मणिपुर में जारी हिंसा के बीच असम राइफल्स ने राज्य पुलिस को पत्र लिखकर कहा है कि कुछ मेईतेई उपद्रवियों ने इस्तेमाल किए हुए ट्रक खरीदकर उनका रंग-रोगन करके, उन पर असम राइफल्स का चिह्न लगाकर सैन्य वाहनों के समान बनाया है. ऐसा असम राइफल्स की छवि ख़राब करने के लिए किया जा रहा है.
नई दिल्ली: असम राइफल्स ने मणिपुर पुलिस को पत्र लिखकर चिंता जताई है कि नागरिक वाहनों को इस तरह मोडिफाई किया जा रहा है कि वे असम राइफल्स के वाहनों की तरह दिखें. इसके लिए उसने घाटी के विद्रोही समूह (वीबीआईजी) को जिम्मेदार ठहराया है.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, यह बात केंद्रीय खुफिया एजेंसियों द्वारा मणिपुर पुलिस को यह सूचित किए जाने के कुछ दिनों बाद सामने आई है कि राज्य में हिंसा को अंजाम देने के लिए उपद्रवी सुरक्षाकर्मियों के छद्म पहनावे का इस्तेमाल कर रहे थे.
अखबार के मुताबिक, असम राइफल्स ने 18 सितंबर को चूड़ाचांदपुर के एसपी को घटनाक्रम के बारे में लिखा था.
पत्र में कहा गया, ‘यह विश्वसनीय रूप से पता चला है कि कुछ मेईतेई उपद्रवियों ने वीबीआईजी की मदद से कई इस्तेमाल किए हुए टाटा-407 (ट्रक) बाजार से खरीद लिए हैं और उनका रंग-रोगन करके एवं उन पर असम राइफल्स का चिह्न लगाकर असम राइफल्स द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे टाटा-407 वाहनों के समान बना दिया है.’ साथ ही, पत्र में कहा गया है कि यह वाहन काकचिंग के क्षेत्र में देखे गए हैं.
पत्र में अनुरोध किया गया है कि मामला काकचिंग के एसपी को भेजा जाए और कहा गया है कि ‘सिविल वाहनों का स्वरूप इस तरह तब्दील करना कि वे असम राइफल्स के वाहनों की तरह दिखें, स्पष्ट रूप से वीबीआईजी के असम राइफल्स की छवि खराब करने या इन वाहनों का इस्तेमाल राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में करने के नापाक इरादे को दर्शाता है.’
पिछले सप्ताह के दौरान घाटी में पांच लोगों की गिरफ्तारी को लेकर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं, जिन्हें बंदूकें रखने और सुरक्षाकर्मियों के छद्म पहनावे में पाए जाने के बाद गिरफ्तार किया गया था.
इस बीच, शुक्रवार को मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के कार्यालय ने घोषणा की कि सुरक्षा बल अब तक सरेंडर नहीं किए गए अवैध हथियारों को बरामद करने के लिए 15 दिनों के भीतर एक ‘मजबूत और व्यापक तलाशी अभियान’ शुरू करेंगे.
मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है, ‘राज्य सरकार इन 15 दिनों के भीतर ऐसे अवैध हथियार जमा करने वाले व्यक्तियों पर विचार करने को तैयार है. 15 दिनों के अंत में, केंद्र और राज्य दोनों के सुरक्षा बल ऐसे हथियारों को बरामद करने के लिए पूरे राज्य में एक मजबूत और व्यापक तलाशी अभियान चलाएंगे, और ऐसे व्यक्तियों से कानून के अनुसार सख्ती से निपटा जाएगा जो किसी भी अवैध हथियार से जुड़ाव रखते हैं.’
इसमें पिछले एक सप्ताह से पुलिस द्वारा दिए जा रहे बयानों को दोहराया गया कि ‘अवैध हथियारों का उपयोग करके उपद्रवियों/समूहों द्वारा जबरन वसूली, धमकाने और अपहरण की खबरें सामने आई हैं.’
इसमें कहा गया है, ‘यह एक गंभीर मामला है और राज्य सरकार राज्य के किसी भी हिस्से में ऐसे उपद्रवियों/समूहों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी.’