उत्तरी गाज़ा से लोगों के दरबदर होने के बीच इज़रायली राष्ट्रपति बोले- वहां कोई नागरिक बेगुनाह नहीं

गाज़ा में इज़रायली सेना की कार्रवाई के बीच इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि ये बस शुरुआत है. वे गाजा स्थित आतंकवादी समूह हमास को 'तबाह' कर देंगे.

गाज़ा में इज़रायल के हमले के बाद ज़मींदोज़ हुई इमारत. (फोटो साभार: UNRWA/Mohammed Hinnawi)

गाज़ा में इज़रायली सेना की कार्रवाई के बीच इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि ये बस शुरुआत है. वे गाजा स्थित आतंकवादी समूह हमास को ‘तबाह’ कर देंगे.

गाज़ा में इज़रायल के हमले के बाद ज़मींदोज़ हुई इमारत. (फोटो साभार: UNRWA/Mohammed Hinnawi)

नई दिल्ली: इज़रायल की चेतावनी के बाद के हजारों फिलिस्तीनियों ने उत्तरी गाजा से भागने के लिए संघर्ष के बीच इजरायली राष्ट्रपति आइज़ैक हर्ट्ज़ोग ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि गाजा में कोई भी नागरिक बेगुनाह नहीं है.

मालूम हो कि शुक्रवार को इजरायल की सेना ने करीब 10.1 लाख फ़िलिस्तीनियों से 24 घंटे में उत्तरी गाज़ा छोड़ने को कहा था.

हफपोस्ट के मुताबिक, इसी दिन हर्ट्ज़ोग एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘इसके लिए पूरा देश जिम्मेदार है.’

उन्होंने जोड़ा, ‘नागरिकों के जागरूक न होने, शामिल न होने के बारे में बयानबाजी सच नहीं है. यह बिल्कुल सच नहीं है. वे खड़े हो सकते थे. वे उस दुष्ट शासन के खिलाफ लड़ सकते थे, जिसने तख्तापलट में गाजा पर कब्जा कर लिया था.’

रिपोर्ट में कहा गया है कि जब एक रिपोर्टर ने हर्ट्ज़ोग से यह स्पष्ट करने के लिए कहा कि क्या उनका कहने का मतलब यह है कि चूंकि गाज़ा निवासियों ने हमास को सत्ता से नहीं हटाया, ‘इसलिए क्या उन्हें निशाना बनाया जा सकता है.’ इस पर हर्ट्ज़ोग ने कहा, ‘नहीं, मैंने ऐसा नहीं कहा.’

हालांकि, उन्होंने एक स्पष्ट सवाल पूछा, ‘जब आपके घर में एक मिसाइल है और आप इसे मुझ पर दागना चाहते हैं, तो क्या मुझे अपना बचाव करने की इजाज़त है?’

इस बीच, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा के आतंकवादी समूह हमास को ‘तबाह’ करने की कसम खाई है. हमास को पिछले दिनों इजरायली नागरिकों के खिलाफ आतंकवादी हमले के बाद अमेरिका, यूरोपीय संघ, जर्मनी और अन्य देशों द्वारा आतंकवादी समूह माना गया है.

उन्होंने शुक्रवार को टेलीविजन पर प्रसारित एक दुर्लभ बयान में कहा, ‘मैं जोर देकर कहता हूं कि यह तो केवल शुरुआत है.’

इस दौरान, शुक्रवार को गाजा पर इजरायली हवाई हमले हुए, फिलिस्तीनी गाजा शहर से बाहर जाने वाली मुख्य सड़क पर कारों, ट्रकों और गधों द्वारा खींची जाने वाली गाड़ियों के जरिये दक्षिण की ओर भागने लगे.

एसोसिएटेड प्रेस के अनुसार, हमास के प्रेस कार्यालय ने कहा है कि उसी समय, निकासी वाहनों पर हुए इजरायली हवाई हमलों में कम से कम 70 लोग मारे गए.

एक ग्राउंड रिपोर्ट में एसोसिएटेड प्रेस ने कहा कि पहले से ही संसाधनों की कमी से जूझ रहे कम स्टाफ वाले अस्पतालों में फिलिस्तीनी डॉक्टरों ने कहा है कि ‘उन्हें लगा कि उनके पास रुकने के अलावा कोई विकल्प नहीं है.’

गाजा के सबसे बड़े अस्पताल ‘शिफा’ के जनरल डायरेक्टर ने कहा है कि इसे खाली करने का कोई रास्ता नहीं है.

डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स ने ऐसे नोटिस पर क्षेत्र छोड़ देने को नामुमकिन बताया है.

संयुक्त राष्ट्र ने इज़रायल से इस निर्देश को वापस लेने का आग्रह करते हुए कहा है कि घनी आबादी वाले गाजा पट्टी में आधी आबादी को वहां से हटाने का आदेश देने के गंभीर मानवीय प्रभाव होंगे.

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटारेस ने सोशल मीडिया पर कहा, ‘ऐसे समय में जब गाजा में घेराबंदी की जा चुकी है, घनी आबादी वाले युद्ध क्षेत्र में दस लाख से अधिक लोगों को बिना भोजन, पानी या घर वाली जगहों पर ले जाना बेहद खतरनाक है- और कुछ मामलों में तो ऐसा संभव ही नहीं है.’

संयुक्त राष्ट्र ने भी इस तरह सामूहिक सजा देने के रास्ते से बचने का आग्रह किया है. इसने कहा:

‘जबसे हमास और फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद ने हजारों अंधाधुंध रॉकेट दागते हुए हमला किया है जो मध्य इज़राइल तक पहुंच गए हैं, संयुक्त राष्ट्र ने गाजा के खिलाफ अंधाधुंध या अनुचित कार्रवाई के खिलाफ चेतावनी दी है और इजरायली अधिकारियों द्वारा ‘पूर्ण घेराबंदी’, बिजली, पानी, भोजन और ईंधन की आपूर्ति बंद किए जाने पर पर चिंता व्यक्त की है.’

संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के समन्वय के कार्यालय के अनुसार, इजरायल के गाजा छोड़ने के निर्देश से पहले गाजा पट्टी में बमबारी के बीच 4,23,000 लोग विस्थापित हो चुके थे.

(डीडब्ल्यू से इनपुट के साथ)