धार्मिक उत्पीड़न, नौकरी की कमी से रिकॉर्ड संख्या में भारतीय अवैध रूप से अमेरिका पहुंच रहे हैं

एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले अक्टूबर से सितंबर तक भारत से लगभग 42,000 लोगों ने अवैध रूप से अमेरिका की दक्षिणी सीमा पार की है. यह संख्या पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में दोगुनी से भी अधिक है. इस साल अकेले सितंबर में 8,076 भारतीयों को विभिन्न मार्गों से अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने के दौरान गिरफ़्तार किया गया था.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: विकिपीडिया)

एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले अक्टूबर से सितंबर तक भारत से लगभग 42,000 लोगों ने अवैध रूप से अमेरिका की दक्षिणी सीमा पार की है. यह संख्या पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में दोगुनी से भी अधिक है. इस साल अकेले सितंबर में 8,076 भारतीयों को विभिन्न मार्गों से अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने के दौरान गिरफ़्तार किया गया था.

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नई दिल्ली: अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल ने यूएस कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन द्वारा संकलित आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया है कि पिछले अक्टूबर से सितंबर तक शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष के दौरान भारत से लगभग 42,000 प्रवासियों ने अवैध रूप से दक्षिणी सीमा पार की है.

रिपोर्ट के अनुसार, यह संख्या पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में दोगुनी से भी अधिक है, जब अवैध रूप से अमेरिकी सीमा पार करने वाले भारतीयों की संख्या ऐतिहासिक आंकड़े का छू गई.

समाचार वेबसाइट डीडब्ल्यू ने माइग्रेशन पॉलिसी इंस्टिट्यूट की 2022 रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया है कि अक्टूबर 2021 से सितंबर 2022 तक अमेरिकी सीमा अधिकारियों ने भारतीय प्रवासियों को अपनी दक्षिणी सीमा पर 18,300 बार रोका. रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल अमेरिकी अधिकारियों ने ऐसी 2,600 घटनाएं दर्ज की थीं.

इस साल अकेले सितंबर में 8,076 भारतीयों को अमेरिका की कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने गिरफ्तार किया था, जब उन्होंने विभिन्न मार्गों से अवैध रूप से देश में प्रवेश करने की कोशिश की थी. यूएस कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन के आंकड़ों से पता चलता है कि कुल संख्या में से 3,059 भारतीयों को अकेले यूएस-कनाडा सीमा से गिरफ्तार किया गया था.

2007 के बाद से एक वित्तीय वर्ष में भारतीयों द्वारा अवैध सीमा पार करने की कुल संख्या केवल चार बार 5,000 से अधिक हुई है. वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, पकड़े जाने से बचने के दौरान गिरफ्तार होने के बजाय लगभग सभी भारतीय खुद को बॉर्डर पेट्रोल के हवाले कर देते हैं, क्योंकि वे अमेरिका में शरण मांगना चाहते हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत से आने वाले लगभग 80 प्रतिशत प्रवासी एकल वयस्क हैं. इसमें कहा गया है कि उनमें से अधिकांश डंकी उड़ान (Donkey Flights – तस्करों द्वारा अवैध रूप से प्रवासियों को पश्चिमी देशों में भेजने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द) लेने के बाद एरिजोना से होकर उन देशों से आते हैं, जहां भारतीय नागरिकों के लिए वीजा की आवश्यकता नहीं होती है या जहां यात्रा वीजा प्राप्त करने की प्रक्रिया आसान होती है.

राजकुमार हिरानी द्वारा निर्देशित और शाहरुख खान अभिनीत आगामी बॉलीवुड फिल्म डंकी इन ‘डंकी उड़ानों’ पर आधारित है, जिनका उपयोग अमेरिका में अवैध आप्रवासियों के लिए किया जाता है.

रिपोर्ट में अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने वाले भारतीय प्रवासियों की बढ़ती संख्या पर प्रकाश डाला गया है.

प्रवासियों की मदद करने वाली एक गैर-लाभकारी संस्था कासा एलिटास के निदेशक डिएगो पेनिया लोपेज़ ने वॉल स्ट्रीट जर्नल को बताया कि उनके संगठन को आहार प्रतिबंधों पर पुनर्विचार करना पड़ा है और धार्मिक तथा सांस्कृतिक मतभेदों पर विचार करना पड़ा है, क्योंकि वे अब बड़ी संख्या में भारतीय प्रवासियों को देख रहे हैं.

उन्होंने कहा, ‘यह एक वार्षिक बात हुआ करती थी कि गर्मियों में हम भारत से छोटे-छोटे समूह में लोगों को आते देखते थे. अब हम लगभग हर दिन भारत से आए लोगों को देख रहे हैं.’

इमिग्रेशन वकील दीपक अहलूवालिया, जो अर्शदीप सिंह का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, जिन्हें कथित तौर पर भारतीय जनता पार्टी से जुड़े लोगों द्वारा धमकी दिए जाने के बाद भारत छोड़ने के लिए मजबूर किया गया था, ने वॉल स्ट्रीट जर्नल को बताया कि भारत में राजनीतिक और धार्मिक उत्पीड़न के कारण शरण लेने के मामलों की संख्या बढ़ रही है, जिसमें सिख समुदाय के लोगों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीयों के अमेरिका में अवैध रूप से प्रवास करने का एक अन्य कारण उनके अपने देश में आर्थिक अवसरों की कमी है.

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