मुज़फ़्फ़रपुर ज़िले का मामला. सभी प्रभावित लोगों ने शुक्रवार और शनिवार को देसी शराब का सेवन किया था. शराब पीने के कुछ ही घंटों बाद उन्हें जी मिचलाने, पेट दर्द, चक्कर आने, सांस लेने में तकलीफ़ और दृष्टि कम होने की शिकायत होने लगी. इनमें से दो ने रविवार सुबह दम तोड़ दिया.
नई दिल्ली: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में रविवार को हुई जहरीली शराब की घटना में कम से कम दो लोगों की मौत हो गई और दो अन्य की आंखों की रोशनी चली गई.
द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रभावित लोगों की संख्या और बढ़ सकती है क्योंकि पुलिस और जिला प्रशासन अवैध शराब पीने के बाद बीमार पड़े लोगों का पता लगाने के लिए घर-घर जाकर तलाशी ले रहे हैं.
घटना काजी मोहम्मदपुर थाना क्षेत्र के पोखरिया पीर इलाके में हुई. मृतकों की पहचान – 50 वर्षीय उमेश साह और 32 वर्षीय पप्पू राम के रूप में की गई है, जबकि धर्मेंद्र कुमार और राजू साह ने जहरीली शराब पीने के बाद अपनी आंखों की रोशनी खो दी.
सभी प्रभावित लोगों ने शुक्रवार और शनिवार को देसी शराब का सेवन किया था. शराब पीने के कुछ ही घंटों बाद उन्हें जी मिचलाने, सिरदर्द, पेट दर्द, चक्कर आना, सांस लेने में परेशानी और दृष्टि कम होने की शिकायत होने लगी. इनमें से दो ने रविवार सुबह दम तोड़ दिया.
पीड़ितों के परिवारों ने कहा कि उन्होंने इलाके की एक बर्फ फैक्ट्री से जहरीली शराब खरीदी थी, जो शराब बेचने का काम करती है.
मुजफ्फरपुर के एसएसपी राकेश कुमार ने कहा कि स्थानीय लोगों ने प्रारंभिक सत्यापन के दौरान मौतों के पीछे अवैध जहरीली शराब की संभावना व्यक्त की है.
उन्होंने कहा, ‘हमें पोखरिया पीर स्थित अंबेडकर कॉलोनी में दो लोगों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत और दो अन्य के अस्वस्थ होने की जानकारी मिली.’
पुलिस अधिकारियों ने जहरीली शराब बेचने के आरोप में शिवचंद्र पासवान नाम के शख्स की पहचान की है. वह फरार है.
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, एडिशनल एसपी अवधेश दीक्षित ने बताया कि फरार चल रहे कथित आपूर्तिकर्ता की पत्नी और बेटी को हिरासत में ले लिया गया है.
एएसपी ने कहा कि पासवान की तलाश की जा रही है, जो पहले भी शराबबंदी कानून का उल्लंघन करने के आरोप में जेल जा चुका है. पुलिस पासवान की पत्नी और बेटी से पूछताछ कर रही है.
गौरतलब है कि 2016 में नीतीश कुमार सरकार द्वारा बिहार में शराब की बिक्री और खपत पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया था. हालांकि, मिलावटी या जहरीली शराब से लोगों के बीमार पड़ने या मौत की घटनाएं लगातार सामने आती रही हैं.
इस साल अप्रैल महीने में मोतीहारी ज़िले में ज़हरीली शराब पीने से 26 लोगों की मौत हुई थी. इससे पहले जनवरी महीने में सीवान जिले में जहरीली शराब पीने से चार लोगों की मौत हो गई थी.
दिसंबर 2022 में जहरीली शराब पीने से दो जिलों में आठ लोगों की मौत का मामला सामने आया था. इनमें से सिवान जिले में छह लोगों की मौत हो गई थी, जबकि बेगूसराय में दो अन्य लोगों की जान गई थी.
दिसंबर 2022 में ही छपरा (सारण) जिले में जहरीली शराब पीने से कथित तौर पर करीब 50 लोगों की जान चली गई थी. इस घटना के बाद बिहार विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप लगाए गए थे.