अलगाववादी नेता शब्बीर अहमद शाह को ईडी ने साल 2017 को मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में गिरफ़्तार किया था. वह टेरर-फंडिंग मामले में भी आरोपी हैं और दिल्ली की एक जेल में बंद हैं. गृह मंत्रालय ने उनके नेतृत्व वाली जम्मू-कश्मीर डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी पर कथित भारत विरोधी और पाकिस्तान समर्थक गतिविधियों के लिए यूएपीए के तहत प्रतिबंध लगा दिया है.
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बीते गुरुवार को अलगाववादी नेता शब्बीर अहमद शाह के नेतृत्व वाली जम्मू-कश्मीर डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी (जेकेडीएफपी) पर कथित भारत विरोधी और पाकिस्तान समर्थक गतिविधियों में शामिल होने के लिए गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत प्रतिबंध लगा दिया.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, शब्बीर अहमद शाह को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 25 जुलाई, 2017 को 2005 के मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में गिरफ्तार किया था और वह राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा जांच किए गए टेरर-फंडिंग मामले में भी आरोपी हैं और वह फिलहाल दिल्ली की जेल में बंद हैं.
मंत्रालय द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार, 1998 में जेकेडीएफपी की स्थापना करने वाले शाह ने कश्मीर को ‘विवाद’ कहा था और भारत के संविधान के ढांचे के भीतर किसी भी समाधान से इनकार किया था.
मंत्रालय द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार, शब्बीर अहमद शाह ने 1998 में कश्मीर को एक ‘विवाद’ के रूप में जेकेडीएफपी की स्थापना की और भारत के संविधान के ढांचे के भीतर किसी भी समाधान से इनकार कर दिया था.
अधिसूचना में कहा गया है, ‘जेकेडीएफपी के सदस्य जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी गतिविधियों में सबसे आगे रहे हैं और एक अलग इस्लामिक राज्य बनाना चाहते हैं. जेकेडीएफपी के सदस्यों के नेता आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने, जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों पर निरंतर पथराव सहित गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान और उसके प्रॉक्सी संगठनों सहित विभिन्न स्रोतों के माध्यम से धन जुटाने में शामिल रहे हैं.’
इसमें आगे कहा गया कि जेकेडीएफपी और उसके सदस्य अपनी गतिविधियों से देश की संवैधानिक सत्ता और संवैधानिक व्यवस्था के प्रति सरासर अनादर दिखाते हैं.
मंत्रालय ने आरोप लगाया कि शाह देश की अखंडता, संप्रभुता, सुरक्षा और सांप्रदायिक सद्भाव के लिए हानिकारक गतिविधियों में शामिल रहे हैं और जेकेडीएफपी के प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के साथ संबंध दिखाने वाले कई इनपुट मिले हैं.
इसमें आगे कहा गया है, ‘इसलिए संगठन के खिलाफ तत्काल और त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता है. केंद्र सरकार की राय है कि यदि जम्मू-कश्मीर डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी की गैरकानूनी गतिविधियों पर तत्काल अंकुश या नियंत्रण नहीं किया गया, तो वह इस अवसर का उपयोग राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों को जारी रखने के लिए करेगी जो क्षेत्रीय अखंडता, सुरक्षा के लिए हानिकारक हैं.’
इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार की दृढ़ राय है कि पार्टी की गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए इसे तत्काल प्रभाव से ‘गैरकानूनी संघ’ घोषित करना आवश्यक है.