राजस्थान के कोटा में आईआईटी की तैयारी कर रहे 20 वर्षीय छात्र रोशन वर्मा ने उत्तर प्रदेश के बलिया में अपने घर पर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. वह छुट्टी पर घर आए थे. पिछले कुछ महीनों में कोचिंग हब कहे जाने वाले कोटा शहर में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों की आत्महत्या के मामलों में चिंताजनक वृद्धि हुई है.
नई दिल्ली: राजस्थान के कोटा शहर में इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा (आईआईटी) की तैयारी कर रहे एक 20 वर्षीय छात्र ने उत्तर प्रदेश के बलिया में अपने घर पर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. पुलिस ने यह जानकारी दी.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने बताया कि सोमवार (23 अक्टूबर) की रात देवकी छपरा गांव में रोशन वर्मा अपने घर के बरामदे में परिवार के सदस्यों के साथ सो रहे थे. किसी समय वह अपने कमरे में गए और पंखे से फांसी लगा ली. उनके परिवार को अगली सुबह घटना के बारे में पता चला.
12वीं कक्षा की परीक्षा पूरी करने के बाद रोशन कोटा में आईआईटी की तैयारी कर रहे थे. पुलिस ने बताया कि वह छुट्टी पर घर आए थे.
परिवार के मुताबिक, रोशन पिछले कुछ दिनों से तेज सिरदर्द से पीड़ित थे और उनका इलाज चल रहा था. ऐसा माना जा रहा है कि इसी वजह से उन्होंने आत्महत्या की.
एसएचओ धर्मवीर सिंह ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है.
उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ महीनों में कोचिंग हब कहे जाने वाले कोटा शहर में आत्महत्या के मामलों में चिंताजनक वृद्धि हुई है.
बीते 29 सितंबर को उत्तर प्रदेश के महराजगंज के मूल निवासी 20 वर्षीय छात्र मोहम्मद तनवीर ने आत्महत्या कर ली थी. वह मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट/NEET) की तैयारी कर रहे थे.
बीते 18 सितंबर को कोटा में विज्ञान नगर इलाके में राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा (नीट) की तैयारी कर रही एक 16 वर्षीय छात्रा ने अपने छात्रावास के कमरे में कथित तौर पर जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी.
बीते 13 सितंबर को झारखंड की एक 16 वर्षीय छात्रा की विज्ञान नगर में आत्महत्या से मृत्यु हो गई थी. इससे पहले 27 अगस्त को बिहार और महाराष्ट्र के दो अन्य नीट छात्रों की भी कोचिंग संस्थान में साप्ताहिक परीक्षा देने के छह घंटे के भीतर आत्महत्या से मौत हो गई थी.
15 अगस्त को बिहार का एक 18 वर्षीय छात्र, जो इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए जेईई की तैयारी कर रहे थे, ने महावीर नगर इलाके में अपने पेइंग गेस्ट (पीजी) आवास में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी.
पुलिस आंकड़ों के मुताबिक, कोटा में 2022 में 15, 2019 में 18, 2018 में 20, 2017 में सात, 2016 में 17 और 2015 में 18 छात्रों की आत्महत्या से मौत हुई है. 2020 और 2021 में कोई आत्महत्या नहीं हुई थी.