यूपी: पत्नी का शव बांस के स​हारे लटकाकर अंतिम संस्कार के लिए जाते पति के वीडियो पर रोष

उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद शहर का मामला. अर्थी के पैसे न होने के कारण पीड़ित व्यक्ति पत्नी का शव बांस से लटकाकर अंतिम संस्कार के लिए ले जा रहा था. इसे देखने के बाद स्थानीय लोगों ने उनकी मदद की, जिसके बाद अंतिम संस्कार हो पाया. इस घटना को लेकर विपक्षी राज्य की योगी सरकार की आलोचना की है.

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इलाहाबाद में हुई घटना का वीडियोग्रैब.

उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद शहर का मामला. अर्थी के पैसे न होने के कारण पीड़ित व्यक्ति पत्नी का शव बांस से लटकाकर अंतिम संस्कार के लिए ले जा रहा था. इसे देखने के बाद स्थानीय लोगों ने उनकी मदद की, जिसके बाद अंतिम संस्कार हो पाया. इस घटना को लेकर विपक्षी राज्य की योगी सरकार की आलोचना की है.

इलाहाबाद में हुई घटना का वीडियोग्रैब.

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद शहर का एक वीडियो बीते 14 अक्टूबर को सोशल ​मीडिया पर सामने आया, जिसमें देखा जा सकता है कि एक युवक अपनी पत्नी के शव को एक बांस के सहारे कंधे पर रखकर उसे दाह संस्कार के लिए ले जा रहा है.

दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, वाराणसी जिले के बनकट गांव निवासी नखड़ू अपने परिवार के साथ झूंसी के नीबी गांव में पत्तल बनाकर गुजर बसर करते हैं. उनकी पत्नी अनीता (26 वर्ष) कई दिनों से बीमार चल रही थीं. बीते शुक्रवार (13 अक्टूबर) को झूंसी के बंधवा ताहिरपुर गांव में वह पत्नी को लेकर झाड़-फूंक करने वाले के पास ले गए, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया.

नखड़ू के पास कथित तौर पर अर्थी तक के पैसे नहीं थे. उनके सास-ससुर व कुछ अन्य रिश्तेदार दारागंज पुल के नीचे रहते हैं. बेटी की मौत की सूचना मिलते ही रोते-बिलखते नखड़ू के ससुर मैनेजर प्रसाद भी पहुंच गए.

दोपहर बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए जाने की तैयारी हुई. अर्थी की व्यवस्था न होने पर एक चादर में अनीता का शव रखकर बांस से लटकाकर नखड़ू और मैनेजर जाने लगे.

झूंसी में न्यायनगर के पास एक व्यक्ति की नजर उन पर पड़ी. इसके बाद लोगों की मदद से पांच हजार रुपये एकत्र किए गए और ई-रिक्शा पर शव रखवाकर उन्हें दारागंज घाट अंतिम क्रिया के लिए रवाना किया गया.

जिलाधिकारी डीएम नवनीत सिंह चहल ने कहा कि पूरे प्रकरण की जांच के निर्देश दे दिए गए हैं. पीड़ित परिवार को आवास, शौचालय, बिजली कनेक्शन, आयुष्मान कार्ड, अंत्योदय कार्ड का लाभ दिया जाएगा. आवास के लिए जमीन का पट्टा भी दिया जाएगा.

वीडियो सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश में विपक्षी नेताओं ने कहा कि यह समाज की असंवेदनशीलता दिखाता है और देश में आर्थिक असमानता को उजागर करता है.

उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता और समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने वायरल वीडियो को सोशल साइट एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘जहां मृतकों का सम्मान नहीं, वहां अमृतकाल नहीं!’

एक अन्य सपा नेता अविनाश कुशवाह ने लिखा, ‘एक महिला की मौत के बाद उसके पिता और पति ने बांस में चादर बांधकर उसके शव को उसमें रखा और अंतिम संस्कार के लिए निकल पड़े. यह झलक समाज की असंवेदनशीलता के साथ-साथ देश की आर्थिक असमानता की सच्चाई भी दिखाती है, जहां अमीर और गरीब के बीच की खाई इतनी बढ़ गई है.’

जदयू ने भी इस घटना को लेकर योगी सरकार को घेरा है. आधिकारिक एक्स हैंडल पर इस घटना का वीडियो साझा करते हुए जदयू ने लिखा कि भाजपा सरकार के योगी राज में सिस्टम पूरी तरह से ध्वस्त है.