देश के शीर्ष उपभोक्ता निगरानी संगठन ‘केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण’ की मुख्य आयुक्त ने बताया कि ‘भ्रामक’ विज्ञापन जारी करने के लिए 20 कोचिंग संस्थानों में से चार पर जुर्माना लगाया गया है. चार संस्थानों में से दो ने जुर्माना जमा कर दिया है, जबकि अन्य दो ने अदालत का दरवाज़ा खटखटाया है.
नई दिल्ली: एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार (23 अक्टूबर) को कहा कि देश के शीर्ष उपभोक्ता निगरानी संगठन केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने ‘भ्रामक’ विज्ञापन जारी करने के लिए देश भर के 20 आईएएस कोचिंग संस्थानों को नोटिस भेजा है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पत्रकारों को जानकारी देते हुए सीसीपीए की मुख्य आयुक्त निधि खरे ने कहा कि आईएएस कोचिंग संस्थान ‘भ्रामक और अतिशयोक्तिपूर्ण’ दावों का सहारा लेकर सिविल सेवा के उम्मीदवारों को लुभाते हैं.
समाचार एजेंसी पीटीआई/भाषा के अनुसार, उन्होंने कहा कि वाजीराव एंड रेड्डी इंस्टिट्यूट, चहल अकादमी, खान स्टडी ग्रुप आईएएस, एपीटीआई प्लस, एनालॉग आईएएस, शंकर आईएएस, श्रीराम आईएएस, बायजू आईएएस, अनएकेडमी, नेक्स्ट आईएएस, दृष्टि आईएएस, आईक्यूआरए आईएएस, विजन आईएएस, आईएएस बाबा, योजना आईएएस, प्लूटस आईएएस, एएलएस आईएएस, राउज आईएएस स्टडी सर्कल को नोटिस जारी किया गया है.
खरे ने कहा, ‘सफल छात्रों के बारे में जानबूझकर महत्वपूर्ण जानकारी छिपाने के लिए पिछले डेढ़ साल में नोटिस जारी किए गए हैं. हमने चार केंद्रों पर जुर्माना लगाया है, जबकि अन्य मामलों की जांच चल रही है.’
आमतौर पर यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) परीक्षा के परिणाम घोषित होने के बाद कई कोचिंग संस्थान विज्ञापन की होड़ में लग जाते हैं. उन्होंने कहा कि हर साल 10 लाख से अधिक छात्रों में से औसतन 900 छात्र यूपीएससी परीक्षा पास करते हैं.
उन्होंने कहा कि 2022 में यूपीएससी के अंतिम परिणाम के बाद कुल 933 उम्मीदवारों के नामों की सिफारिश की गई थी. हालांकि, 20 संस्थानों ने उनके जितने छात्रों के चयन का दावा किया, वह यूपीएससी की सिफारिशों से उल्लेखनीय रूप से अधिक था.
उन्होंने कहा कि कई कोचिंग संस्थान जानबूझकर महत्वपूर्ण जानकारी छिपाकर अपने छात्र के समान रैंक धारक का दावा करते हैं. उन्होंने कहा कि सफल उम्मीदवार ने विभिन्न विषयों और प्रारंभिक या मुख्य परीक्षा के लिए कई संस्थानों में कोचिंग ली होती है.
खरे ने कहा कि ये संस्थान स्पष्ट रूप से यह नहीं बताते हैं कि वे छात्र संस्थान में किन पाठ्यक्रमों की पढ़ाई कर रहे थे.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक उन्होंने कहा कि ऐसे विज्ञापनों पर संज्ञान लेते हुए सीसीपीए ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा 2(28) के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए उनके खिलाफ नोटिस जारी किया है.
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा 2(28) किसी भी उत्पाद या सेवा के संबंध में ‘भ्रामक विज्ञापन’ को परिभाषित करती है जो- (i) ऐसे उत्पाद या सेवा का गलत वर्णन करता है; या (ii) ऐसे उत्पाद या सेवा की प्रकृति, पदार्थ, मात्रा या गुणवत्ता के बारे में उपभोक्ताओं को झूठी गारंटी देता है या गुमराह करने की संभावना रखता है; या (iii) एक निहित प्रतिनिधित्व व्यक्त करता है, जो अगर निर्माता या विक्रेता या उसके सेवा प्रदाता द्वारा किया जाता है, तो यह एक अनुचित व्यापार प्रथा होगा; या (iv) जानबूझकर महत्वपूर्ण जानकारी छिपाता है.
एक कोचिंग संस्थान द्वारा किए गए भ्रामक दावों का उदाहरण देते हुए खरे ने कहा कि संस्थान ने 2022 में यूपीएससी परीक्षा में चयनित 933 उम्मीदवारों में से 682 के लिए क्रेडिट लेने का दावा किया. हालांकि, जब सीसीपीए ने कोचिंग संस्थान को नोटिस भेजा, तो उसने स्पष्ट किया कि 682 उम्मीदवारों में से 673 ने उसके संस्थान में मॉक इंटरव्यू दिया और 9 उम्मीदवारों ने टेस्ट सीरीज और सामान्य अध्ययन जैसे पाठ्यक्रमों में दाखिला लिया था.
अधिकारी ने कहा, कोचिंग संस्थान ने यह निर्दिष्ट नहीं किया कि अधिकांश सफल उम्मीदवारों ने केवल मॉक इंटरव्यू और टेस्ट का लाभ उठाया.
उन्होंने कहा कि देश में कोचिंग उद्योग का मौजूदा बाजार राजस्व 58,088 करोड़ रुपये है. लगभग 2 लाख से अधिक छात्र हर साल कोटा पहुंचते हैं.
उनके अनुसार, 20 कोचिंग संस्थानों में से चार के खिलाफ जुर्माना लगाया गया है. चार संस्थानों में से दो ने जुर्माना जमा कर दिया है, जबकि अन्य दो ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है.
खरे ने कहा, ‘अगर कोचिंग संस्थानों द्वारा उचित खुलासा किया जाता है, तो उपभोक्ताओं को धोखा देने की घटनाएं कम होंगी.’ उन्होंने कहा कि विभिन्न कोचिंग संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई अलग-अलग चरणों में है.