उत्तर प्रदेश के महराजगंज ज़िले के रहने वाले 20 वर्षीय छात्र की पहचान मोहम्मद तनवीर के रूप में हुई है. कोटा में वह अपनी बहन और पिता के साथ रहते थे. उनके पिता एक कोचिंग संस्थान में शिक्षक के रूप में काम करते हैं, जबकि उनकी बहन भी उनके साथ नीट की तैयारी कर रही थीं.
नई दिल्ली: राजस्थान के कोटा शहर में तैयारी के लिए गए एक और छात्र ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली है. यह इस साल शहर में 26वां ऐसा मामला है.
अधिकारियों ने बताया कि उत्तर प्रदेश के रहने वाला यह छात्र किसी कोचिंग संस्थान के साथ नहीं जुड़ा हुआ था, बल्कि खुद से प्रतियोगी परीक्षा की तैयार कर रहा था.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने कहा कि 20 वर्षीय छात्र की पहचान मोहम्मद तनवीर के रूप में हुई है, जिसका शव उसके कमरे में लटका हुआ पाया गया.
पुलिस ने कहा कि तनवीर मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट/NEET) की तैयारी कर रहा था.
रिपोर्ट के अनुसार, वह उत्तर प्रदेश के महराजगंज के मूल निवासी थे और कोटा में अपनी बहन और पिता के साथ रहते थे. उनके पिता कक्षा 11 और 12 के छात्रों के लिए एक कोचिंग संस्थान में शिक्षक के रूप में काम करते हैं, जबकि उनकी बहन भी उनके साथ नीट की तैयारी कर रही थी.
पुलिस ने कहा कि छात्र की मौत की सही परिस्थितियों का अभी तक पता नहीं चल पाया है. मामले की जांच चल रही है.
उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ महीनों में कोचिंग हब कहे जाने वाले कोटा शहर में आत्महत्या के मामलों में चिंताजनक वृद्धि हुई है.
बीते 18 सितंबर को कोटा में विज्ञान नगर इलाके में राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा (नीट) की तैयारी कर रही एक 16 वर्षीय छात्रा ने अपने छात्रावास के कमरे में कथित तौर पर जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी.
बीते 13 सितंबर को झारखंड के एक और 16 वर्षीय छात्रा की विज्ञान नगर में आत्महत्या से मृत्यु हो गई थी. इससे पहले 27 अगस्त को बिहार और महाराष्ट्र के दो अन्य नीट छात्रों की भी कोचिंग संस्थान में साप्ताहिक परीक्षा देने के छह घंटे के भीतर आत्महत्या से मौत हो गई थी.
15 अगस्त को बिहार का एक 18 वर्षीय छात्र, जो इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए जेईई की तैयारी कर रहा था, महावीर नगर इलाके में अपने पेइंग गेस्ट (पीजी) आवास में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी.
पुलिस आंकड़ों के मुताबिक, कोटा में 2022 में 15, 2019 में 18, 2018 में 20, 2017 में सात, 2016 में 17 और 2015 में 18 छात्रों की आत्महत्या से मौत हुई है. 2020 और 2021 में कोई आत्महत्या नहीं हुई.
ऐसे मामलों में तेजी से बढ़ोतरी को देखते हुए कोटा जिला प्रशासन ने बीते 27 अगस्त को एक आदेश जारी कर कोचिंग सेंटरों को अगले दो महीने के लिए सभी परीक्षाएं स्थगित करने का निर्देश दिया हुआ है.
इससे पहले प्रशासन ने सभी छात्रावासों और पीजी आवासों को छात्रों को मानसिक सहायता और सुरक्षा प्रदान करने के लिए सभी कमरों में स्प्रिंग-लोडेड पंखे लगाने का आदेश दिया था.
बीते 18 अगस्त को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोटा जिले में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के बीच आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं पर चिंता व्यक्त की थी और अधिकारियों को ऐसे मामलों पर नजर रखने के उपाय सुझाने के लिए एक समिति बनाने का निर्देश दिया था.
राज्य पुलिस विभाग ने बीते 22 जून को एक छात्र प्रकोष्ठ की स्थापना की थी, जिसमें कोचिंग सेंटरों में नियमित बातचीत करने और छात्रों पर नजर रखने के लिए एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी), तीन इंस्पेक्टर या सब-इंस्पेक्टर या असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर और महिला पुलिसकर्मियों सहित छह कांस्टेबल शामिल हैं.