मणिपुर में आफस्पा की अवधि छह महीने बढ़ाए जाने समेत अन्य ख़बरें

द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.

(फोटो: द वायर)

द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.

(फोटो: द वायर)

मणिपुर सरकार ने कानून व्यवस्था की स्थिति के मद्देनजर बुधवार को पूरे राज्य को सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (आफस्पा) के तहत छह महीने की अवधि के लिए ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित कर दिया. टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, 1 अक्टूबर 2023 से लागू होने वाला यह आदेश इंफाल थाना समेत 19 पुलिस थानों के अधिकार क्षेत्र वाले इलाकों में लागू नहीं होगा. राज्य सरकार ने एक अधिसूचना में कहा कि विभिन्न चरमपंथी/विद्रोही समूहों की हिंसक गतिविधियों के कारण पूरे राज्य में नागरिक प्रशासन की सहायता के लिए सशस्त्र बलों के उपयोग की आवश्यकता है. वहीं, एनडीटीवी ने बताया है कि दो मेईतेई छात्रों के शव की वायरल तस्वीरों को लेकर शुरू हुए ताजा विरोध प्रदर्शन के दौरान बुधवार को प्रदर्शनकारियों और पुलिस की झड़प के बाद राजधानी इंफाल में तत्काल प्रभाव से कर्फ्यू लगा दिया गया है.

नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम (आफस्पा) को 1 अक्टूबर से अगले छह महीने के लिए बढ़ा दिया है. द हिंदू के मुताबिक, एक अधिसूचना के अनुसार नगालैंड के आठ जिलों (दीमापुर, निउलैंड, चुमौकेदिमा, मोन, किफिरे, नोकलाक, फेक और पेरेन) के पूर्ण हिस्सों और पांच अन्य जिलों (कोहिमा, मोकोकचुंग, लोंगलेंग, वोखा और जुन्हेबोटो) के 21 थाना क्षेत्रों में अगले छह महीने के लिए आफस्पा में वृद्धि की गई है. अरुणाचल प्रदेश में तिरप, चांगलांग और लोंगडिंग जिलों और असम सीमा के साथ नामसाई जिले के नामसाई, महादेवपुर और चौखम पुलिस थानों के अधिकार क्षेत्र में आने वाले क्षेत्रों को आफस्पा, 1958 की धारा 3 के तहत एक अक्टूबर से छह महीने की अवधि के लिए या आदेश जब तक वापस नहीं लिया जाता, तब तक ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित कर दिया गया है.

गुजरात में एक व्यक्ति को ज़मानत मिल जाने के बाद भी अतिरिक्त तीन साल तक और जेल में रहना पड़ा क्योंकि जेल अधिकारी ईमेल के जरिए भेजे गए ज़मानती आदेश को खोल कर देख नहीं सके. एनडीटीवी ने बताया है कि गुजरात हाईकोर्ट ने अब राज्य सरकार को आदेश दिया है कि इस लापरवाही के लिए वह पीड़ित व्यक्ति को मुआवज़े के तौर पर एक लाख रुपये का भुगतान करे.

उत्तर प्रदेश के बहराइच में एक स्कूल में नौवीं कक्षा के हिंदी भाषा के पेपर में ‘भारतीय मुस्लिम आतंकवाद’ पर सवाल पूछे जाने के बाद विवाद खड़ा हो गया. डेक्कन हेराल्ड के मुताबिक, मुस्लिम समुदाय के सदस्यों द्वारा विरोध जताए जाने पर स्कूल ने माफी मांगते हुए परीक्षा को रद्द कर दिया और प्रश्न पत्र बनाने वाले हिंदी शिक्षक को नौकरी से हटा दिया. सवाल आंतकवाद पर हिंदी के एक पाठ से संबंधित था.  इससे पहले राज्य के एक अन्य स्कूल में अध्यापिका द्वारा मुस्लिम छात्र में अन्य छात्रों से थप्पड़ पड़वाने का मामला सामने आ चुका है.

मणिपुर में मानवाधिकारों के हनन के मद्देनज़र ब्रिटेन के सांसद भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर वार्ता को रोकने चाहते हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, 21 ब्रिटिश सांसदों ने हाउस ऑफ कॉमन्स में पेश किए गए एक अर्ली डे मोशन (ईडीएम) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें ब्रिटिश सरकार से भारत सरकार के समक्ष मणिपुर में मानवाधिकारों के उल्लंघन के मुद्दे को उठाने और ऐसे उल्लंघन होते रहने की स्थिति में ब्रिटेन-भारत मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर बातचीत रोकने का आह्वान किया है.

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के डेटाबेस से वित्त वर्ष 2022-23 में 5.2 करोड़ से अधिक श्रमिकों को हटा दिया गया, जो पिछले वर्षों की तुलना में 247 फीसदी की वृद्धि दर्शाता है. इकोनॉमिक एंड पॉलिटिकल वीकली (ईपीडब्ल्यू) ने ग्रामीण विकास मंत्रालय के आंकड़ों के हवाले से यह जानकारी देते हुए बताया है कि इन नामों के हटने के पीछे का मुख्य कारण आधार-आधारित भुगतान प्रणाली (एबीपीएस) का कार्यान्वयन है, जिसने प्रणाली में जटिलता बढ़ा दी है. आधार प्रक्रिया के प्रशिक्षण और समझ के अभाव में स्थानीय अधिकारियों ने लक्ष्य पूरा करने के आसान तरीके के रूप में एबीपीएस-अयोग्य श्रमिकों को रोस्टर से हटाने का सहारा लिया है.