केंद्र के आदेश के ख़िलाफ़ मिज़ोरम के म्यांमार शरणार्थियों का डेटा देने से इनकार समेत अन्य ख़बरें

द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.

(फोटो: द वायर)

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मिज़ोरम की ज़ोरमथांगा सरकार ने कहा है कि वह राज्य में रह रहे म्यांमार के शरणार्थियों का बायोमेट्रिक डेटा इकट्ठा नहीं करेगी. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, इस साल अप्रैल में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मिजोरम और मणिपुर, जो म्यांमार के साथ सीमा साझा करते हैं, को ‘अवैध अप्रवासियों’ के बायोमेट्रिक और बायोग्राफिक विवरण एकत्र करने का निर्देश दिया था. जून में इसने राज्यों से कहा कि अभियान सितंबर के अंत तक पूरा हो जाए और दोनों को एक योजना तैयार कर प्रक्रिया शुरू करें. अब, ज़ोरमथांगा सरकार ने कहा है कि वह शरणार्थियों का बायोमेट्रिक डेटा एकत्र नहीं करेगी, वहीं मणिपुर सरकार ने इसकी समयसीमा बढ़ाने की मांग की है. मिजोरम के सूचना और जनसंपर्क मंत्री लालरुआत्किमा ने अख़बार को बताया कि उन्होंने ‘मानवीय आधार’ पर डेटा एकत्र न करने का फैसला किया है. शरणार्थियों के साथ राज्य के लोगों के रिश्ते  का जिक्र करते हुए उन्होंने जोड़ा कि राज्य सरकार ऐसा इसलिए भी नहीं करेगी क्योंकि केंद्र ‘इसे लेने के बाद उन्हें बाहर कर देगा.’ उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में म्यांमार और बांग्लादेश के चटगांव पहाड़ी इलाकों से आए शरणार्थियों की संख्या लगभग 60,000 है.

देश में हरित क्रांति के जनक कहे जाने वाले प्रतिष्ठित कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन का गुरुवार को चेन्नई में निधन हो गया. वह 98 वर्ष के थे. साल 2004 में स्वामीनाथन को किसानों के लिए गठित राष्ट्रीय आयोग के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था, जिसे आत्महत्या के खतरनाक मामलों के बीच किसानों के संकट को दूर करने के लिए गठित किया गया था. आयोग ने 2006 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की और अपनी सिफारिशों में सुझाव दिया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) उत्पादन की भारित औसत लागत से कम से कम 50 प्रतिशत अधिक होना चाहिए. स्वामीनाथन को संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम द्वारा ‘आर्थिक पारिस्थितिकी के जनक’ के रूप में भी जाना जाता है. उन्होंने ‘हरित क्रांति’ की सफलता के लिए 1960 और 70 के दशक के दौरान सी. सुब्रमण्यम और जगजीवन राम सहित कृषि मंत्रियों के साथ काम किया था. ​हरित क्रांति एक पहल थी, जिसने रासायनिक-जैविक प्रौद्योगिकी के अनुकूलन के माध्यम से गेहूं और चावल की उत्पादकता में तेजी से वृद्धि का मार्ग प्रशस्त किया था.

असम और मेघालय की सीमा पर स्थानीयों के बीच झड़प के बाद वहां तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है. टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, असम के पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिले के कार्बी ग्रामीणों और मेघालय के पश्चिम जैंतिया जिले के पनार ग्रामीणों के एक-दूसरे पर हमला करने के एक दिन बाद अंतरराज्यीय सीमा पर तनाव बना रहा. मंगलवार की झड़प के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे, जिसमें दोनों पक्षों के सैकड़ों लोग को धनुष-बाण और गुलेल के साथ एक-दूसरे से लड़ते हुए नजर आ रहे थे. सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि पश्चिम जैंतिया हिल्स जिले के लापांगप गांव और पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिले के हामरेन उपखंड के तहत तापत क्षेत्र के बीच उक्त स्थल पर तनाव बना हुआ है, लेकिन दोनों राज्यों के पुलिस बलों ने स्थिति को नियंत्रण में रखा है. लापांगप गांव के सरपंच का दावा है कि अपने धान के खेतों की देखभाल कर रहे किसानों पर खेतों के पास छिपे असम के लोगों ने हमला किया था.

भारत में इस साल बाघों की रिकॉर्ड मृत्यु दर्ज की गई है. राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के अनुसार, 2023 के पहले नौ महीनों में भारत में 145 बाघों की मौत हुई है. अगर पिछले तीन वर्षों के आंकड़ों पर गौर करें तो यह एक रिकॉर्ड मृत्यु दर है. इससे पहले 2022 में 116, 2021 में 127 और 2020 में 106 बाघों की मौत हुई. सबसे ज्यादा बाघों की मौत का संदिग्ध रिकॉर्ड मध्य प्रदेश में है. महाराष्ट्र और उत्तराखंड क्रमशः दूसरे और तीसरे नंबर पर हैं. वैश्विक जंगली बाघों की आबादी का दो-तिहाई हिस्सा भारत में है.

असम में एक नाबालिग घरेलू सहायिका को ‘अमानवीय यातना’ देने के आरोप में सेना के एक मेजर और उनकी पत्नी को गिरफ़्तार किया गया है. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, पुलिस ने बताया है कि ​दीमा हसाओ ज़िले से आदिवासी कुकी समुदाय की नाबालिग लड़की को मेजर और उनकी पत्नी दो साल पहले ट्रांसफर होने के बाद हिमाचल प्रदेश के पालमपुर में अपने साथ ले गए थे. लड़की को पूरे एक साल तक अमानवीय यातना से गुज़रना पड़ा. उसके पूरे शरीर पर तमाम तरह की चोटों के निशान हैं. अस्पताल में भर्ती लड़की की स्थिति गंभीर बनी हुई है. दंपत्ति पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं के साथ पॉक्सो और एससी/एसटी अधिनियम के तहत आरोप दर्ज किए गए हैं और अदालत में पेश करने के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.

दिल्ली में प्रसाद चुराने के संदेह में मुस्लिम युवक की पीट-पीटकर हत्या का मामला सामने आया है. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, घटना उत्तर-पूर्वी दिल्ली की सुंदर नगरी में हुई, जहां 26 वर्षीय व्यक्ति को बिजली के खंभे से बांधकर बर्बर तरीके से पीटा गया, जिसके बाद उनकी मौत हो गई. बताया जा रहा है कि पीड़ित मानसिक रूप से कमज़ोर हैं. पीड़ित के परिवार ने दावा किया कि आरोपियों ने उन्हें कई घंटों तक प्रताड़ित किया और फिर सड़क पर मरने के लिए छोड़ दिया. पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपियों ने उस व्यक्ति को कम से कम तीन-चार घंटे तक प्रताड़ित किया और घटना का वीडियो भी बनाया. पुलिस ने बताया है कि मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

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