दिल्ली पुलिस की छापेमारी के बाद न्यूज़क्लिक के संपादक समेत दो लोग यूएपीए के तहत गिरफ़्तार

समाचार वेबसाइट न्यूज़क्लिक के संपादक प्रबीर पुरस्कायस्थ के अलावा एचआर हेड अमित चक्रवर्ती को दिल्ली पुलिस ने गिरफ़्तार किया है. इससे पहले मंगलवार सुबह पुलिस ने बीते अगस्त माह में यूएपीए के तहत दर्ज मामले के संबंध में कुल 37 पुरुषों और 9 महिलाओं के ख़िलाफ़ छापेमारी और पूछताछ की. उनके मोबाइल-लैपटॉप जैसे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस भी ज़ब्त कर लिए गए हैं.

(बाएं से दाएं) डी. रघुनंदन, अभिसार शर्मा, प्रबीर पुरकायस्थ, सोहेल हाशमी, उर्मिलेश और भाषा सिंह.

समाचार वेबसाइट न्यूज़क्लिक के संपादक प्रबीर पुरस्कायस्थ के अलावा एचआर हेड अमित चक्रवर्ती को दिल्ली पुलिस ने गिरफ़्तार किया है. इससे पहले मंगलवार सुबह पुलिस ने बीते अगस्त माह में यूएपीए के तहत दर्ज मामले के संबंध में कुल 37 पुरुषों और 9 महिलाओं के ख़िलाफ़ छापेमारी और पूछताछ की. उनके मोबाइल-लैपटॉप जैसे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस भी ज़ब्त कर लिए गए हैं.

(बाएं से दाएं) डी. रघुनंदन, अभिसार शर्मा, प्रबीर पुरकायस्थ, सोहेल हाशमी, उर्मिलेश और भाषा सिंह.

नई दिल्ली: समाचार वेबसाइट न्यूज़क्लिक के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ और एचआर हेड अमित चक्रवर्ती को दिल्ली पुलिस ने मंगलवार (3 अक्टूबर) को कठोर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार कर लिया है. इससे पहले मंगलवार सुबह पुलिस अधिकारियों ने इस समाचार वेबसाइट से जुड़े लगभग 50 पत्रकारों और टिप्पणीकारों के यहां छापा मारा था.

यूएपीए के तहत दर्ज एफआईआर संख्या 224/2023 के संबंध में कुल 37 पुरुषों और नौ महिलाओं के खिलाफ छापेमारी की गई और उनसे पूछताछ की गई. जहां पुरुषों को दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के कार्यालय ले जाया गया, वहीं महिलाओं से उनके आवास पर पूछताछ की गई. कुछ दस्तावेज़, लैपटॉप और मोबाइल फोन जैसे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस भी पुलिस ने ‘जांच’ के लिए जब्त कर लिए हैं.

मंगलवार रात लगभग 8:30 बजे तक प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती को छोड़कर जिन लोगों को विशेष सेल कार्यालय में ले जाया गया था, सभी को रिहा कर दिया गया.

द वायर को पता चला है कि ये छापेमारी एफआईआर संख्या 224/2023 के संबंध में की गई है. इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि यह एफआईआर न्यूज़क्लिक के खिलाफ 17 अगस्त 2023 को दर्ज किया गया था.

एफआईआर में कठोर यूएपीए की कई धाराओं (13, 16, 17, 18 और 22) के अलावा भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना और सद्भाव बनाए रखने के लिए प्रतिकूल कार्य करना) और धारा 120बी (आपराधिक साजिश में शामिल होना) को शामिल किया गया है.

अभी तक आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं कहा गया है, लेकिन इस छापेमारी ने 1975 में आपातकाल की याद दिला दी.

वीडियो पत्रकार अभिसार शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह, अनुभवी पत्रकार उर्मिलेश, न्यूज़क्लिक के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ और लेखक गीता हरिहरन, प्रसिद्ध पत्रकार और टिप्पणीकार औनिंद्यो चक्रवर्ती, कार्यकर्ता और इतिहासकार सोहेल हाशमी के अलावा व्यंग्यकार और स्टैंड-अप कॉमेडियन संजय राजौरा के यहां मंगलवार सुबह ‘छापेमारी’ की गई थी.

