न्यूज़क्लिक के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ और एचआर प्रमुख अमित चक्रवर्ती फिलहाल दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज यूएपीए मामले में न्यायिक हिरासत में हैं.
नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की आर्थिक अपराध शाखा की एक टीम बुधवार (11 अक्टूबर) की सुबह न्यूज़क्लिक के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ के दफ्तर और घर पर तलाशी के लिए पहुंची. दोपहर एक बजे तक करीब आठ लोगों की एक टीम प्रबीर के घर पर थी और उनकी साथी और प्रसिद्ध लेखक गीता हरिहरन से पूछताछ कर रही थी. दफ्तर में यह कार्रवाई इससे अधिक समय तक चली.
पुरकायस्थ वर्तमान में न्यूक्लिक के एचआर प्रमुख अमित चक्रवर्ती के साथ दिल्ली पुलिस द्वारा दायर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के मामले में न्यायिक हिरासत में हैं.
न्यूज़क्लिक के ख़िलाफ़ मामले में चीन से फंडिंग लेने और चीनी प्रोपगैंडा प्रकाशित करने के आरोप शामिल हैं, जिनकी जांच पहले से ही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल, दिल्ली पुलिस आर्थिक अपराध शाखा, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर विभाग द्वारा की जा रही है.
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, अब सीबीआई कथित विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) उल्लंघन की जांच शुरू कर रही है.
न्यूज़क्लिक ने ताज़ा कार्रवाई के बारे में ट्विटर (अब एक्स) पर बताया है. इसने लिखा, ‘यह हमारी जांच करने वाली पांचवी एजेंसी है. हम अधिकारियों के साथ सहयोग कर रहे हैं.’
The CBI is currently conducting search and seizure operations at the NewsClick office and the residence of our Editor-in-Chief Prabir Purkayastha. This is the fifth agency that is investigating us. We are cooperating with the authorities.#NewsClickRaids #NewsClick…
— NewsClick (@newsclickin) October 11, 2023
उल्लेखनीय है कि न्यूज़क्लिक ने उस पर लगाए गए सभी आरोपों खंडन करते हुए अदालत में कहा है कि उनके पास चीन से कोई पैसा नहीं आया है. भारत और दुनियाभर के मीडिया अधिकार निकायों ने न्यूज़क्लिक के खिलाफ कार्रवाई की आलोचना करते हुए इसे प्रेस की आज़ादी पर हमला और नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा सवाल उठाने वालों को चुप कराने का प्रयास बताया है.
सूत्रों का कहना है कि एफसीआरए मामले में सीबीआई इसलिए भी शामिल हुई है क्योंकि कंपनी पर एफडीआई को लेकर लगाए हुए मूल आरोपों का कोई मतलब नहीं है क्योंकि यह लेन-देन दो प्राइवेट पार्टियों के बीच हुआ है.
किसी अन्य एजेंसी के तहत एफसीआरए केस बनाने से संभव है कि अगर दोनों आरोपियों को जल्द ही जमानत मिल जाए तो दूसरी केंद्रीय एजेंसी हिरासत की मांग कर सकेगी और उनकी रिहाई को रोक सकेगी. इससे पहले कई मामलों, जिनमें साक्ष्य कमजोर या अस्तित्वहीन रहे हैं, में ऐसा देखा गया है.
प्रबीर की पार्टनर हरिहरन कई उपन्यासों की लेखक हैं और उन्होंने अपने काम के लिए कॉमनवेल्थ लेखक पुरस्कार सहित सम्मान मिले हैं. वे एक नियमित स्तंभकार और इंडियन कल्चरल फोरम की संस्थापक भी हैं.
(नोट: यह डेवलपिंग खबर है. ख़बर से जुड़े घटनाक्रम की अपडेट प्राप्त होने पर उसे जोड़ा जाएगा.)