कन्याकुमारी ज़िले के कुलसेकरम स्थित श्री मूकाम्बिका इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस की 27 वर्षीय रेजिडेंट डॉक्टर का शव उनके हॉस्टल के कमरे में मिला था. बताया गया है कि वहां मिले एक सुसाइड नोट में उनके विभाग के तीन वरिष्ठ डॉक्टरों पर यौन उत्पीड़न और मानसिक शोषण का आरोप लगाया गया है.
नई दिल्ली: तमिलनाडु कन्याकुमारी जिले के कुलसेकरम स्थित श्री मूकाम्बिका इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस की दूसरे वर्ष के स्नातकोत्तर (पीजी) रेजिडेंट डॉक्टर की आत्महत्या के बाद पुलिस ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने एक सुसाइड नोट छोड़ा है जिसमें उनके विभाग के वरिष्ठ डॉक्टरों द्वारा यौन उत्पीड़न और मानसिक शोषण का आरोप लगाया गया है.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मामले से परिचित एक अधिकारी ने बताया कि 7 अक्टूबर को 27 वर्षीय डॉक्टर का शव उनके हॉस्टल के कमरे में मिला था, साथ ही एक हाथ से लिखा हुआ सुसाइड नोट भी मिला था, जिसमें एनेस्थिसियोलॉजी विभाग के तीन वरिष्ठ डॉक्टरों को दोषी ठहराया गया है.
अपने सुसाइड नोट में पीड़िता ने अपने प्रोफेसरों और वरिष्ठों का नाम लेते हुए उन पर ‘यौन उत्पीड़न’, प्रताड़ना और ‘मानसिक शोषण’ का आरोप लगाया है.
थूथुकुडी की रहने वाली पीड़िता ने पत्र के अंत में कहा, ‘सॉरी अप्पा, मैं आपसे सबसे ज्यादा प्यार करती हूं.’
मामले से परिचित एक अधिकारी ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए कहा, ‘मामले को ध्यान में रखते हुए कन्याकुमारी पुलिस ने तीनों डॉक्टरों पर आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत मामला दर्ज किया है और उनसे पूछताछ शुरू कर दी है.’
अधिकारी ने कहा, ‘हम सिर्फ इस संस्थान में उसके साथ जुड़े फैकल्टी और दोस्तों की जांच नहीं कर रहे हैं. जिन लोगों के साथ वह पहले सविता मेडिकल कॉलेज (चेन्नई में) में पढ़ती थी, उनसे भी पूछताछ की जा रही है.’
अखबार ने इस मामले पर टिप्पणी के लिए श्री मूकाम्बिका संस्थान से संपर्क किया, लेकिन खबर के छपने तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली थी.
तमिलनाडु मेडिकल स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने भी मामले में शीघ्र न्याय की मांग की है. संगठन के अध्यक्ष डॉ. कीर्ति वर्मन ने कहा, ‘तमिलनाडु सरकार को इस मुद्दे पर तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए.’