जिन लोगों के खिलाफ छापेमारी की गई, उनमें उर्मिलेश, परंजॉय गुहा ठाकुरता, अभिसार शर्मा, प्रबीर पुरकायस्थ, औनिंद्यो चक्रवर्ती और सत्यम तिवारी को पूछताछ के लिए स्पेशल सेल मुख्यालय ले जाने की पुष्टि हुई थी. न्यूज़क्लिक के पूर्व प्रबंध संपादक प्रांजल को भी हिरासत में लिया गया था. कथित तौर पर वकीलों को उस विशेष सेल कार्यालय में जाने की अनुमति नहीं दी जा रही थी, जहां उन्हें रखा जा रहा था.

परंजॉय गुहा ठाकुरता, जिन्हें शाम 6 बजे के आसपास रिहा किया गया, ने मीडिया को बताया कि पुलिस ने उनसे अजीब सवाल पूछे – जैसे कि क्या उन्होंने एक अमेरिकी नंबर पर कॉल किया था, जिसे उनके बहनोई उपयोग करते हैं और क्या वह सिग्नल मैसेजिंग ऐप का उपयोग करते हैं. उन्होंने कहा कि उनके कई साथियों को स्पेशल सेल में लाया गया है.

न्यूज़क्लिक के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ को उनके घर से न्यूज़क्लिक कार्यालय ले जाया गया और बाद में स्पेशल सेल मुख्यालय ले जाया गया. सूत्रों ने द वायर को बताया कि करीब 15 लोगों की पुलिस टीम सुबह 6:30 से 7 बजे के बीच उनके आवास पर पहुंची थी. उन्होंने घर के सभी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को जब्त कर लिया, जिनमें उनकी पार्टनर लेखक गीता हरिहरन के डिवाइस भी शामिल थे. सूत्रों ने कहा कि उन्हें जब्ती पर कोई कागजी कार्रवाई या रसीद की प्रति उपलब्ध नहीं कराई गई है.

भाषा सिंह के घर पर दो घंटे से ज्यादा समय तक छापेमारी चली.

ऐसा प्रतीत होता है कि छापे में न्यूज़क्लिक के पूर्व और वर्तमान पत्रकारों, कॉन्ट्रीब्यूटर्स और कर्मचारियों के घरों को निशाना बनाया गया. ऐसा पता चला है कि उनमें द हिंदू की पूर्व पत्रकार और न्यूज़क्लिक में कॉन्ट्रीब्यूटर अनुराधा रमन, सत्यम तिवारी, अदिति निगम और सुमेधा पाल भी शामिल हैं. ऐसी जानकारी है कि सत्यम तिवारी को हिरासत में ले लिया गया है.

इसके अलावा कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ के घर पर भी छापेमारी की गई है. पता चला है कि मुंबई में रहने वाली सीतलवाड़ से दिल्ली पुलिस अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं. सीतलवाड थिंक टैंक ट्राइकॉन्टिनेंटल: इंस्टिट्यूट फॉर सोशल रिसर्च की निदेशक हैं, जिसने न्यूज़क्लिक के लिए कई लेख में योगदान दिया है.

ऐसा पता चला है कि पत्रकार सुबोध वर्मा, जो पहले टाइम्स ऑफ इंडिया से जुड़े थे और अब न्यूज़क्लिक से जुड़े हैं, के यहां भी छापा मारा गया. पता चला है कि उन्हें भी पूछताछ के लिए ले जाया गया है.

पुलिस ने दिल्ली स्थित न्यूज़क्लिक कार्यालय पर ताला लगा दिया है. (फोटो: स्पेशल अरेंजमेंट)

छापेमारी के दौरान जिनके इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को जब्त किया गया, उनमें से किसी को भी हैश वैल्यू नहीं दी गई है. हैश वैल्यू से पता चलता है कि जब्ती के समय डिवाइस पर कितना डेटा था, ताकि यह पता चल सके कि बाद में इसके साथ छेड़छाड़ की गई है या नहीं.

इस बीच पता चला है कि पुलिस ने न्यूज़क्लिक कार्यालय पर ताला लगा दिया है. इसके अलावा कथित तौर पर वकीलों को उस विशेष सेल कार्यालय में जाने की अनुमति नहीं दी जा रही थी, जहां उन्हें रखा जा रहा था.

वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश के वकील गौरव यादव ने समाचार एजेंसी पीटीआई/भाषा को बताया कि वह सुबह से अपने मुवक्किल से नहीं मिल पाए हैं.

