मोइत्रा ने संसद समिति से पूछा- भाजपा सांसद बिधूड़ी के प्रति अलग दृष्टिकोण क्यों अपनाया गया

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने संसद की एथिक्स समिति को पत्र लिख कहा है कि भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने संसद में बसपा सांसद दानिश अली के ख़िलाफ़ मुस्लिम विरोधी हेट स्पीच का इस्तेमाल किया था. अक्टूबर में व्यस्तताओं का हवाला देते हुए वह संसदीय समिति के समक्ष पेश नहीं हुए. उन्होंने कहा कि इस दोहरे मापदंड में राजनीतिक उद्देश्यों की बू आती है.

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा. (फोटो: द वायर)

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने संसद की एथिक्स समिति को पत्र लिख कहा है कि भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने संसद में बसपा सांसद दानिश अली के ख़िलाफ़ मुस्लिम विरोधी हेट स्पीच का इस्तेमाल किया था. अक्टूबर में व्यस्तताओं का हवाला देते हुए वह संसदीय समिति के समक्ष पेश नहीं हुए. उन्होंने कहा कि इस दोहरे मापदंड में राजनीतिक उद्देश्यों की बू आती है.

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा. (फोटो: द वायर)

नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा ने संसदीय आचार समिति (एथिक्स कमेटी) के अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी के सांसद विनोद कुमार सोनकर को पत्र लिखकर पूछा है कि जब उन्हें पूछताछ के लिए बुलाने की बात आई तो सदन के विशेषाधिकार और नैतिकता निदेशालय द्वारा उनके और भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी के प्रति ‘अलग दृष्टिकोण’ क्यों अपनाया गया.

बिधूड़ी ने संसद में बहुजन समाज पार्टी के सांसद दानिश अली के खिलाफ मुस्लिम विरोधी हेट स्पीच का इस्तेमाल किया था. बीते अक्टूबर माह में बिधूड़ी ‘पूर्व व्यस्तताओं’ का हवाला देते हुए इस मुद्दे पर संसदीय समिति की बैठक में शामिल नहीं हुए थे.

बीते 26 अक्टूबर को जैसे ही एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष विनोद कुमार सोनकर ने पत्रकारों को बताया कि कमेटी ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा दायर कैश-फॉर-क्वेरी शिकायत में मोइत्रा को 31 अक्टूबर को तलब करने का फैसला किया है, तब मोइत्रा ने ने पत्र लिखकर उनसे 5 नवंबर तक का समय मांगा था.

उन्होंने वार्षिक दुर्गा पूजा समारोह के कारण अपने निर्वाचन क्षेत्र में व्यस्तता का हवाला दिया था. हालांकि, उनके अनुरोध को दरकिनार करते हुए सोनकर ने उन्हें 2 नवंबर को एथिक्स कमेटी के सामने पेश होने के लिए कहा.

जवाब में मोइत्रा ने बीते 31 अक्टूबर को सोनकर को बिधूड़ी मामले और विरोधाभास पर प्रकाश डालते हुए लिखा:

‘इसके ठीक विपरीत भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी के मामले में एक बहुत ही अलग दृष्टिकोण अपनाया गया है, जिनके खिलाफ नफरती भाषण (जो खुले तौर पर सदन के पटल पर दिया गया था) की एक बहुत ही गंभीर शिकायत विशेषाधिकार और नैतिकता शाखा में लंबित है, जिसमें शिकायतकर्ता इसी समिति (एथिक्स कमेटी) के सदस्य दानिश अली हैं. सांसद बिधूड़ी को मौखिक साक्ष्य देने के लिए 10 अक्टूबर, 2023 को बुलाया गया था और (विशेषाधिकार) समिति को सूचित किया गया था कि वह राजस्थान में चुनाव प्रचार कर रहे हैं और इसमें भाग नहीं लेंगे.’

इस तथ्य को रेखांकित करते हुए कि अभी तक उनकी सुनवाई की कोई और तारीख नहीं दी गई है, मोइत्रा ने कहा, ‘मैं रिकॉर्ड पर रखना चाहती हूं कि इस दोहरे मापदंड में राजनीतिक उद्देश्यों की बू आती है और विशेषाधिकार और नैतिकता शाखा की विश्वसनीयता को बढ़ाने में बहुत कम योगदान देते हैं.’

