उत्तरी सिक्किम स्थित ल्होनक झील पर अचानक बादल फटने से लाचेन घाटी में तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आ गई है. अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार रात करीब 1:30 बजे शुरू हुई बाढ़ चुंगथांग बांध से पानी छोड़े जाने के कारण और बदतर हो गई. इस आपदा में मंगन, पाकयोंग और गंगटोक ज़िले गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं.
नई दिल्ली: उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील पर अचानक बादल फटने से बुधवार तड़के लाचेन घाटी में तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आ गई, जिससे सेना के 23 जवान बह गए और उनका शिविर और वाहन डूब गए. बचाव अभियान जारी है और मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने स्थिति का जायजा लिया है.
अचानक आई इस आपदा में कम से कम 5 लोगों की मौत होने की सूचना है. अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार रात करीब 1:30 बजे शुरू हुई बाढ़ चुंगथांग बांध से पानी छोड़े जाने के कारण और बदतर हो गई. नदी में उफान के कारण तीस्ता बेसिन में स्थित डिक्चु, सिंगताम और रंगपो समेत कई कस्बों में बाढ़ आ गई है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, गंगटोक के सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) महेंद्र छेत्री ने कहा, ‘गोलिटार और सिंगताम क्षेत्र से पांच शव बरामद किए गए हैं, जबकि गोलिटार से तीन लोगों को बचाया गया है.’
National Highway 10 washed away at Melli#Teesta #Sikkim #DamBurst pic.twitter.com/WoYHinlVLS
— The Darjeeling Chronicle (@TheDarjChron) October 4, 2023
शिक्षा विभाग ने एक परिपत्र में कहा कि सिक्किम के चार जिलों में स्थित सभी स्कूल 8 अक्टूबर तक बंद रहेंगे. रक्षा अधिकारियों ने कहा कि लाचेन घाटी में प्रतिष्ठान प्रभावित हुए हैं और विवरण की पुष्टि करने के प्रयास जारी हैं.
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार, तीस्ता नदी में अचानक आई बाढ़ के बाद सेना के कम से कम 23 जवान और 20 नागरिक लापता हैं. सेना और स्थानीय प्रशासन ने कहा है कि लापता लोगों का पता लगाने के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी शुरू की गई है.
सिक्किम में रातभर भारी बारिश हुई है. तीस्ता नदी बांग्लादेश में प्रवेश करने से पहले सिक्किम और पश्चिम बंगाल से होकर बहती है.
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, सेना के एक बयान में कहा गया है, ‘घाटी में कुछ सैन्य प्रतिष्ठान प्रभावित हुए हैं और विवरण की पुष्टि करने के प्रयास जारी हैं. 23 सैन्यकर्मियों के लापता होने की सूचना है और कुछ वाहनों के कीचड़ में डूबे होने की खबर है. तलाशी अभियान जारी है.’
#WATCH | Sikkim: Aftermath of flash floods in Singtam after a cloud burst. pic.twitter.com/jB460Lex4j
— ANI (@ANI) October 4, 2023
बयान में कहा गया है कि चुंगथांग बांध से पानी छोड़े जाने से नीचे की ओर 15-20 फीट की ऊंचाई तक जलस्तर अचानक बढ़ गया. इससे सिंगताम के पास बारदांग में खड़े सेना के वाहन प्रभावित हुए हैं.
रक्षा मंत्रालय, कोलकाता के पीआरओ विंग कमांडर हिमांशु तिवारी ने कहा, ‘सेना के 23 जवान लापता हैं और 41 वाहन अब कीचड़ में फंस गए हैं. सिक्किम में लाचेन घाटी में अचानक आई बाढ़ के बाद राहत और बचाव के प्रयास जारी हैं.’
#WATCH | "23 Army personnel are missing and 41 vehicles are stuck in the slush now. Relief and rescue efforts are underway after flash floods affected Lachen Valley in Sikkim," says Wing Commander Himanshu Tiwari, PRO, Ministry of Defence, Kolkata. pic.twitter.com/73z7nZsR11
— ANI (@ANI) October 4, 2023
द मिंट की रिपोर्ट के अनुसार, सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने बचाव अभियान शुरू कर दिया है और अब तक 80 स्थानीय लोगों को सुरक्षित निकाला गया है.
गंगटोक के सिंगताम में इंद्रेणी स्टील ब्रिज तीस्ता नदी के पानी में पूरी तरह बह गया. सिक्किम को पश्चिम बंगाल राज्य से जोड़ने वाला मुख्य राजमार्ग भी टूट गया और गंगटोक सड़क मार्ग से पूरी तरह कट गया है.
सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के एक बयान के अनुसार, ‘ल्होनाक झील के कुछ हिस्सों में बादल फट गया, जिसके कारण बुधवार तड़के तीस्ता नदी बेसिन के निचले हिस्से में बहुत तेज गति से जलस्तर बढ़ गया.’
राज्य में अचानक आई बाढ़ से मंगन, गंगटोक, पाकयोंग और नामची जिलों में कई निर्माण क्षतिग्रस्त हो गए. तीन जिले मंगन (उत्तरी सिक्किम), पाकयोंग और गंगटोक (पूर्वी सिक्किम) गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं. मंगन सबसे बुरी तरह प्रभावित हुआ है. उत्तर बंगाल और बांग्लादेश के कुछ जिलों में बाढ़ का अलर्ट जारी किया गया है.
राज्य के मुख्य सचिव वीएस पाठक के अनुसार लगभग 15,000 लोग प्रभावित हुए हैं और तीस्ता नदी के किनारे कम से कम 8 प्रमुख पुल बह गए हैं.