पूछताछ के बाद कई लोगों को छोड़ दिया गया

शाम चार बजे से कुछ पहले उर्मिलेश को स्पेशल सेल कार्यालय से जाने दिया गया. द वायर ने पुष्टि की है कि अभिसार शर्मा को शाम 6 बजे के आसपास रिहा किया गया. इसके बाद शाम करीब 6:30 बजे परंजॉय गुहा ठाकुरता की रिहाई हुई. शाम करीब 7 बजे सुबोध वर्मा को भी रिहा कर दिया गया.

जिन अन्य लोगों को रिहा किया गया, उनमें बप्पादित्य सिन्हा, सत्यम तिवारी और प्रबीर पुरकायस्थ के बेटे प्रतीक भी शामिल हैं.

लोधी कॉलोनी स्थित दिल्ली पुलिस के विशेष सेल मुख्यालय के बाहर का दृश्य. (फोटो: द वायर)

इससे पहले सुबह में पुलिस ने विभिन्न भूमिकाओं और स्तरों पर न्यूज़क्लिक में काम करने वाले कर्मचारियों के घरों का दौरा किया और उनके इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को जब्त कर लिया. कर्मचारियों से पूछा गया कि क्या उन्होंने भारत में किसानों के विरोध और कोविड-19 ​​महामारी जैसी घटनाओं पर रिपोर्ट की थी.

खबर लिखे जाने तक दिल्ली पुलिस की पूछताछ जारी थी. सूत्रों का कहना है कि दिल्ली साइंस फोरम से जुड़े वैज्ञानिक और लेखक डी. रघुनंदन को ‘पुलिस उठा ले गई’ है.

अन्य ने अपने डिवाइस, लैपटॉप और टेलीफोन जब्त किए जाने की बात कही है.

पत्रकार भाषा सिंह ने ट्वीट कर कहा, ‘आख़िरकार इस फोन से किया गया आखिरी ट्वीट. दिल्ली पुलिस ने मेरा फोन जब्त कर लिया है.’

कार्टूनिस्ट इरफ़ान के ने भी ट्वीट किया कि उनके डिवाइस भी जब्त कर लिए गए हैं.

सूत्रों ने द वायर को बताया कि कॉमेडियन राजौरा को पुलिस स्पेशल सेल, लोधी रोड ले गई है. पुलिस ने कहा कि वे उन्हें पूछताछ के लिए ले जा रहे हैं, लेकिन गिरफ्तार नहीं किया है.

समाचार रिपोर्टों में कहा गया है कि केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर से जब छापेमारी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘जांच एजेंसियां स्वतंत्र हैं और वे नियमों का पालन करते हुए अपना काम कर रही हैं. मुझे छापेमारी को उचित ठहराने की जरूरत नहीं है.’

उन्होंने कहा, ‘अगर किसी ने कुछ गलत किया है तो जांच एजेंसियां अपना काम करती हैं. ऐसा कहीं नहीं लिखा है कि अगर आपके पास गलत स्रोत से पैसा आया है या कुछ आपत्तिजनक किया गया है तो जांच एजेंसियां कार्रवाई नहीं कर सकतीं.’

वर्तमान एफआईआर की जड़ें कथित तौर पर बीते अगस्त माह में न्यूयॉर्क टाइम्स में आई एक रिपोर्ट से जुड़ी हुई है. द वायर ने रिपोर्ट किया था कि कैसे भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा में न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया था कि कांग्रेस नेताओं और न्यूज़क्लिक को ‘भारत विरोधी’ माहौल बनाने के लिए चीन से धन मिला है.

बहरहाल प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने इन छापों पर चिंता दर्ज की है और कहा है कि वह एक विस्तृत बयान जारी करेगा.

मालूम हो कि भारत विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक की रैंकिंग में तेजी से नीचे गिर रहा है और वर्तमान में निचले 20 देशों में शामिल है. जहां तक प्रेस की स्वतंत्रता का सवाल है, यह जी-20 देशों में सबसे निचले पायदान पर है. साथ ही साल 2015 से नियमित रूप से सभी वैश्विक सूचकांकों, फ्रीडम हाउस, वी-डेम, इकोनॉमिस्ट इंडेक्स द्वारा देश में ‘लोकतंत्र की कमी’ दर्ज की गई है.

(नोट: इस रिपोर्ट के तथ्य लगातार वि​कसित हो रहे हैं और अधिक जानकारी उपलब्ध होने पर इसे अपडेट किया जाएगा.)

इस रिपोर्ट को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

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