एक अधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र के औरंगाबाद स्थित सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में मंगलवार सुबह आठ बजे तक 24 घंटे के भीतर कम से कम 18 मौत दर्ज की गईं. इससे पहले नांदेड़ के सरकारी अस्पताल में 30 सितंबर से दो अक्टूबर तक 48 घंटे में 31 मौतें दर्ज की गई थीं.
नई दिल्ली: महाराष्ट्र के औरंगाबाद स्थित सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (जीएमसीएच) में मंगलवार (3 अक्टूबर) सुबह आठ बजे तक 24 घंटे के भीतर कम से कम 18 मौत दर्ज की गईं. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.
इससे पहले नांदेड़ स्थित डॉ. शंकरराव चव्हाण सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में 30 सितंबर से एक अक्टूबर के बीच चौबीस घंटे में 24 मौत दर्ज की गई थीं और इसके बाद एक से दो अक्टूबर के बीच सात अन्य मौत दर्ज की गईं जिससे 48 घंटे में यहां कुल मृतकों की संख्या बढ़कर 31 हो गई थी.
द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक ने बताया, ‘औरंगाबाद सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में दो अक्टूबर को सुबह आठ बजे से तीन अक्टूबर सुबह आठ बजे के बीच 18 मौत दर्ज की गईं.’
उन्होंने कहा कि अस्पताल में दर्ज की गईं 18 मौतों में से चार लोगों को मृत लाया गया था.
उन्होंने कहा, ‘18 में से 2 मरीजों की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई, जबकि 2 अन्य निमोनिया से पीड़ित थे. 3 अन्य मरीजों की मौत किडनी फेल होने से और 1 व्यक्ति की लीवर फेल होने से हुई. लीवर व किडनी फेल होने से 1 मरीज की मौत हो गई. सड़क दुर्घटना, जहर खाने और अपेंडिक्स फटने के बाद संक्रमण के कारण एक-एक व्यक्ति की मौत की सूचना मिली है.’
अधिकारी ने कहा कि अस्पताल में इलाज के छठे दिन (2 और 3 अक्टूबर के बीच) समय से पहले जन्म लिए 2 बच्चों की मौत हो गई. उन्होंने कहा, ‘वे समय से पहले जन्मे बच्चे थे और प्रत्येक का वजन केवल 1,300 ग्राम था.’
अधिकारी ने कहा कि अस्पताल में जीवन रक्षक दवाओं की कमी नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘हम यह पता लगा रहे हैं कि इन मामलों (18 मौतों) में से अंतिम समय में जीएमसीएच में रेफर किए गए कौन से मामले हैं.’
उन्होंने कहा कि अस्पताल में 1,177 बिस्तरों की अनुमति है, लेकिन कभी भी 1,600 से अधिक मरीज भर्ती रहते हैं.
उन्होंने कहा, ‘चूंकि यह अस्पताल एक तृतीयक देखभाल इकाई है, इसलिए पिछले महीने हमारे पास लगभग 28,000 मरीज भर्ती थे. इनमें से 419 मौतें हमारे यहां (सितंबर में) दर्ज की गईं. जो 1.45 प्रतिशत है.’
मराठवाड़ा क्षेत्र के विभिन्न जिलों और उत्तरी महाराष्ट्र के शहरों से मरीज इस अस्पताल में आते हैं.