सिक्किम प्रशासन ने निवासियों के लिए हाई अलर्ट जारी किया है.
सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने सोशल साइट एक्स पर कहा, ‘हमारे राज्य में आई प्राकृतिक आपदा से हम सभी परिचित हैं. प्रभावित क्षेत्रों में आपातकालीन सेवाएं तैनात कर दी गई हैं और नुकसान का आकलन करने और स्थानीय समुदाय के साथ बातचीत करने के लिए मैंने व्यक्तिगत रूप से सिंगताम का दौरा किया.’
We are all aware of the recent natural calamity that has struck our state. Emergency services have been mobilized to the affected areas, and I personally visited Singtam to assess the damages and engage with the local community.
I humbly urge all our citizens to remain vigilant… pic.twitter.com/KHyylID2pR
— Prem Singh Tamang (Golay) (@PSTamangGolay) October 4, 2023
उन्होंने कहा, ‘मैं विनम्रतापूर्वक अपने सभी नागरिकों से आग्रह करता हूं कि वे सतर्क रहें और इस महत्वपूर्ण समय के दौरान अनावश्यक यात्रा से बचें. यह जरूरी है कि हम संयम बनाए रखें और अपने क्षेत्र में तेजी से सामान्य स्थिति लौटने की उम्मीद करें.’
मुख्यमंत्री ने प्रभावित क्षेत्र के दौरे के दौरान कहा, ‘कोई भी घायल नहीं हुआ है, लेकिन सार्वजनिक संपत्ति को काफी नुकसान हुआ है. सिंगताम में कुछ लोगों के लापता होने की भी सूचना है. राहत कार्य जारी हैं.’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक्स पर कहा, ‘सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग से बात की और राज्य के कुछ हिस्सों में दुर्भाग्यपूर्ण प्राकृतिक आपदा के मद्देनजर स्थिति का जायजा लिया. चुनौती से निपटने में हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया है. मैं प्रभावित सभी लोगों की सुरक्षा और भलाई के लिए प्रार्थना करता हूं.’
Spoke to Sikkim CM Shri @PSTamangGolay and took stock of the situation in the wake of the unfortunate natural calamity in parts of the state. Assured all possible support in addressing the challenge. I pray for the safety and well-being of all those affected.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 4, 2023
Hindistan – Sikkim
Ani yağış sonrası oluşan selden olayı 23 Hint askeri kayboldu. pic.twitter.com/8LCS0yjrV8
— Furkan (@Frknwar3) October 4, 2023
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, पाक्योंग के जिला मजिस्ट्रेट ताशी चोपेल ने कहा, ‘कीचड़ से बहुत सारी इमारतें और वाहन क्षतिग्रस्त हो गए हैं. जान-माल के नुकसान की भी खबरें हैं, लगभग 20 लोग लापता हैं. कल रात रंगपो और उसके आसपास 3000-4000 लोगों को निकाला गया. हमने जिले में 5 राहत शिविर खोले हैं.’
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस बीच झारखंड पर कम दबाव और संबंधित चक्रवाती परिसंचरण के कारण पश्चिम बंगाल में भारी बारिश हुई है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग आईएमडी ने गुरुवार तक पश्चिम बंगाल में बारिश की गतिविधि बढ़ने का अनुमान लगाया है.
CENTRAL WATER COMMISSION ALERT – Flooding in India and Bangladesh
Locals from North Sikkim have sent us this video and informed us, "Still alert people of down stream level of water has not decreased"
FULL: https://t.co/kRKY1tXiBw
CC: @NDRFHQ @PMOIndia @HMOIndia @RajuBistaBJP pic.twitter.com/1Ahwcu3gtJ
— The Darjeeling Chronicle (@TheDarjChron) October 4, 2023
राज्य सरकार के एक अधिकारी ने कहा, भारी बारिश के कारण बीरभूम, बांकुरा, पश्चिम बर्दवान, पूर्वी बर्दवान, पश्चिम मिदनापुर, हुगली और हावड़ा सहित कम से कम सात जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है.
राज्य के आपदा प्रबंधन और नागरिक सुरक्षा विभाग के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘बांकुड़ा जिले में 1000 से अधिक लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. बांकुड़ा और पुरुलिया जिलों में कम से कम 35 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं. तिरपाल, सूखा भोजन, पीने का पानी और दवाएं जैसी राहत सामग्री तैयार रखी गई हैं. हम कड़ी नजर रख रहे हैं.’
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सिक्किम के घटनाक्रम पर गहरी चिंता व्यक्त की और सिक्किम सरकार को सहायता का वादा किया.
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘मैं उत्तर बंगाल के सभी संबंधित लोगों से मौजूदा मौसम में आपदाओं को रोकने के लिए अधिकतम सतर्कता बनाए रखने का आग्रह करती हूं. पहले ही अपने मुख्य सचिव से आपदा प्रबंधन तैयारियों के उपायों का जल्द से जल्द समन्वय करने के लिए कह चुकी हूं.’
Deeply concerned on getting the news of 23 soldiers missing after a flash flood in Sikkim which followed a cloudburst in the region. While expressing solidarity and promise of assistance from our government side if sought on this matter, I also urge all concerned in North Bengal…
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) October 4, 2023
उन्होंने आगे कहा, ‘कलिम्पोंग, दार्जिलिंग जिलों में लोगों को निकालने के लिए सभी कदम उठाए गए हैं. जलपाईगुड़ी के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है. राज्य के वरिष्ठ मंत्रियों और वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को बचाव और राहत कार्यों की निगरानी के लिए उत्तर बंगाल भेजा गया है. इस गंभीर आपदा में किसी की जान न जाए, यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी निगरानी रखी जा रही है.’