केरल: विभिन्न समूहों के बीच ‘शत्रुता को बढ़ावा देने’ के आरोप में भाजपा नेता अनिल एंटनी पर केस

केरल पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट साझा करने के लिए भाजपा नेता अनिल के. एंटनी के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर बुर्का पहने महिलाओं से जुड़ीं एक घटना पर टिप्पणी की थी. मंगलवार को ही केंद्रीय राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर के ख़िलाफ़ सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक बयान देने के लिए केस दर्ज किया था.

भाजपा नेता अनिल के. एंटनी. (फोटो साभार: फेसबुक)

केरल पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट साझा करने के लिए भाजपा नेता अनिल के. एंटनी के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर बुर्का पहने महिलाओं से जुड़ीं एक घटना पर टिप्पणी की थी. मंगलवार को ही केंद्रीय राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर के ख़िलाफ़ सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक बयान देने के लिए केस दर्ज किया था.

भाजपा नेता अनिल के. एंटनी. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: केरल पुलिस ने बीते मंगलवार (31 अक्टूबर) को सोशल साइट एक्स पर एक पोस्ट साझा करने के मामले में भाजपा के राष्ट्रीय सचिव अनिल के. एंटनी के खिलाफ गैर-जमानती मामला दर्ज किया.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, कासरगोड साइबर पुलिस ने अनिल के. एंटनी पर आईपीसी की धारा 153ए के तहत मामला दर्ज किया, जो धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने से संबंधित है.

पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेते हुए बीते 28 अक्टूबर को मामला दर्ज किया था और मंगलवार को अनिल को आरोपी बनाया गया.

यह मामला 27 अक्टूबर को एक्स पर एक पोस्ट से उपजा, जब एंटनी ने एक बस में हंगामा कर रहीं महिलाओं का एक वीडियो साझा किया था. उन्होंने पोस्ट को इस टिप्पणी के साथ साझा किया था, ‘यह धर्मनिरपेक्षता का ब्रांड है, जिसे कांग्रेस और माकपा के नेतृत्व वाला इंडिया गठबंधन राष्ट्रीय मुख्यधारा में लाना चाहता है. उत्तरी केरल में बुर्के के बिना कोई भी बस यात्रा नहीं कर सकता.’

उनकी इस टिप्पणी की काफी आलोचना हुई. वीडियो में कॉलेज के छात्रों, जिसमें ज्यादातर मुस्लिम लड़कियां थीं, को एक बस में विरोध प्रदर्शन करते हुए दिखाया गया है. इसमें बिना बुर्के वाली एक महिला को उनके कार्यों पर स्पष्ट रूप से उनके साथ बहस करते हुए देखा जा सकता है.

मंगलवार को ही केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर के खिलाफ एक्स पर किए उनके उस पोस्ट के चलते एफआईआर दर्ज की थी, जिसमें उन्होंने राज्य में बीते 29 अक्टूबर को एक ईसाई प्रार्थना सभा में हुए धमाकों के लिए ‘हमास द्वारा जिहाद के खुले आह्वान’ को जिम्मेदार ठहराया था.

पोस्ट में उन्होंने मुख्यमंत्री पिनराई विजयन पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए लिखा था कि वह दिल्ली में बैठकर इजरायल के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, जबकि केरल में आतंकवादी संगठन हमास द्वारा जिहाद के खुले आह्वान के कारण निर्दोष ईसाइयों पर हमले और बम विस्फोट हो रहे हैं.

मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा था कि उनका बयान उनके सांप्रदायिक एजेंडे पर आधारित है. विजयन ने संवाददाताओं से कहा था, ‘जो लोग जहरीले हैं, वे जहर उगलते रहेंगे.’

चंद्रशेखर के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 (दंगा भड़काने के मकसद से उकसाना), 153ए (धर्म, नस्ल, जन्म स्थान, निवास स्थान के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना) और केरल पुलिस अधिनियम की धारा 120 (ओ) (अव्यवस्था पैदा करना और लोक व्यवस्था को भंग करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है.

मालूम हो कि केरल के कोच्चि जिले के कलामासेरी में एक ईसाई प्रार्थना सभा में हुए विस्फोट में तीन लोगों की मौत हो गई थी.