ग्लोबल हंगर इंडेक्स में 125 देशों की सूची में भारत के 111वें स्थान पर आने समेत अन्य ख़बरें

द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.

(फोटो: द वायर)

द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.

(फोटो: द वायर)

भारत दो यूरोपीय एजेंसियों जारी ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट में 125 देशों की सूची में 111वें स्थान पर आया है. रिपोर्ट के अनुसार, यह पिछले साल की तुलना में चार स्थान और फिसला है. रिपोर्ट में भारत से नीचे रैंकिंग वाले देशों में तिमोर-लेस्ते, मोज़ाम्बिक, अफ़ग़ानिस्तान, हैती, लाइबेरिया, सिएरा लियोन, चाड, नाइजर, कांगो, यमन, मेडागास्कर, दक्षिण सूडान, बुरुंडी और सोमालिया शामिल हैं. ये सभी देश, जिनसे भारत का प्रदर्शन मुश्किल से ही बेहतर रहा है, भारत की तुलना में बहुत छोटी अर्थव्यवस्थाएं हैं. भारत सरकार ने पिछले कई अवसरों की तरह इस साल भी इस रिपोर्ट को खारिज किया है. इसने रिपोर्ट तैयार करने की पद्धति को दोषपूर्ण बताते हुए इस्तेमाल किए गए चार मापदंडों के चयन पर चिंता जताई है.

श्रीनगर में अंजुमन औकाफ जामिया मस्जिद ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन पर फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शन के डर से मस्जिद को जुमे की नमाज के लिए बंद करने और मुख्य मौलवी और हुर्रियत अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक को एक बार फिर नजरबंद करने का आरोप लगाया है. अंजुमन औकाफ जामा मस्जिद के एक सदस्य ने द वायर  को बताया कि पुलिस की एक टीम ने शुक्रवार को दोपहर की सामूहिक नमाज से पहले जामा मस्जिद के दरवाजे बंद कर दिए और नमाजियों को वापस भेज दिया गया. उल्लेखनीय है कि मस्जिद श्रीनगर शहर के मध्य में नौहट्टा में है, जो केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को हटाने और कश्मीर में प्रदर्शनकारियों पर सख्ती करने से पहले भारत विरोधी भावना का केंद्र हुआ करता था. जामिया मस्जिद से अक्सर फिलिस्तीन समर्थक और इजरायल विरोधी विरोध प्रदर्शन की खबरें आती थीं. हालांकि, शुक्रवार की कार्रवाई को लेकर पुलिस ने कोई वजह नहीं बताई है.

बैंक ऑफ बड़ौदा के एजेंट्स द्वारा मोबाइल ऐप रजिस्ट्रेशन के बहाने ग्राहकों के लाखों रुपये चुराने की खबर सामने आई है. द रिपोर्टर्स कलेक्टिव-अल जज़ीरा ने एक रिपोर्ट में बताया था कि बैंक ऑफ बड़ौदा के कर्मचारियों ने ग्राहकों को बैंक के नए मोबाइल बैंकिंग ऐप ‘बॉब वर्ल्ड’ पर रजिस्टर करने के लिए अनाधिकृत मोबाइल नंबरों को उनके खाते से जोड़ा. ऐसा इसलिए किया गया था ताकि इन ग्राहकों को बैंक के नए मोबाइल बैंकिंग ऐप ‘बॉब वर्ल्ड’ (BOB World) पर पंजीकृत किया जा सके. अब बैंक के आंतरिक दस्तावेज़ों में सामने आया है कि इस जुगाड़ के चलते कुछ खातों से कई लाख रुपये चोरी किए गए.

सुप्रीम कोर्ट ने यूपी विधान परिषद भर्ती प्रक्रिया की सीबीआई जांच पर रोक लगा दी है. हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस संजय करोल की पीठ ने यूपी विधान परिषद द्वारा दायर एक अपील पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के 18 सितंबर के आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें निजी व्यक्तियों द्वारा दायर एक विशेष अपील और रिट सहित कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए अदालत ने इसे स्वत: संज्ञान याचिका में बदल दिया था. समूह ने 2022-23 में उत्तर प्रदेश विधानसभा और परिषद के सचिवालयों में कर्मचारियों की नियुक्तियों में कथित अनियमितताओं का आरोप लगाया था. सुप्रीम कोर्ट में यूपी विधान परिषद की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि हाईकोर्ट यह समझ करने में विफल रहा कि असफल उम्मीदवारों के आदेश पर दायर यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं थी.

विपक्षी दलों के ‘इंडिया’ गठबंधन ने ‘सांप्रदायिक नफ़रत बढ़ाने’ में कथित भूमिका को लेकर फेसबुक-गूगल को पत्र लिखा है. रिपोर्ट के अनुसार, द वॉशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग और गूगल के सीईओ सुंदर पिचई को लिखे पत्र में कहा गया है कि मेटा/फेसबुक भारत में सामाजिक वैमनस्य को बढ़ावा देने और सांप्रदायिक नफ़रत को भड़काने का दोषी है. इसमें यह मांग भी की गई है कि ये मंच आगामी चुनावों में तटस्थता बनाए रखें. पत्र में कहा गया है कि वॉशिंगटन पोस्ट की जांचों से स्पष्ट है कि मेटा (फेसबुक) भारत में सामाजिक वैमनस्य को बढ़ावा देने और सांप्रदायिक घृणा को भड़काने का दोषी है. इसके अलावा हमारे पास डेटा है, जो सत्तारूढ़ पार्टी (भाजपा) की सामग्री को बढ़ावा देने के साथ-साथ आपके मंच पर विपक्षी नेताओं की सामग्री (पोस्ट) के एल्गोरिथम मॉडरेशन और दमन को भी दर्शाता है. एक निजी विदेशी कंपनी (फेसबुक) द्वारा एक राजनीतिक संगठन के प्रति इस तरह का घोर पक्षपात और पूर्वाग्रह भारत के लोकतंत्र में हस्तक्षेप के समान है, जिसे गठबंधन) में हल्के में नहीं लेगा.

दिल्ली हाईकोर्ट ने यूएपीए के आरोपों में गिरफ्तार किए गए न्यूज़क्लिक के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ और पोर्टल के एचआर प्रमुख की रिमांड आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है. दोनों को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 3 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था. पुलिस का दावा है कि न्यूज़क्लिक को भारत सरकार की नीतियों की आलोचना करने और चीनी प्रचार को बढ़ावा देने के लिए चीनी फंडिंग मिली थी. पोर्टल ने इन आरोपों से इनकार किया है और कोर्ट में कहा है कि उन्हें चीन से एक पैसा भी नहीं मिला. शुक्रवार को जस्टिस तुषार राव गेडेला ने उनकी सात दिन की पुलिस रिमांड बरकरार रखते हुए कहा कि उन्हें इसे चुनौती देने वाली याचिका किसी लायक नहीं लगीं, इसलिए वे उन्हें खारिज कर रहे हैं.