सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम, 1958 (आफस्पा) ‘अशांत क्षेत्रों’ में तैनात सेना और केंद्रीय बलों को क़ानून के ख़िलाफ़ काम करने वाले किसी भी व्यक्ति को मारने, गिरफ़्तारी और बिना वारंट के किसी भी परिसर की तलाशी लेने का अधिकार देता है. साथ ही केंद्र की मंज़ूरी के बिना अभियोजन और क़ानूनी मुक़दमों से सुरक्षा बलों को सुरक्षा भी प्रदान करता है.
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम, 1958 (आफस्पा) को 1 अक्टूबर से अगले छह महीने के लिए बढ़ा दिया है.
आफस्पा ‘अशांत क्षेत्रों’ में तैनात सेना और केंद्रीय बलों को कानून के खिलाफ काम करने वाले किसी भी व्यक्ति को मारने, गिरफ्तारी और बिना वारंट के किसी भी परिसर की तलाशी लेने का अधिकार देता है. साथ ही केंद्र की मंजूरी के बिना अभियोजन और कानूनी मुकदमों से सुरक्षा बलों को सुरक्षा प्रदान करने की शक्ति देता है.
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलवार (26 सितंबर) को प्रकाशित एक अधिसूचना के अनुसार, नगालैंड के पूरे आठ जिलों और पांच अन्य जिलों के 21 थाना क्षेत्रों में आफस्पा को अगले छह महीने के लिए बढ़ा दिया गया है.
नगालैंड के आठ जिले जहां आफस्पा लागू होगा वे हैं – दीमापुर, निउलैंड, चुमौकेदिमा, मोन, किफिरे, नोकलाक, फेक और पेरेन. इसके अलावा जिन थाना क्षेत्रों में आफस्पा लागू होगा उनमें – i) कोहिमा जिले के खुजामा, कोहिमा उत्तर, कोहिमा दक्षिण, जुब्ज़ा और केज़ोचा पुलिस थाने; ii) मोकोकचुंग जिले के मंगकोलेम्बा, मोकोकचुंग-I, लोंगथो, तुली, लोंगकेम और अनाकी ‘सी’ पुलिस थाने; iii) लोंगलेंग जिले का यांगलोक पुलिस थाना; iv) वोखा जिले के भंडारी, चंपांग और रालन पुलिस थाने और v) जुन्हेबोटो जिले के घाटशी, पुघोबोटो, सताखा, सुरुहुतो, जुन्हेबोटो और अघुनाटो पुलिस थाने शामिल हैं.
अरुणाचल प्रदेश में तिरप, चांगलांग और लोंगडिंग जिलों और असम सीमा के साथ नामसाई जिले के नामसाई, महादेवपुर और चौखम पुलिस स्टेशनों के अधिकार क्षेत्र में आने वाले क्षेत्रों को आफस्पा, 1958 की धारा 3 के तहत एक अक्टूबर से छह महीने की अवधि के लिए या आदेश जब तक वापस नहीं लिया जाता, तब तक ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित कर दिया गया है.
अधिसूचना मार्च में जारी पहले के आदेश का विस्तार है. 1 अप्रैल, 2022 को गृह मंत्रालय ने असम, मणिपुर और नगालैंड में ‘अशांत क्षेत्रों’ को काफी हद तक कम कर दिया था. आफस्पा 1995 से पूरे नगालैंड में लागू है.
आफस्पा को लेकर राज्य और केंद्र दोनों सरकारें अधिसूचना जारी कर सकती हैं.
गृह मंत्रालय केवल नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश के लिए आफस्पा का विस्तार करने के लिए समय-समय पर ‘अशांत क्षेत्र’ अधिसूचना जारी करता है. मणिपुर और असम के लिए अधिसूचना राज्य सरकारों द्वारा जारी की जाती है. त्रिपुरा ने 2015 में इस अधिनियम को रद्द कर दिया था और मेघालय 27 वर्षों तक आफस्पा के तहत रहा, जब तक कि 1 अप्रैल, 2018 को मंत्रालय द्वारा इसे रद्द नहीं कर दिया गया.