उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद शहर स्थित एबीईएस इंजीनियरिंग कॉलेज का मामला. कॉलेज के निदेशक ने कहा कि उन्होंने जांच के बाद प्रोफेसर ममता गौतम और श्वेता शर्मा को निलंबित कर दिया है. दोनों शिक्षकों का व्यवहार अनुचित था. उन्होंने कहा कि नारा लगाने वाले छात्र या उसका समर्थन करने वालों के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी.
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद शहर स्थित एक इंजीनियरिंग कॉलेज के दो फैकल्टी सदस्यों को एक छात्र को मंच से नीचे उतरने के लिए कहने के लिए बीते शनिवार (21 अक्टूबर) को निलंबित कर दिया गया है. ऐसा इसलिए किया गया, क्योंकि छात्र ने नए छात्रों के स्वागत समारोह (Induction Ceremony) के दौरान ‘जय श्री राम’ के नारे के साथ अभिवादन किया था.
घटना का वीडियो वायरल होने के बाद विवाद खड़ा हो गया. वीडियो सामने आने के बाद लोगों में आक्रोश फैल गया, खासकर हिंदुत्व समूहों से जुड़े लोगों और जन प्रतिनिधियों ने फैकल्टी सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.
बीते 20 अक्टूबर को एक शिक्षक द्वारा छात्र को मंच से नीचे उतरने के लिए कहने वाला एक वीडियो क्लिप सोशल साइट एक्स पर व्यापक रूप से प्रसारित किया गया था, जिस पर विभिन्न हिंदुत्व संगठनों ने नाराजगी व्यक्त की थी. जल्द ही एक और वीडियो क्लिप वायरल हो गई, जिसमें एक अलग फैकल्टी सदस्य छात्रों को चेतावनी दे रहा था कि अगर वे ‘जय श्री राम’ का नारा लगाएंगे तो किसी भी कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी जाएगी.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, गाजियाबाद के एबीईएस इंजीनियरिंग कॉलेज के निदेशक संजय कुमार सिंह ने कहा कि उन्होंने जांच के बाद प्रोफेसर ममता गौतम और श्वेता शर्मा को निलंबित कर दिया है.
संजय सिंह ने सोशल मीडिया पर कहा कि उन्हें वीडियो के बारे में पता है. छात्र (नारा लगाने वाला) या उसका समर्थन करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी, ताकि वे ‘निराश’ महसूस न करें.
21 अक्टूबर को हिंदुत्ववादी समूह ‘हिंदू रक्षा दल’ ने उस फैकल्टी सदस्य के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की घोषणा की थी, जिन्होंने छात्र को मंच से नीचे उतरने के लिए कहा था. सिंह ने इंस्टाग्राम पर एक और वीडियो पोस्ट करके घोषणा की कि दोनों शिक्षकों का व्यवहार ‘अनुचित’ था.
दोनों शिक्षकों ने अपनी गलती को स्वीकार नहीं किया है. निलंबित शिक्षकों में से एक ममता गौतम ने एक वीडियो बयान में कहा कि वह जय श्री राम का नारा लगाने के विरोध में नहीं थीं, लेकिन छात्र को मंच से हटा दिया गया, क्योंकि वह उनके साथ बहस कर रहा था. न्यूज18 की रिपोर्ट के अनुसार, अपनी ‘सनातनी’ जड़ों पर प्रकाश डालते हुए उनका कहना है कि उन्हें एक ऑनलाइन भीड़ द्वारा निशाना बनाया जा रहा है.
इस बीच, स्थानीय पुलिस ने कुछ टीवी चैनलों से कहा है कि वे ‘मामले की जांच’ कर रहे हैं और ‘उचित कार्रवाई की जाएगी’.
इस रिपोर्ट को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें