भाजपा की मणिपुर इकाई ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखकर कहा है कि लोग नाराज़ में हैं, क्योंकि राज्य सरकार अब तक जातीय संघर्ष को रोकने में विफल रही है. इकाई ने उन लोगों को मुआवज़ा प्रदान करने का भी आह्वान किया, जिनके घर नष्ट हो गए हैं और जातीय संघर्ष में मारे गए लोगों के परिवारों को अनुग्रह राशि देने का भी अनुरोध किया.
नई दिल्ली: भाजपा की मणिपुर इकाई ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से कहा है कि लोग गुस्से में हैं, क्योंकि राज्य सरकार अब तक जातीय संघर्ष को रोकने में विफल रही है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पार्टी की राज्य इकाई की अध्यक्ष शारदा देवी, उपाध्यक्ष चौधरी चिदानंद सिंह और छह अन्य लोगों द्वारा हस्ताक्षरित एक पत्र में नड्डा को बताया गया है कि ‘जनता का गुस्सा और विरोध अब तीव्र हो रहा है, जिससे लंबे समय से जारी अशांति के लिए सरकार की विफलता को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है.’
नेताओं ने विस्थापित लोगों को उनके ‘मूल निवास स्थान’ पर तत्काल फिर से बसाने की मांग की. उन्होंने कहा, ‘हम जानते हैं कि हमारी सरकार राज्य में सामान्य स्थिति वापस लाने के लिए दिन-रात काम कर रही है और राज्य स्तर पर हमारी पार्टी भी स्थिति से निपटने में एक प्रमुख महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है.’
पार्टी ने ‘राष्ट्रीय राजमार्गों पर यातायात के निर्बाध संचालन’ को तत्काल बहाल करने सहित लोगों की विभिन्न मांगों पर भी प्रकाश डाला.
राज्य इकाई ने उन लोगों को मुआवजा प्रदान करने का भी आह्वान किया, जिनके घर नष्ट हो गए हैं और जातीय संघर्ष में मारे गए लोगों के परिवारों को अनुग्रह राशि देने का भी अनुरोध किया.
इसमें ऑपरेशनों के निलंबन के जमीनी नियमों को प्रभावी ढंग से लागू करने और किसी भी उल्लंघन को ‘आतंकवादी कृत्य’ के रूप में मानने का भी आग्रह किया गया.
राज्य इकाई ने नड्डा से ‘एनआरसी के शीघ्र कार्यान्वयन की सुविधा के लिए अवैध अप्रवासियों के बायोमेट्रिक डेटा को रिकॉर्ड करने के अभियान को शीघ्र पूरा करने, अफीम की खेती को पूरी तरह से नष्ट करने और निरंतर निगरानी के लिए एक संयुक्त निगरानी समिति की स्थापना करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को अवगत कराने का भी आग्रह किया है.