बीते 1 नवंबर को सोशल साइट एक्स पर साझा किए गए पत्र में मोइत्रा ने कहा है कि अध्यक्ष ने स्वयं समिति की पहली बैठक के घटनाक्रम को सार्वजनिक किया था.

इस प्रकार मोइत्रा ने कहा कि उन्होंने शिकायतकर्ता और वकील जय अनंत देहाद्राई से जिरह करने की भी मांग की है, क्योंकि उन्होंने 26 अक्टूबर को ‘लिखित शिकायत (समिति को)’ या अपनी ‘मौखिक सुनवाई’ में अपने आरोपों को साबित करने के लिए कोई दस्तावेजी सबूत नहीं दिया है.

देहाद्राई का दावा है कि व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी ने सांसद मोइत्रा को उनके आधिकारिक अकाउंट से संसद में लिखित प्रश्न रखने के बदले रिश्वत दी थी.

उन्होंने यह भी सुझाव दिया है कि हीरानंदानी को भी समिति के सामने पेश होने के लिए बुलाया जाए, क्योंकि वह कथित ‘रिश्वत देने वाले’ हैं, जिसने समिति को ‘बहुत कम विवरण और दस्तावेजी सबूत के बिना’ ‘स्वतः संज्ञान’ हलफनामा प्रस्तुत किया था.

उन्होंने हीरानंदानी और देहाद्राई दोनों से जिरह करने का अधिकार मांगा और स्पष्ट रूप से कहा कि वह इस अनुरोध को रिकॉर्ड पर रखना चाहती है.

पत्र में मोइत्रा ने यह भी बताया कि एथिक्स कमेटी, अन्य सभी संसदीय समितियों की तरह, ‘कथित आपराधिकता के आरोपों की जांच करने के लिए उपयुक्त मंच’ नहीं है, क्योंकि इसका कोई आपराधिक क्षेत्राधिकार नहीं है. यह (केवल) कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा किया जा सकता है.

बीते 26 अक्टूबर को निशिकांत दुबे की शिकायत से निपटने के लिए लोकसभा अध्यक्ष द्वारा गठित एथिक्स समिति की पहली बैठक के बाद अध्यक्ष ने संवाददाताओं से कहा था कि उन्होंने दुबे और देहाद्राई के आरोपों से निपटने में मदद के लिए गृह मंत्रालय से मदद मांगी है.

मोइत्रा ने समिति को किसी भी सरकारी विभाग से प्राप्त रिपोर्ट की एक प्रति मांगी है और कहा कि संसद में भारी बहुमत का आनंद ले रहीं सरकारों द्वारा समितियों के थोड़े से भी दुरुपयोग को रोकने के लिए हमारे देश के संस्थापकों द्वारा विशेष रूप से बनाए गए नियंत्रण और संतुलन का हवाला देते हुए उन्हें ‘संबंधित विभाग से आगे जिरह करने की अनुमति दी जानी चाहिए’.

उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि हालांकि एथिक्स कमेटी की परिचयात्मक मार्गदर्शिका में यह आश्वासन दिया गया है कि सांसदों के पालन के लिए एक अचार संहिता बनाई जाएगी, लेकिन यह अभी तक नहीं किया गया है. और यह कि समिति की पिछले दो वर्षों में एक बार भी बैठक नहीं हुई है. ‘एक संरचित आचार संहिता की कमी को देखते हुए यह और भी महत्वपूर्ण है कि प्रत्येक मामले को उद्देश्यपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से निपटाया जाए और राजनीतिक पक्षपात के लिए कोई जगह न रहे.’

उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि हालांकि आचार समिति की परिचयात्मक मार्गदर्शिका में यह आश्वासन दिया गया था कि सांसदों के पालन के लिए एक आचार संहिता बनाई जाएगी, लेकिन ऐसा अब तक नहीं किया गया है और समिति की पिछले दो वर्षों में एक बार भी बैठक नहीं हुई है.

उन्होंने कहा, ‘एक संरचित आचार संहिता की कमी को देखते हुए यह और भी महत्वपूर्ण है कि प्रत्येक मामले को उद्देश्यपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से निपटाया जाए और राजनीतिक पक्षपात के लिए कोई जगह न रहे.’

इस रिपोर्ट को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq bandarqq dominoqq pkv games slot pulsa pkv games pkv games bandarqq bandarqq dominoqq dominoqq bandarqq pkv games dominoqq