मणिपुर​ हिंसा: दो छात्रों की हत्या के आरोप में चार गिरफ़्तार, कुकी समूहों ने विरोध जताया

मेईतेई समाज से आने वाले हिजाम लिनथोइंगामी (17 वर्षीय लड़की) और फिजाम हेमजीत (20 वर्षीय लड़का) इस साल 6 जुलाई को हिंसा के दौरान लापता हो गए थे. 25 सितंबर को उनके शवों की तस्वीरें सामने आईं, जिसके बाद मणिपुर में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए हैं.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: विकिमीडिया कॉमन्स)

मेईतेई समाज से आने वाले हिजाम लिनथोइंगामी (17 वर्षीय लड़की) और फिजाम हेमजीत (20 वर्षीय लड़का) इस साल 6 जुलाई को हिंसा के दौरान लापता हो गए थे. 25 सितंबर को उनके शवों की तस्वीरें सामने आईं, जिसके बाद मणिपुर में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए हैं.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: विकिमीडिया कॉमन्स)

नई दिल्ली: इंफाल के दो छात्रों की हत्या में कथित संलिप्तता के लिए सीबीआई द्वारा चार लोगों की गिरफ्तारी की घोषणा करते हुए मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने रविवार (1 अक्टूबर) को कहा कि आरोपियों को एक विशेष उड़ान से गुवाहाटी ले जाया गया है.

उनकी घोषणा से कुकी-ज़ोमी संगठनों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया, जिन्होंने गिरफ्तारियों को ‘अपहरण’ बताया. इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम ने सोमवार (2 अक्टूबर) सुबह 10 बजे से अनिश्चितकालीन बंद की घोषणा की है.

मेईतेई समाज से आने वाले हिजाम लिनथोइंगामी (17 वर्षीय लड़की) और फिजाम हेमजीत (20 वर्षीय लड़का) इस साल 6 जुलाई को हिंसा के दौरान लापता हो गए थे. 25 सितंबर को उनके शवों की तस्वीरें सामने आईं, जिसके बाद राज्य में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए हैं.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, जिन चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है, वे सभी आदिवासी कुकी समुदाय से हैं.

सीबीआई के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘हमने चार लोगों को गिरफ्तार किया है जिनकी पहचान पाओमिनलुन हाओकिप, एस. माल्सावन हाओकिप, ल्हिंगनेइचोंग बैते और टिननेइलिंग हेंथांग के रूप में हुई है.’

उन्होंने कहा, ‘सीबीआई ने मणिपुर सरकार के अनुरोध पर बीते 23 अगस्त को दो मामले दर्ज किए थे और दोनों मृतक बच्चों के माता-पिता की शिकायतों पर राज्य पुलिस द्वारा पहले दर्ज किए गए इन मामलों की जांच अपने हाथ में ले ली थी. इन मामलों की जांच के दौरान चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है.’

प्रवक्ता ने कहा, ‘गिरफ्तार आरोपी को गुवाहाटी में सक्षम अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा. दो नाबालिग बच्चे, जो इंफाल से गुवाहाटी जाते समय गिरफ्तार आरोपियों में से एक (जो उनकी मां है) के साथ गए थे, उनके संरक्षण और देखभाल के लिए उन्हें कामरूप के जिला बाल संरक्षण अधिकारी को सौंप दिया गया है. नाबालिगों के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई है.’

रविवार दिन में गिरफ्तारी पर मीडिया को जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा था कि आरोपियों को चुराचांदपुर जिले के हेंगलेप इलाके से सीबीआई और राज्य और केंद्रीय बलों की एक टीम के संयुक्त अभियान में पकड़ा गया था.

उन्होंने कहा, ‘जब से घाटी जिले में हिंसा फिर से भड़की है, सीबीआई के विशेष निदेशक के नेतृत्व में एक टीम राज्य और केंद्रीय बलों की मदद से दोषियों को पकड़ने के लिए कई अभियान चला रही है. राज्य छात्रों की हत्या में शामिल अन्य लोगों का पता लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि सभी को उचित सजा दी जाए.’

इस बीच कुकी-ज़ोमी संगठनों ने गिरफ्तार सभी लोगों को 48 घंटे के भीतर रिहा करने की मांग की है. उन्होंने आरोपियों को रिहा नहीं किए जाने पर ‘मणिपुर के सभी पहाड़ी जिलों’ में ‘और अधिक तीव्र आंदोलन’ की धमकी दी है.

विभिन्न कुकी-ज़ोमी छात्र संगठनों का एक संघ ‘द जॉइंट स्टूडेंट्स बॉडी’ ने दावा किया कि गिरफ्तार आरोपियों का कांगवई और मोल्होई गांवों के बीच के इलाके से ‘अपहरण’ किया गया था, जब वे रविवार सुबह चुराचांदपुर जा रहे थे.

उन्होंने धमकी दी कि ‘भविष्य में हथियारों के साथ और सादे कपड़ों में घूमने वाले किसी भी व्यक्ति को रोक दिया जाएगा और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी’ और जनता से अपील की कि अगर वे सादे कपड़ों में लोगों को ‘संदिग्ध तरीके से व्यवहार करते हुए’ देखें तो ‘जैसा उचित लगे कार्रवाई करें’.

उन्होंने कहा, ‘हम यहां तक कि केंद्रीय एजेंसियों द्वारा मामलों की जांच में कुकी-ज़ोमी-मिज़ो लोगों को चुनिंदा रूप से निशाना बनाने पर भी अपनी निराशा व्यक्त करना चाहेंगे. हम अपने लोगों से जुड़े पुलिस मामलों के पक्षपातपूर्ण चयन का विरोध करेंगे, जबकि हमारे लोगों के खिलाफ जघन्य अपराधों के कई मामले पीछे रह जाएंगे.’