बिहार के मोतिहारी स्थित महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के डीन डॉ. प्रसून दत्ता सिंह के ख़िलाफ़ एक महिला शिक्षक को उकसाकर दूसरी महिला शिक्षक पर हमला कराने के आरोप में जमशेदपुर में केस दर्ज किया गया है. इस घटनाक्रम को देखते हुए उनसे समारोह से दूर रहने को कहा गया है.
नई दिल्ली: बिहार के मोतिहारी स्थित महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय (एमजीसीयू) के एक शीर्ष अधिकारी को झारखंड में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद गुरुवार (19 अक्टूबर) को विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह से दूर रहने के लिए कहा गया है.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, विश्वविद्यालय के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि स्कूल ऑफ ह्यूमैनिटीज एंड लैंग्वेजेज के डीन डॉ. प्रसून दत्ता सिंह को जिला पुलिस के कहने पर विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह में भाग लेने से रोक दिया गया है. 2016 में स्थापित केंद्रीय विश्वविद्यालय की विजिटर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू गुरुवार के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि हैं.
डॉ. प्रसून ने कहा कि उन्हें जमशेदपुर में झूठे मामले में फंसाया गया है. उन्होंने कहा, ‘मैं 22 सितंबर को मोतिहारी में अपने आधिकारिक कर्तव्य का निर्वहन कर रहा था, जब दो शिक्षक जमशेदपुर में भिड़ गए. फिर भी मेरी कोई गलती नहीं होने पर मेरा नाम इस मामले में घसीटा गया और फंसाया गया.’
मोतिहारी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) कांतेश कुमार मिश्रा ने पुष्टि की कि जिला पुलिस ने राष्ट्रपति की सुरक्षा के प्रोटोकॉल के अनुरूप डीन के बारे में कुलपति संजय श्रीवास्तव से अनुरोध किया था.
उन्होंने कहा, ‘प्रोफेसर प्रसून दत्ता सिंह के खिलाफ पिछले महीने जमशेदपुर (झारखंड) में एक महिला प्रोफेसर ने एफआईआर दर्ज कराई है. उन्हें समारोह में शामिल नहीं होने के लिए कहा गया है.’
23 सितंबर को साकची थाने में दर्ज एफआईआर के मुताबिक, प्रसून दत्ता सिंह पर 22 सितंबर को ग्रेजुएट कॉलेज की एडहॉक शिक्षक पूजा सिन्हा को दूसरी शिक्षक रश्मि सिन्हा पर हमला करने के लिए उकसाने का आरोप है.