इस साल मार्च और जुलाई महीने में अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास पर खालिस्तान समर्थकों द्वारा हमला किया गया था. कनाडा द्वारा खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने का आरोप लगाने के बीच एनआईए ने 10 खालिस्तान समर्थकों की तस्वीरें जारी कर इनके बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मांगी है, जिससे उनकी गिरफ़्तारी की जा सके.
नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 10 खालिस्तान समर्थकों की तस्वीरें जारी की हैं, जो कथित तौर पर अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमले में शामिल थे.
इस साल अमेरिका के इस भारतीय वाणिज्य दूतावास पर दो बार (मार्च और जुलाई महीने में) हमला हुआ है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इन खालिस्तान समर्थकों को पकड़ने में आम जनता की मदद मांगते हुए एजेंसी ने आरोपियों के खिलाफ तीन अलग-अलग ‘पहचान और सूचना के लिए अनुरोध’ नोटिस जारी किए हैं. एजेंसी ने उनके बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मांगी है, जिससे उनकी गिरफ्तारी हो सके.
जहां दो नोटिस में दो-दो आरोपियों की तस्वीरें हैं, वहीं तीसरे नोटिस में मामले के अन्य छह आरोपियों की तस्वीरें हैं. एजेंसी ने लोगों को आश्वासन दिया कि वह आरोपियों के बारे में जानकारी साझा करने वाले किसी भी व्यक्ति की पहचान उजागर नहीं करेगी.
पहला हमला, जो 18 और 19 मार्च की मध्यरात्रि को हुआ था, कथित तौर पर कुछ खालिस्तानी समर्थकों द्वारा किया गया, जिन्होंने वाणिज्य दूतावास परिसर में प्रवेश करने की कोशिश के साथ आग लगाने का प्रयास किया.
एनआईए के अनुसार, ‘नारे लगाते कुछ खालिस्तानी समर्थकों’ ने सैन फ्रांसिस्को पुलिस द्वारा लगाए गए अस्थायी सुरक्षा अवरोधों को तोड़ दिया था और वाणिज्य दूतावास परिसर में दो ‘तथाकथित खालिस्तानी झंडे’ लगा दिए था. साथ ही दूतावास की इमारत को नुकसान पहुंचाते हुए यहां के अधिकारियों पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया था.
इसके बाद 1 और 2 जुलाई की मध्यरात्रि को भी भारतीय वाणिज्य दूतावास पर फिर से हमला हुआ. इस दौरान कथित तौर पर खालिस्तान समर्थकों ने दूतावास को जलाने की कोशिश की. स्थानीय अग्निशमन विभाग ने आग पर काबू पा लिया और कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ था, न ही कोई घायल हुआ था.
खालिस्तान समर्थकों द्वारा ट्विटर पर अपलोड किए गए एक वीडियो में दिखाया गया था कि आगजनी की घटना 1-2 जुलाई को हुई थी. जैसा कि समाचार एजेंसी पीटीआई ने रिपोर्ट किया था, वीडियो में ‘हिंसा से हिंसा पैदा होती है’ जैसी लाइन थी. इसमें कनाडा स्थित खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर की मौत से संबंधित समाचार लेख भी दिखाए गए थे.
खालिस्तान समर्थक संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स और सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) की कनाडाई शाखा के प्रमुख 46 वर्षीय निज्जर भारत में वांछित था और इस साल जून में ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर उसकी नकाबपोश लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
मालूम हो कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने बीते 18 सितंबर को कनाडाई संसद (हाउस ऑफ कॉमन्स) में एक सनसनीखेज बयान में दावा किया था कि उनके देश की सुरक्षा एजेंसियों के पास ‘विश्वसनीय’ खुफिया जानकारी है कि जून 2023 में ब्रिटिश कोलंबिया में खालिस्तान समर्थक नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारत सरकार का हाथ था.
ट्रूडो के इस बयान ने एक बार फिर निज्जर की हत्या और भारत के बाहर अलगाववादी खालिस्तान आंदोलन के समर्थन को सुर्खियों में ला दिया है. इस बयान के बाद से भारत-कनाडा के राजनयिक संबंध अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए हैं.
जहां तक सैन फ्रांसिस्को में हुए हमले का सवाल है, एनआईए ने कहा कि उसने 16 जून को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान की रोकथाम अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज करने के बाद मामले की जांच शुरू की थी. एजेंसी ने कहा है कि एनआईए की एक टीम ने मामले की जांच के सिलसिले में अगस्त में सैन फ्रांसिस्को का दौरा किया था.
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