महादेव सट्टेबाज़ी ऐप: रणबीर कपूर के बाद कपिल शर्मा, श्रद्धा कपूर और हुमा कुरैशी को ईडी का समन

महादेव ऑनलाइन सट्टेबाज़ी ऐप मामले में ईडी को 5,000 करोड़ रुपये के घोटाले का संदेह है. इस ऐप के पीछे के कथित अपराधियों ने ईडी का ध्यान तब खींचा, जब बीते फरवरी माह में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में आयोजित एक भव्य शादी में हुए लगभग 200 करोड़ रुपये के ख़र्च को पूरी तरह से नकद में भुगतान किया गया था.

कपिल शर्मा, हुमा कुरैशी और श्रद्धा कपूर. (फोटो साभार: फेसबुक)

महादेव ऑनलाइन सट्टेबाज़ी ऐप मामले में ईडी को 5,000 करोड़ रुपये के घोटाले का संदेह है. इस ऐप के पीछे के कथित अपराधियों ने ईडी का ध्यान तब खींचा, जब बीते फरवरी माह में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में आयोजित एक भव्य शादी में हुए लगभग 200 करोड़ रुपये के ख़र्च को पूरी तरह से नकद में भुगतान किया गया था.

कपिल शर्मा, हुमा कुरैशी और श्रद्धा कपूर. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: अभिनेता रणबीर कपूर को पूछताछ के लिए बुलाए जाने के एक दिन बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बीते  गुरुवार (5 अक्टूबर) को महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप मामले में अभिनेत्री श्रद्धा कपूर, हुमा कुरैशी, हिना खान और हास्य कलाकार कपिल शर्मा को समन जारी किया है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों ने खुलासा किया कि कलाकारों को महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप को बढ़ावा देने के लिए भी बुलाया गया है.

ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस घटनाक्रम की पुष्टि की है, लेकिन उन्होंने मामले में अधिक जानकारी नहीं दी.

अधिकारियों ने खुलासा किया कि एजेंसी अभिनेताओं को ऐप के प्रचार के लिए मिले भुगतान के बारे में जानना चाहती है, जिसके कारण उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया है.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, जांच एजेंसी ने हुमा कुरेशी और हिना खान को ऐप के कथित प्रचार के लिए और कपिल शर्मा को पिछले सितंबर में दुबई में महादेव ऐप की सफलता पार्टी में भाग लेने के लिए तलब किया है. श्रद्धा कपूर को शुक्रवार (6 अक्टूबर) को केंद्रीय एजेंसी के सामने पेश होने के लिए कहा गया है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार (4 अक्टूबर) को ईडी ने रणबीर कपूर को समन जारी कर पूछताछ के लिए पेश होने का निर्देश दिया था. हालांकि, अभिनेता ने एजेंसी को पत्र लिखकर उनके सामने पेश होने के लिए और समय मांगा है.

ईडी के अनुसार, महादेव ऐप पोकर और अन्य कार्ड गेम, चांस गेम, क्रिकेट, बैडमिंटन, टेनिस, फुटबॉल जैसे विभिन्न लाइव गेम्स में अवैध सट्टेबाजी के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म प्रदान करता है, यहां तक कि भारत में विभिन्न चुनावों पर दांव लगाने का अवसर भी प्रदान करता है.

यह कई कार्ड गेम जैसे ‘तीन पत्ती’, पोकर, ‘ड्रैगन टाइगर’, वर्चुअल क्रिकेट गेम खेलने की सुविधा भी प्रदान करता है.

सूत्रों के मुताबिक, एजेंसी को कई मशहूर हस्तियों के बारे में पता चला है, जो इन सट्टेबाजी संस्थाओं का समर्थन कर रहे हैं और संदिग्ध लेन-देन के माध्यम से मोटी फीस के बदले में इनके कार्यक्रमों में परफॉर्म कर रहे हैं, लेकिन अंतत: इन्हें ऑनलाइन सट्टेबाजी से हुई आय से भुगतान किया जाता है.

एजेंसी ने अगस्त में मामले में व्यवसायी भाइयों सुनील और अनिल दम्मानी, सहायक सब-इंस्पेक्टर (एएसआई) चंद्र भूषण वर्मा और सतीश चंद्राकर को गिरफ्तार किया था, जबकि कंपनी के दो मुख्य प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल, जो छत्तीसगढ़ के भिलाई के रहने वाले हैं, मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में वांछित हैं.

ईडी ने बीते सितंबर में सट्टेबाजी ऐप महादेव से जुड़े स्थानों से कथित आपराधिक आय में 417 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी. एजेंसी ने ऐप के सिलसिले में कोलकाता, भोपाल, मुंबई और अन्य शहरों में ठिकानों पर छापेमारी की थी.

इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार, इस मामले में एजेंसी को 5,000 करोड़ रुपये के घोटाले का संदेह है. इस ऐप के पीछे के कथित अपराधियों ने ईडी का ध्यान तब खींचा, जब बीते फरवरी माह में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में आयोजित एक भव्य शादी का खर्च, जो लगभग 200 करोड़ रुपये था, पूरी तरह से नकद में भुगतान किया गया था.

रणबीर कपूर के अलावा प्रमुख अभिनेताओं और गायकों सहित एक दर्जन बॉलीवुड हस्तियां मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एक वांछित आरोपी की शादी में भाग लेने या इसमें परफॉर्म करने और भुगतान प्राप्त करने के लिए ईडी की जांच के दायरे में हैं.

डिजिटल साक्ष्यों से पता चलता है कि गायक नेहा कक्कड़ और विशाल ददलानी के साथ-साथ सनी लियोन, टाइगर श्रॉफ और अन्य हस्तियां भी इस भव्य शादी में उपस्थित थीं.

ईडी ने लगाया आरोप है, ‘नागपुर से संयुक्त यूएई तक परिवार के सदस्यों को ले जाने के लिए निजी जेट किराये पर लिए गए थे. शादी में परफॉर्म करने के लिए मशहूर हस्तियों को बुलाया गया था. शादी के योजनाकारों, डांसरों, सज्जाकारों आदि को मुंबई से काम पर रखा गया था और नकद भुगतान करने के लिए हवाला चैनलों का इस्तेमाल किया गया था.’