (30) और अथोकपम काजित (39) हैं.

पुलिस ने कहा है कि वे उन लोगों को रिहा नहीं कर सकते, क्योंकि उनके पास से हथियार बरामद हुए हैं और उन पर कई आरोप हैं.

मणिपुर में चार महीने से जारी हिंसा के बीच बीते दिनों राज्य सरकार ने बताया था कि 3 मई को जातीय हिंसा भड़कने के बाद से 175 लोग मारे गए हैं, 1,118 घायल हुए हैं और 33 अभी भी लापता हैं. पुलिस द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, हिंसा की शुरुआत के बाद से राज्य के शस्त्रागारों से 5,668 हथियार लूटे गए हैं, जिसमें से सुरक्षा बलों ने 1,329 को बरामद किया है.