राजस्थान की सीकर पुलिस ने बताया कि भरतपुर के नदबई का रहने वाला छात्र छह महीने पहले सीकर आया था और शहर के उद्योग नगर के एक छात्रावास में रह रहकर नीट की तैयारी कर रहा था. बीते 4 सितंबर को नीट की ही तैयारी कर रहे करौली के एक 16 वर्षीय छात्र की आत्महत्या से मौत हो गई थी.
नई दिल्ली: राजस्थान के सीकर में मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह-प्रवेश परीक्षा (एनईईटी/नीट) की तैयारी कर रहे एक 18 वर्षीय छात्र की शनिवार (07 अक्टूबर) को आत्महत्या से मौत हो गई. पुलिस ने यह जानकारी दी है.
सीकर जिले में एक माह में यह दूसरी ऐसी घटना है. राज्य के सबसे बड़े कोचिंग हब कोटा में इस साल अब तक 26 छात्रों की आत्महत्या से मौत हो चुकी है.
पुलिस के अनुसार, भरतपुर के नदबई का छात्र छह महीने पहले सीकर आया था और उद्योग नगर के एक छात्रावास में रहकर तैयारी कर रहा था.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, उद्योग नगर पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) सुरेंद्र सिंह डेगरा ने कहा, ‘छात्र शनिवार को कोचिंग क्लास नहीं गया था और यह घटना तब हुई, जब उसका रूममेट संस्थान गया हुआ था.’
एसएचओ ने कहा कि मृतक के रूममेट को घटना का पता तब चला, जब उसने बार-बार कमरे का दरवाजा खटखटाने पर भी जवाब नहीं दिया, जिसके बाद हॉस्टल अथॉरिटी ने दरवाजा तोड़ा और उसे पंखे से लटका हुआ पाया.
उन्होंने बताया कि कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. शव को पोस्टमॉर्टम के लिए जिला मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दिया गया है. आगे की जांच चल रही है.
रिपोर्ट के अनुसार, इससे पहले बीते 4 सितंबर को नीट की तैयारी कर रहे करौली के एक 16 वर्षीय छात्र की उसी इलाके में आत्महत्या से मृत्यु हो गई थी. इसके अलावा 7 सितंबर, 2022 को एक और आत्महत्या का मामला सामने आया था.
राज्य सरकार के अनुमान के मुताबिक, सीकर में संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) और एनईईटी की तैयारी करने वाले छात्रों की दूसरी सबसे बड़ी संख्या रहती है. ये छात्र 10वीं कक्षा पूरी करने के बाद यहां पहुंचते हैं और आवासीय परीक्षा-तैयारी संस्थानों में पंजीकरण कराते हैं, जिनमें से ज्यादातर राजस्थान के विभिन्न जिलों से हैं.
कोटा और सीकर में आत्महत्या के मामलों में वृद्धि को देखते हुए उच्च शिक्षा सचिव भवानी सिंह देथा के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय राज्य समिति ने बीते 27 सितंबर को एक दिशानिर्देश जारी किया था, जिसमें इन दोनों शहरों में निगरानी केंद्र बनाने का आदेश दिया गया है.
इसमें किसी भी नियम का उल्लंघन करने पर कोचिंग संस्थानों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का भी प्रावधान है.
समिति ने कहा, ‘ऐसा उल्लंघन जो छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है, उसे आपराधिक कृत्य माना जाएगा और जिला प्रशासन इसके खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई करेगा.’