उत्तरी गोवा के एक सरकारी कॉलेज के कार्यवाहक प्रिंसिपल के छात्रों के एक समूह द्वारा संत सोहिरोबनाथ अंबिये सरकारी कॉलेज के आर्ट्स एंड कॉमर्स हॉल में सरस्वती पूजा करने के अनुरोध को अस्वीकार करने पर विवाद हुआ था. अब उनका डेपुटेशन पूरा होने का हवाला देते हुए उन्हें कार्यमुक्त कर दिया गया है.
नई दिल्ली: उत्तरी गोवा के एक सरकारी कॉलेज के कार्यवाहक प्रिंसिपल को संत सोहिरोबनाथ अंबिये सरकारी कॉलेज के आर्ट्स एंड कॉमर्स हॉल में ‘सरस्वती पूजा’ कार्यक्रम आयोजित करने के छात्रों के एक समूह के अनुरोध को अस्वीकार करने के उनके फैसले पर हुए विवाद के बाद पद से हटा दिया गया.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, उच्च शिक्षा निदेशालय द्वारा बुधवार को जारी एक आदेश में कहा गया है, ‘प्रोफेसर फ़िलिप रोड्रिग्स ई’मेलो, जो कई वर्षों तक कॉलेज के प्रिंसिपल थे, को उनके दायित्वों से मुक्त कर दिया गया है और सार्वजनिक हित में तत्काल प्रभाव से उनके मूल संस्थान, सेंट जेवियर्स कॉलेज वापस भेज दिया गया है.’
सरकारी आदेश में निर्णय के लिए कोई कारण नहीं बताया गया है. पूछे जाने पर उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने विस्तार से बताने से इनकार कर दिया और जोर देकर कहा कि कहने के लिए और कुछ नहीं है.
घटनाओं से अवगत एक व्यक्ति ने बताया कि कॉलेज के प्रिंसिपल को तब बाहर कर दिया गया क्योंकि उन्होंने छात्रों के एक समूह को उस कार्यक्रम को आयोजित करने से रोक दिया था, जिसे मंजूरी नहीं दी गई थी.
उन्होंने कहा, ‘छात्रों ने जोर दिया था कि उन्हें कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति दी जाए. यह कोई औपचारिक कार्यक्रम नहीं था और इसमें कोई मूर्ति शामिल नहीं थी, बल्कि एक फ्रेम वाली तस्वीर थी. जब छात्रों को अनुमति से इनकार कर दिया गया, तो उन्होंने कहा कि वे किसी भी तरह ऐसा करेंगे.’
ओ हेराल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, कॉलेज की आंतरिक समिति ने यह कहते हुए कॉलेज हॉल में छात्रों को सरस्वती पूजन की अनुमति देने से इनकार कर दिया था कि सरकारी कॉलेजों में इस तरह की धार्मिक प्रथाओं की अनुमति नहीं है. हालांकि, एबीवीपी से संबद्ध छात्रों ने शनिवार को परिसर के एक गलियारे में सरस्वती पूजन किया.
संपर्क करने पर उच्च शिक्षा निदेशक भूषण सवाइकर ने कहा कि प्रोफेसर रोड्रिग्स को उनका डेपुटेशन पूरा होने पर कार्यमुक्त किया गया है.
सवाइकर ने कहा, ‘वह (प्रोफेसर रोड्रिग्स) एक सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेज से थे. उन्हें गवर्नमेंट कॉलेज में प्रतिनियुक्ति पर लाया गया था. उनका कार्यकाल समाप्त हो गया था, इसलिए हमने उन्हें कार्यमुक्त कर दिया.’
ज्ञात हो कि इससे पहले सितंबर महीने में राज्य के डाबोलिम में एक वर्कशॉप के लिए छात्रों को मस्जिद ले जाने पर निजी स्कूल के प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया गया था.